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electricity duty | राजस्थान: सरकार वसूल सकेगी प्रति यूनिट एक रुपए विद्युत शुल्क और 50 पैसे सेस

locationजयपुरPublished: Aug 03, 2023 01:57:32 am

न चर्चा, न सरकार का जवाब: बिना बहस 5 मिनट में राजस्थान विद्युत (शुल्क) विधेयक-2023 पारित

rajasthan assembly

rajasthan assembly.

जयपुर। राज्य सरकार अब प्रति यूनिट एक रुपए तक विद्युत शुल्क और 50 पैसे तक सेस वसूल सकेगी। सरकार ने यह अधिकार प्राप्त करने के लिए बुधवार को विधान सभा से राजस्थान विद्युत (शुल्क) विधेयक – 2023 पारित करा लिया। इस बीच विपक्ष वैल में हंगामा करता रहा और महज पांच मिनट में विधेयक पारित हो गया।
संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने 61 साल पुराने कानून के स्थान पर राजस्थान विद्युत (शुल्क) विधेयक – 2023 चर्चा के लिए सदन में पेश किया। इस पर माकपा के बलवान पूनिया को छोडकर किसी ने विचार नहीं रखे। पूनिया ने कहा कि विद्युत चोरी के मामले में घरेलू उपभोक्ताओं और बड़े उपभोक्ताओं के साथ एक समान व्यवहार होना चाहिए। ढाणियों में विद्युत कनेक्शन मिलने में देरी का मुद्दा भी उन्होंने उठाया।
सरकार इसलिए बदल रही कानून
राजस्थान विद्युत (शुल्क) अधिनियम 1962 भारतीय विद्युत अधिनियम 1910 के प्रावधानों पर आधारित था, लेेकिन केन्द्र सरकार ने 2003 में अपना कानून बदल दिया और यहां पुराना कानून अस्तित्व में था। इस बीच बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन और सप्लाई मैनेजमेंट सिस्टम में काफी बदलाव हो चुका है।
सरकार का दावा, नहीं बदली बिजली की दरें
घरेलू, कृषि एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं की बिजली की दरों में कोई बदलाव नहीं किया। राजकीय उपक्रमों को छोड़कर सभी सरकारी संस्थानों, रेलवे, 100 वोल्ट से कम वोल्टेज बिजली उत्पादन करने वाले, सभी सरकारी शैक्षणिक संस्थान और अस्पताल-डिस्पेंसरी तथा सार्वजनिक पूजा स्थल को विद्युत शुल्क से मुक्त रखा है।
यह किया बदलाव
पुराने कानून में राज्य सरकार के संस्थानों को विद्युत शुल्क से मुक्त नहीं रखा गया था, अब उनको भी छूट का लाभ दिया गया है। इसके अलावा विद्युत शुल्क और सेस की अधिकतम सीमा भी नहीं थी। पुराने कानून में जल संरक्षण व नगरीय उपकर दोनों के लिए अलग-अलग धाराएं थी, अब उपकर का प्रावधान एकसाथ कर उसे अधिकतम 50 पैसे कर दिया है। विधेयक में स्पष्ट किया है कि उपकर का मूलभूत सुविधाओं जैसे रेल, सडक परिवहन, संचार, बिजली सप्लाई, सीवरेज व ड्रेनेज, जल संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण या स्ट्रीट लाइट व सफाई जैसी सार्वजनिक सुविधाओं आदि के साथ शहरी निकाय व पंचायती राज संस्थाओं के कार्यों के लिए उपयोग हो सकेगा।
विद्युत शुल्क 7 बार बढ़ा- राठौड़
नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने विधानसभा में बार-बार विद्युत दरों में बदलाव न करने की बात कही, लेकिन सात बार दरें बढ़ा दी गईं। प्रदेश के 1 करोड़ 39 लाख उपभोक्ताओं को फ्यूल सरचार्ज लगाकर महंगी बिजली दी गई। महंगा कोयला महंगी बिजली के नाम पर उपभोक्ताओं पर भार डाला गया। सेस से मुफ्त बिजली वाले उपभोक्ताओं को बाहर नहीं रखा गया है। प्रति यूनिट एक रुपए विद्युत शुल्क व 50 पैसे सेस लगाने का भाजपा प्रदेशव्यापी विरोध करेगी।

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