बेटे की मौत के सालों बाद भी बुजुर्ग के घर में गूंजेगी किलकारी ! फ्रोजन स्पर्म से होगा कमाल, जानें क्या है यह
All About Sperm freezing: एक 30 वर्षीय युवक की साल 2020 में ब्लड कैंसर के कारण मौत हो गई थी. हालांकि मौत से पहले उस शख्स ने अपना स्पर्म फ्रीज करवा दिया था, ताकि भविष्य में उसके कोई संतान हो जाए. जब युवक की मौत हो गई, तो उसके बुजुर्ग माता-पिता ने उस हॉस्पिटल से संपर्क किया, जहां उनके बेटे के स्पर्म को क्रायोप्रिजर्व यानी फ्रीज किया गया था. हालांकि अस्पताल ने स्पर्म सैंपल रिलीज करने से इनकार कर दिया, जिससे परिवार बहुत दुखी और उन्होंने इस सैंपल की उम्मीद को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
करीब 4 साल से ज्यादा कोर्ट में केस चला और आखिरकार दिल्ली हाईकोर्ट ने अब उस हॉस्पिटल को आदेश दिया है कि वह बुजुर्ग दंपति को सरोगेसी के लिए मृत बेट के फ्रोजन स्पर्म सैंपल्स सौंप दे. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि भारतीय कानून सहमति होने पर मरणोपरांत प्रजनन पर रोक नहीं लगाता है. देश का कानून स्पर्म के सैंपल को व्यक्ति की बायोलॉजिक मटीरियल माना है और इसे व्यक्ति की प्रॉपर्टी मानता है. कोर्ट ने पिछले सप्ताह इस मामले पर सुनवाई की और महत्वपूर्ण फैसला लिया. जानकार कोर्ट के इस फैसले को ऐतिहासिक मान रहे हैं.
क्या है स्पर्म फ्रीजिंग और क्यों करवाते हैं लोग?
यूपी के वाराणसी स्थित अपोलो फर्टिलिटी की सीनियर कंसल्टेंट और IVF स्पेशलिस्ट डॉ. शिवाली त्रिपाठी ने को बताया कि स्पर्म फ्रीजिंग वीर्य (Sperm) या टेस्टिकुलर टिश्यूज को बेहद कम तापमान पर फ्रीज करके स्टोर करने की एक प्रक्रिया है. इसे प्रक्रिया को क्रायोप्रिजर्वेशन भी कहा जाता है. इसमें पुरुषों के स्पर्म को जरूरी टेस्टिंग के बाद लिक्विड नाइट्रोजन में फ्रीज किया जाता है. फिर उसे स्टोर करके रख दिया जाता है. इस प्रोसेस के जरिए आप स्पर्म को कई सालों तक आसानी से सुरक्षित रख सकते हैं. जब जरूरत हो तब उसे निकालकर गर्भाधान के लिए उपयोग कर सकते हैं. फ्रीज किए गए स्पर्म बेहद कम तापमान में 50-70% तक सुरक्षित बचे रहते हैं.
कौन-कौन से लोग करवाते हैं स्पर्म फ्रीजिंग?
डॉक्टर शिवाली ने बताया कि आज के जमाने में स्पर्म फ्रीजिंग का ट्रेंड बढ़ रहा है. लोग स्पर्म फ्रीजिंग का विकल्प इसलिए चुनते हैं ताकि वे भविष्य में आसानी से संतान सुख प्राप्त कर सकें. अगर किसी पुरुष को कोई बीमारी होती है, तो वह ऐसा करवा लेते हैं, ताकि फ्यूचर में इसके जरिए बच्चा पैदा हो सके. इन दिनों कई लोग अपने करियर और स्टडी के कारण लंबी उम्र तक शादी नहीं करते हैं और स्पर्म फ्रीज करवा देते हैं. इससे उन्हें भविष्य में संतान न पैदा होने की टेंशन से मुक्ति मिल जाती है.
एक्सपर्ट की मानें तो जो पुरुष कैंसर के ट्रीटमेंट के लिए कीमोरेडिएशन कराने जाते हैं, उससे पहले स्पर्म फ्रीज करवाते हैं, ताकि वे भविष्य में बिना किसी परेशानी के पिता बन सकें. केवल हेल्दी व्यक्ति ही स्पर्म डोनेट कर सकता है. सभी इंफेक्शन की जांच के बाद ही लोग अपना स्पर्म डोनेट कर सकते हैं. स्पर्म फ्रीज करने से पहले कई तरह की जांच की जाती हैं. इसमें स्पर्म डोनर की मेडिकल, आनुवंशिक, संक्रामक और मनोवैज्ञानिक बीमारियों की जांच की जाती है.
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FIRST PUBLISHED : October 12, 2024, 16:04 IST