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1 फुट लंबी ये चीज सेहत के लिए अमृत से कम नहीं, 100 से अधिक बीमारियों में दवा से ज्यादा कारगर, विज्ञान ने भी माना लोहा

हाइलाइट्स

सहजन से हेयरफॉल, कील-मुंहासे, एनीमिया, अर्थराइटिस, कफ, अस्थमा जैसी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है.
सहजन की तासीर गर्म होती है इसलिए जिनके शरीर में गर्मी वाली दिक्कत है, उन्हें सहजन का सेवन नहीं करना चाहिए

Shahjan benefits in hindi: अगर इसे अमृत कहे तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होनी चाहिए. यह ऐसा जादुई औषधि है जिसका हर चीज काम का है. जी हां, हम बात कर रहे हैं सहजन की. सहजन का पौधा ऐसा पौधा है जिसका हर चीज औषधिय गुणों से भरपूर है. इसकी जड़ से लेकर इसकी पत्तियां और इसमें निकलने वाली सब्जी, सब कुछ काम का है. सहजन 1 फुट से ज्यादा लंबा हो जाता है जो स्टीक की तरह होती है. इसलिए इसे ड्रम स्टीक भी कहा जाता है. आयुर्वेद में दावा किया गया है कि सहजन से 300 तरह की बीमारियों का इलाज किया जाता है. विज्ञान ने भी इस बात का लोहा मान लिया है कि सहजन बेशकीमती हीरा है जो कई बीमारियों में दवा से ज्यादा असरदार है.

ब्लड शुगर का करता है अंत
हेल्थलाइन की खबर के मुताबिक कई अध्ययनों में पाया गया है कि सहजन हाई ब्लड शुगर को बहुत हद तक कम कर देता है. ब्लड शुगर के कारण हार्ट डिजीज का जोखिम बढ़ जाता है. पबमेड सेंट्रल जर्नल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक 30 महिलाओं को जब 7 ग्राम तक सहजन की पत्तियों के पाउडर को रोजाना दिया गया तो ब्लड शुगर का लेवल 13.5 प्रतिशत तक कम हो गया. इसके अलावा कई और अध्ययनों में भी सहजन के प्रभाव को ब्लड शुगर पर मापा गया. अध्ययन के मुताबिक रोजाना 50 ग्राम सहजन का पाउडर ब्लड शुगर 21 प्रतिशत से ज्यादा कम कर देता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि सहजन में आइसोथियोसाइनेट्स कंपाउड के कारण ब्लड शुगर नहीं बढ़ता है.

300 बीमारियों में असरदार
सोशल मीडिया पर आयुर्वेदिक डॉक्टर दीक्षा भावसार ने लिखा है कि सहजन या मोरिंगा चमात्कारिक पेड़ है जिससे 300 तरह की बीमारियों का इलाज किया जा सकता है. सहजन से हेयरफॉल, कील-मुंहासे, एनीमिया, अर्थराइटिस, कफ, अस्थमा जैसी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है. यह इम्यूनिटी को भी बूस्ट करता है. मोरिंगा या सहजन एंटीबायोटिक, एनालजेसिक, एंटीऑक्सीडेंट्, एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटीकैंसर, एंटीडायबेटिक, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुणों से भरपूर है. यह शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करता है. इसके साथ ही हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कम करता है. सहजन से किडनी और लिवर को डिटॉक्सीफाई किया जा सकता है. वेट लॉस में सहजन बहुत फायदेमंद है. सहजन मेटाबोलिज्म को बूस्ट करता है. यह थायरॉयड के फंक्शन को ठीक करता है. नई मां में यह दूध के प्रोडक्शन को बढाता है.

कितना डोज रोजाना जरूरी
डॉ. दीक्षा भावसार कहती हैं कि इसे आप रोजाना की डाइट में भी शामिल कर सकते हैं. अगर रोजना सहजन न खा सके तो इसकी पत्तियों के पाउडर का सेवन रोज एक चम्मच करें, इससे कई बीमारियों से दूर रहेंगे. इसे आप आटे के साथ मिला दें, इससे भी फायदे होंगे. इसके अलावा इसे आप ड्रिंक या स्मूदी में भी मिलाकर पी सकते हैं. हालांकि एक चम्मच पाउडर से ज्यादा न लें.

किसे नहीं खाना चाहिए
सहजन की तासीर गर्म होती है इसलिए जिनके शरीर में गर्मी वाली दिक्कत है, उन्हें सहजन का सेवन नहीं करना चाहिए. जैसे एसिडिटी, ब्लीडिंग, पाइल्स, हैवी पीरियड्स, कील-मुंहासे से पीड़ित व्यक्तियों को सहजन नहीं खाना चाहिए. यदि आप मोरिंगा या सहजन को डेली डाइट में शामिल करना चाहते हैं तो पहले डॉक्टर से जरूर परामर्श ले लें.

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Tags: Health, Health tips, Lifestyle

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