23 मिनट में सुलझती है हर रेलवे शिकायत

जोधपुर. उत्तर-पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल ने यात्री सुविधाओं और शिकायत निस्तारण में देशभर में नया मानक स्थापित किया है. अप्रैल से नवंबर 2025 की अवधि में मंडल को विभिन्न माध्यमों से कुल 18,994 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनका औसतन 23 मिनट में सौ प्रतिशत निपटारा किया गया. यह उपलब्धि रेलवे की त्वरित, पारदर्शी और तकनीक आधारित सेवा प्रणाली को दर्शाती है. जोधपुर मंडल के डीआरएम अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि यात्री संतुष्टि रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है और ‘फास्ट रिस्पॉन्स सिस्टम’ के चलते शिकायत निस्तारण की गति लगातार बेहतर हो रही है.
विभागों का रिकॉर्ड—RPF ने सिर्फ 9 मिनट में सुलझाईं शिकायतें
अक्टूबर माह में विभिन्न विभागों ने उल्लेखनीय कार्य किया, जिससे समग्र औसत में कमी आई है:
वाणिज्य विभाग: 598 शिकायतें, औसत निपटान समय 14 मिनट
रेलवे सुरक्षा बल (RPF): 383 शिकायतें, मात्र 9 मिनट में निपटारा
कैरिज एवं वैगन विभाग: 570 शिकायतें, औसतन 30 मिनट
इन आंकड़ों ने जोधपुर मंडल को देश के सबसे तेज शिकायत निस्तारण केंद्रों में शामिल कर दिया है.
यात्रियों का फीडबैक बेहद संतोषजनक
सीनियर डीसीएम विकास खेड़ा ने बताया कि यात्रियों से प्राप्त फीडबैक अत्यंत सकारात्मक रहा है. लोग जोधपुर मंडल की समयबद्ध, सुरक्षित और पारदर्शी सेवाओं से संतुष्ट हैं. रेलवे द्वारा शिकायत निस्तारण में दिखाई जा रही प्रतिबद्धता इस भरोसे को और मजबूत कर रही है. अक्तूबर 2025 के दौरान जोधपुर मंडल को कुल 1,838 शिकायतें प्राप्त हुईं. इनका औसत निपटान समय केवल 20 मिनट रहा, जो रेलवे की हाई-परफॉर्मेंस सर्विस का बड़ा उदाहरण है.
यात्रियों के लिए कई माध्यम—कहीं से भी कर सकते हैं शिकायत
रेलवे ने शिकायत दर्ज कराने के लिए कई सुविधाजनक विकल्प उपलब्ध कराए हैं, जिससे यात्री कहीं से भी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं:
रेल मदद पोर्टल और मोबाइल ऐप
आधिकारिक वेबसाइट और SMS
139 हेल्पलाइन और ईमेल
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म
इन सभी के जरिए दर्ज शिकायतें सीधे वॉर रूम तक पहुंचती हैं, जहां उनका तुरंत समाधान शुरू हो जाता है.
24×7 ‘साइलेंट वॉर रूम’—जोधपुर मंडल की सबसे बड़ी ताकत
जोधपुर मंडल का अत्याधुनिक 24×7 साइलेंट वॉर रूम इस सफलता का केंद्र है. यहां विभिन्न विभागों के अधिकारी लगातार शिकायतों की रियल-टाइम मॉनिटरिंग करते हैं. डिजिटल मॉनिटरिंग स्क्रीन, त्वरित अलर्ट सिस्टम और इंटर-डिपार्टमेंट क्विक कोऑर्डिनेशन जैसी तकनीकों की वजह से शिकायतें मशीन की तरह तेज गति से निस्तारित होती हैं और बढ़ता शिकायत दबाव भी गति को प्रभावित नहीं करता. जोधपुर मंडल का यह मॉडल यह साबित करता है कि तकनीक, सतर्कता और टीमवर्क के दम पर रेलवे यात्रियों को तेज, सुरक्षित और भरोसेमंद सेवा दे सकता है.



