भरतपुर आश्रम में भावुक मिलन ने फिर से जीवित किया परिवार का प्यार, अपना घर आश्रम में डेढ़ साल बाद मिले भाई – बहन

Last Updated:November 12, 2025, 18:40 IST
उत्तराखंड के नैनीताल जिले के उमेश गिरी का अपनी बहन प्रेमा देवी और मां तारा देवी से डेढ़ साल बाद भावुक मिलन हुआ, जब वह मानसिक अस्वस्थता के कारण मई 2024 में घर से निकल गए थे. परिवार ने उन्हें ढूंढने की पूरी कोशिश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. 22 मई 2025 को जोधपुर में लावारिस पाए जाने के बाद उमेश को भरतपुर के अपना घर आश्रम में भर्ती किया गया, जहां उनकी स्थिति में सुधार हुआ.
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भरतपुर. शहर में स्थित अपना घर आश्रम में भावनाओं का सैलाब उमड़ा, जब उत्तराखंड के नैनीताल जिले के निवासी श्री उमेश गिरी का अपनी बहन प्रेमा देवी और मां तारा देवी से डेढ़ साल बाद भावुक मिलन हुआ. यह दृश्य इतना हृदयस्पर्शी था कि वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गई. उमेश गिरी मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण मई 2024 में बिना बताए घर से निकल गए थे. उनके घर न लौटने पर परिवार ने हर जगह उनकी तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला.
थक-हारकर मां तारा देवी और बहन प्रेमा देवी ने लालकुआं थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. समय के साथ परिवार ने उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन 22 मई 2025 को जोधपुर में लावारिस अवस्था में मिले उमेश गिरी को अपना घर आश्रम में भर्ती किया गया. यहां उपचार से उनकी स्थिति में सुधार हुआ, और उन्होंने अपने घर और परिवार के बारे में जानकारी दी.
परिवार के आश्रम पहुंचने पर भाई-बहन का हुआ मिलन
आश्रम की पुनर्वास टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उनके परिवार से संपर्क किया. जब प्रेमा देवी को यह जानकारी मिली कि उनका भाई जीवित है और भरतपुर में है, तो वह खुशी से अभिभूत हो गई, उन्होंने तुरंत मां तारा देवी और देवर गोपालनाथ के साथ भरतपुर जाने का निर्णय लिया. परिवार के आश्रम पहुंचने पर भाई-बहन का मिलन हुआ, दोनों भावनाओं को काबू नहीं रख सके और एक-दूसरे से लिपटकर रो पड़े. यह दृश्य हर किसी को भावुक कर गया.
प्रेमा देवी ने लोकल 18 को बताया, “हमने भाई को ढूंढने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन जब कोई खबर नहीं मिली तो उम्मीद ही टूट गई थी. आज भाई को जीवित देख हमारी आंखों में फिर से खुशी और उम्मीद लौट आई है.” सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद आश्रम प्रशासन ने उमेश गिरी को उनके परिवार के सुपुर्द कर दिया. यह मिलन न केवल मानवता का जीवंत उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि संस्थाएं जैसे अपना घर आश्रम समाज में संवेदना और सेवा का प्रतीक बनकर खोए हुए लोगों को उनके परिवार से फिर से जोड़ देती हैं.
Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW…और पढ़ें
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Location :
Bharatpur,Rajasthan
First Published :
November 12, 2025, 18:40 IST
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भरतपुर के अपना घर आश्रम में मिले भाई – बहन, पढ़िए पूरी खबर



