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Exclusive: ‘अगर सब कुछ ठीक रहा तो…’, ISRO चीफ एस. सोमनाथ ने बताया…चांद पर कब उतरेगा चंद्रयान-3

हाइलाइट्स

चंद्रयान-3 का 23 या 24 अगस्त को ‘चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग’ हो सकता है.
ISRO प्रमुख ने कहा कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो 1 अगस्त को चंद्रयान-3 धरती छोड़ देगा.
‘लैंडिंग स्थान पर, प्रबुद्ध स्रोत मौजूद है, जो सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए उपयोगी होगा.’

रिपोर्ट/हरीश उपाध्याय

नई दिल्ली: जैसे ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शुक्रवार को श्रीहरिकोटा में अपना तीसरा चंद्र मिशन चंद्रयान -3 (Chandrayaan-3) लॉन्च किया, इसरो प्रमुख एस सोमनाथ (S Somanath) ने CNN-News18 को दिए एक विशेष इंटरव्यू में कहा कि अगर सब कुछ ठीक रहा, तो 23 या 24 अगस्त को ‘चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग’ हो सकता है. ISRO ने श्रीहरिकोटा में हेवीलिफ्ट LVM3-M4 रॉकेट पर चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च किया.

एस सोमनाथ ने आगे कहा कि ‘अब हम कक्षा को ट्रांस-चंद्र कक्षा इंजेक्शन तक बढ़ाने जा रहे हैं. अगर सब कुछ ठीक रहा तो 1 अगस्त को चंद्रयान-3 धरती छोड़ देगा और फिर चांद की ओर अपनी यात्रा शुरू करेगा. अगर सब कुछ ठीक रहा तो हम 23 या 24 अगस्त को हम चंद्रमा पर उतरेंगे.’ उन्होंने आगे कहा ‘लैंडिंग स्थान पर, प्रबुद्ध स्रोत मौजूद है, जो सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए उपयोगी होगा. तो हमारे यान में 15 दिन लग सकते हैं. हम एक वैश्विक हस्ताक्षर पर विचार कर रहे हैं जो जीवित और निर्जीव ग्रहों के बीच अंतर कर सके.’

पढ़ें- गीतकार प्रसून जोशी ने ISRO के मिशन चंद्रयान-3 की सफलता पर लिखी कविता ‘अंतरिक्ष में गूंज उठे हम’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘नए अध्याय’ की सराहना की
प्रधानमंत्री नरेंद्र (PM Modi) मोदी ने चंद्रयान -3 के प्रक्षेपण को भारत के अंतरिक्ष अभियान में एक ‘नया अध्याय’ बताया और कहा कि इसने ने हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को बढ़ाया है. पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा ‘चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा है. इसने हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर उठाते हुए ऊंची उड़ान भरा है. यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है. मैं उनकी भावना और सरलता को सलाम करता हूं!’

सफल रहा तो भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश होगा
चंद्रयान-3 मिशन के साथ, वैज्ञानिक चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग में महारत हासिल करने का लक्ष्य बना रहे हैं. जो एक चुनौतीपूर्ण तकनीकी पहलू है जिसे अगस्त के अंत में करने की योजना है. एक सफल मिशन संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद भारत को यह दुर्लभ उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बना देगा. चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 मिशन का अनुसरण करता है जिसने साल 2019 में चंद्रमा की सतह पर वांछित सॉफ्ट लैंडिंग हासिल नहीं की, जिससे वैज्ञानिक निराश हो गए.

इसके पूर्व अध्यक्ष के सिवन ने शुक्रवार को कहा ‘लगभग चार साल पहले चंद्रमा पर सॉफ्ट-लैंडिंग की असफलता के बाद इसरो ने सुधारात्मक कदम उठाए हैं और चंद्रयान-3 के साथ चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग की उम्मीद कर रहा है. यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रक्षेपण है, और हमने इसे सफलतापूर्वक किया है.’

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सिवन, जो चंद्रयान -2 मिशन के दौरान इसरो के अध्यक्ष थे, ने आगे कहा ‘पिछली बार, हम लैंडिंग मिशन (चंद्रयान -2) सफलतापूर्वक नहीं कर सके. इसलिए इस बार हम (फिर से) प्रयास कर रहे हैं. हमने सभी सुधारात्मक उपायों के साथ योजना बनाई है. प्रक्षेपण सफलतापूर्वक हुआ. तो इस तरह से पहला चरण सफलतापूर्वक समाप्त हो गया है. चंद्रमा पर उतरना कोई आसान काम नहीं है. यह एक चुनौतीपूर्ण काम है…(लेकिन) हम उम्मीद कर रहे हैं कि हम सफलतापूर्वक उतरेंगे.’

Tags: Chandrayaan-3, ISRO, Space Science

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