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Every fourth woman in India is obese, Rajasthani furban women fit | NFHS Survey 5: देश में हर चौथी महिला मोटापे से ग्रस्त, राजस्थान की शहरी महिलाएं सबसे फिट

rajasthan_fat_man_and_women.jpgnfhs_4.pngशहरी लोगों में मोटापा है ज्यादा रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण पुरुष और महिलाएं अपने शहरी समकक्षों की तुलना में पतले हैं। मोटे लोगों की जनसंख्या का प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों (20 प्रतिशत) की तुलना में शहरी (33 प्रतिशत) क्षेत्रों में अधिक है। साथ ही, अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त पुरुषों और महिलाओं के अनुपात में लगातार वृद्धि हो रही है।

राजस्थान में दुबली महिलाओं का अनुपात सबसे अधिक पुडुचेरी (46 फीसदी), चंडीगढ़ (44 फीसदी), दिल्ली, तमिलनाडु, केरल और पंजाब (41 फीसदी प्रत्येक) में मोटापे से ग्रस्त महिलाओं का अनुपात सबसे ज्यादा है। इसकी तुलना में राजस्थान, झारखंड और बिहार के बाद गुजरात में दुबली महिलाओं का अनुपात सबसे अधिक है। दूसरी ओर, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अधिक वजन वाले पुरुषों (45 प्रतिशत) का अनुपात सबसे अधिक है। इसके बाद पुडुचेरी (43 प्रतिशत) और लक्षद्वीप (41 प्रतिशत) हैं।

मोटापा है बीमारियों का घर राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात में दुबले-पतले पुरुषों की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। राजस्थान में आईएमए के प्रेसिडेंट अशोक शारदा का कहना है कि भारत में लगभग 25 प्रतिशत पुरुष और महिलाएं अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त हैं, जो चिंताजनक है। मोटापा कई बीमारियों जैसे- उच्च रक्तचाप, मधुमेह और यकृत से संबंधित बीमारियों और स्ट्रोक के बढ़ते जोखिम का प्रमुख कारण है। शारदा ने कहा कि राजस्थान में भी ये कम नहीं है, और हमें इसे और कम करने की जरूरत है। शारदा ने कहा, राजस्थान में करीब हर सातवां व्यक्ति मोटापा ग्रस्त है।

भारत में मोटापे की स्थिति भारत शहरी ग्रामीण
महिलाएं 33.2% 19.7%
पुरुष 29.8% 19.3%india_fat.jpgग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों में विकास में कमी के मामले अधिक एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट में बच्चों के विकास के आंकड़े भी जुटाए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 2019-21 में शहरी क्षेत्रों के बच्चों (30%) के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों (37%) में विकास में कमी के मामले अधिक हैं। पुडुचेरी (20%) में यह सबसे कम व मेघालय (47%) में सबसे अधिक है. हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, यूपी व सिक्किम (सात-सात अंक), झारखंड, मप्र और मणिपुर (छह-छह अंक) और चंडीगढ़ व बिहार (पांच-पांच अंक) में बच्चों के विकास में कमी मामले में कमी देखी गयी।

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