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Ramjan Special: रमज़ान का हर पल बरकत, रोजेदारों को मिलती है गुनाहों से माफी, अल्ला ताला नवाजेंगे जन्नत

Last Updated:March 16, 2025, 22:21 IST

Ramjan Special: रमज़ान का हर पल बरकत वाला होता है, और दूसरा अशरा विशेष रूप से माफी का है, इसलिए लोग इबादत, दुआ और कुरआन की तिलावत में ज्यादा समय बिताते हैं. दूसरे अशरे में रोजेदार रोजे रखकर अल्लाह से मगफिरत( मा…और पढ़ेंX
दुआए
दुआए करते हुए

हाइलाइट्स

रमजान का दूसरा अशरा मगफिरत का अशरा हैइस दौरान रोजेदार मांगते हैं अल्लाह से गुनाहों की माफीगरीबों की मदद करने की हिदायत

बाड़मेर. इस्लाम के सबसे पवित्र महीने रमजान के मौके पर मस्जिदों में रौनक है. शहर के अलग-अलग इलाको की मस्जिदों में लोग नमाज अदा करने पहुंच रहे हैं. रमजान इस्लाम का सबसे पवित्र महीना है, जिसमें इबादत कर अल्लाह की रहमत, मगफिरत और जहन्नुम से निजात पाने का अवसर मिलता है. मान्यता है कि इसमें अल्लाह मरहूमों पर मगफिरत फरमाता है और रोजेदारों को गुनाहों से आजादी मिलती है.

अल्लाह ताला अपने बंदों को रहमतों से करता है मालामाल रमजान माह के दूसरे अशरे को मगफिरत यानी गुनाहों की माफी का अशरा कहा जाता है. इसमें अल्लाह अपने बंदों को खास इनआमात से नवाजता है. रमजान में अल्लाह ताला अपने बंदों को रहमतों से जहां मालामाल करता है वहीं उसे गुनाहों से निजात व जहन्नम से आजादी देता है. दूसरा अशरा रमजान के बीसवें रोजे के सूरज डूबने तक रहेगा.

रमज़ान का हर पल बरकतरमज़ान का हर पल बरकत वाला होता है, और दूसरा अशरा विशेष रूप से माफी का है, इसलिए लोग इबादत, दुआ, और कुरआन की तिलावत में ज्यादा समय बिताते हैं.दूसरे अशरे में रोजेदार रोजे रखकर अल्लाह से मगफिरत( माफी) की दुआ करते है. इस दौरान अल्लाह से अपने गुनाहों की तौबा की जाती है.

रोजेदार अपने गुनाहों की माफी के लिए इबादतबाड़मेर शहर के जामा मस्जिद पेश इमाम हाजी लाल मोहम्मद सिद्दिकी ने लोकल18 से बातचीत करते हुए बताया कि इस अशरे में रोजेदार अपने गुनाहों की माफी के लिए अल्लाह की इबादत करते हैं. माफी लिए अल्लाह से बार-बार ‘अस्तगफिरुल्लाह’(मैं अल्लाह से माफी मांगता हूं) पढ़ा जाता है. दूसरे अशरे के दौरान जितना ज्यादा हो सके, उतनी ज्यादा गरीब लोगों की मदद करने की हिदायत दी जाती है. हालांकि रमजान के पूरे महीने में भी गरीबों की मदद की जाती है.

रोजेदारों को गुनाहों से मिलती है आजादी रहमतों व बरकतों के बाद मगफिरत वाला दूसरा अशरा चल रहा है. रमज़ानुलमुबारक की बरकतों से फैजयाब व गुनाहों से माफी पाने के लिए इस अशरे में खुशू व खोजू और एखलास के साथ खुदा की इबादत करते है. हाजी लाल मोहम्मद सिद्दिकी के मुताबिक इसमें अल्लाह मरहूमों पर मगफिरत फरमाता है और रोजेदारों को गुनाहों से आजादी मिलती है.


Location :

Barmer,Barmer,Rajasthan

First Published :

March 16, 2025, 22:21 IST

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रमज़ान के दूसरे अशरे में मुस्लिम क्यों करते है अपने गुनाहों की तौबा? क्या है इसका महत्व

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