बीहड़ों के पास 22 घाट पर लीजिए 22 नजारे, बुलंद दरवाजे से ऊंचा गेट और सबसे ऊंची नंदी की प्रतिमा

कोटा. चंबल यानि बीहड़ और बीहड़ यानि डकैत. कभी डकैतों के लिए कुख्यात चंबल नदी और बीहड़ अब टूरिज्म के लिए प्रसिद्ध हो रही है. यहां नदी किनारे खूबसूरत नजारे और सैर सपाटा अपनी अलग पहचान बना रहा है. मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा पर दृश्य मन को मोह रहे हैं. यहां दुनिया की सबसे बड़ी नंदी की मूर्ति और चंबल नदी की 225 फीट ऊंची प्रतिमा है.
जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, उदयपुर, सवाई माधोपुर, रणथंभौर, जैसे राजस्थान के टूरिस्ट प्लेस तो हम सब जानते हैं. राजा राजमहल, शान शौक और मरुस्थल से अलग अब यहां नयी टूरिस्ट डेस्टिनेशन तैयार हो गयी है. ये है कोटा में चबल रिवर फ्रंट. ये कोटा का ही नहीं राजस्थान का एक बेहतरीन टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन कर उभरा है. यहां देश-विदेश से सैलानी पहुंच रहे हैं.
चंबल किनारे खूबसूरत नजाराराजस्थान के पर्यटन को नई दिशा देने वाली राज्य की ‘नई पर्यटन नीति’ के कारण इस व्यवसाय से जुड़े सभी लोगों को भरपूर फायदा मिल रहा है. रिवर फ्रंट पर इन दिनों हजारों लोग रोज पहुंच रहे हैं. चंबल रिवर फ्रंट’ चम्बल नदी के दोनों ओर विकसित किया गया है. यहां देश और दुनिया की खूबसूरत संस्कृति और आधुनिकता के साथ हेरिटेज का संगम बखूबी देखा जा सकता हैं.
सबसे बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशनचंबल रिवर फ्रंट प्रदेश का सबसे बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन है. यह लगभग 1,445 करोड़ रुपए की लागत से बना है. और अब तक लाखों सैलानी यहां आ चुके हैं. रात में शानदार रोशनी में ये किसी वर्ल्ड वंडर की तरह नजर आता है. यह फ़्रंट लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है. पहले राजस्थान को झीलों, रेगिस्तान, किले, हवेलियों के रूप से जाना जाता था. लेकिन अब चंबल रिवर फ्रंट राजस्थान के पर्यटन में नई दिशा दे रहा हैं. यहां सैलानियों के आकर्षण का मुख्य केंद्र आकर्षक मूर्तियां, फाउंटेन और लेजर शो हैं.
225 फीट ऊंची संगमरमर की मूर्तिकोटा शहर औद्योगिक नगरी और एजुकेशन सिटी के नाम से अपनी पहचान रखता था. लेकिन अब इस शहर की पहचान टूरिस्ट सिटी के रूप में होने जा रही है. चंबल रिवर फ्रंट पर चंबल माता की 225 फीट ऊंची संगमरमर की मूर्ति लगायी गयी है. साथ ही जवाहर घाट पर है पंडित जवाहरलाल नेहरू का फेस मास्क. अंदर से खड़े होकर इसे देख सकते हैं.
22 घाट-22 नजारेचंबल रिवर फ्रंट पर 22 घाट हैं जिनकी सबकी अपनी विशेषता है. यहां के खूबसूरत नजारों को इन घाटों से देख सकते हैं. दुनिया की सबसे बड़ी नंदी की मूर्ति भी यहीं बनी हुई है. यहां एक गार्डन में वृंदावन के 10 अवतारों की मूर्तियां भी पर्यटकों को देखने मिलेगी साथ ही बुलंद दरवाजे से ऊंचा दरवाजा भी है. यहां का राजपूताना घाट राजस्थान की अपनी अलग संस्कृति वास्तु कला को दर्शाता है.
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FIRST PUBLISHED : May 2, 2024, 20:08 IST