National

Explainer: क्यों हो जाती है कोई शराब जहरीली, पीते ही मौत के मुंह में समा जाते हैं लोग 

Bihar Hooch Tragedy: बिहार में एक बार फिर जहरीली शराब पीने से मौत का मामला सामने आया है. यह दुखद घटना राज्य के छपरा और सीवान जिले में घटित हुई है. सीवान जिले के भगवानपुर में जहरीली शराब पीने से दो लोगों की मौत की खबर है. जबकि छपरा जिले के मशरख में एक व्यक्ति की मौत की सूचना है. दो लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है. बिहार में लंबे समय से शराबबंदी चल रही है. मतलब वहां शराब बेचना, बनाना और पीना प्रतिबंधित है. इसके बाद भी हर साल वहां जहरीली शराब पीने से काफी मौत हो जाती हैं. 

इसी साल जून में तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले में जहरीली शराब पीने से 30 लोगों की मौत हो गई थी. बिहार की तरह गुजरात में भी शराबबंदी है, लेकिन दो साल पहले गुजरात में भी जहरीली शराब से 40 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर सामने आई थी. जहरीली शराब पीने से मरने वालों का आंकड़ा काफी ज्यादा है. एक अनुमान के अनुसार पिछले पांच सालों में पांच हजार से ज्यादा लोग जहरीली शराब पीकर अपनी जान गंवा चुके हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शराब जहरीली कैसे हो जाती है. इसमें ऐसा क्या होता है, जिसको पीते ही छपरा और सीवान जैसे हादसे सामने आते हैं. क्यों कुछ देर पहले तक हंसता खेलता इंसान अपनी जिंदगी गंवा देता है.  

ये भी पढ़ें- दुश्मनी के बावजूद पाकिस्तान से क्या-क्या खरीदता है भारत, एक चीज की तो हर घर में है मांग

बिहार में है शराब पर पाबंदीबिहार में 26 नवंबर 2015 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ये घोषणा की थी कि 01 अप्रैल 2016 से पूरे राज्य में शराब पर पाबंदी रहेगी. तब से राज्य में कहीं भी शराब को बेचना, बनाना और पीना प्रतिबंधित है. इसे होटलों, बार, क्लब या कहीं भी नहीं बेचा जा सकता. इस नियम का पालन न करने या उसे तोड़ने पर पांच से दस साल तक के जेल की सजा का प्रावधान है.

अवैध शराब होती है जानलेवाज्यादातर लोगों को यह भ्रम होता है कि देशी शराब या कंट्री मेड लिकर पीना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह और यही कभी-कभी जहरीली हो जाती है, जिससे इसके सेवन से जान चली जाती है. लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है. कानूनी तरीके से देशी शराब बनाने के लिए सरकार बाकायदा लाइसेंस देती है. इसे देशी शराब के ठेकों पर बेचा जाता है. वहीं, जो शराब जहरीली हो जाती है उसे अवैध तरीके के बनाया जाता है. सामान्य भाषा में इसे कच्ची शराब भी कहते हैं. इसे उन इलाकों में चोरी छुपे बेचा जाता है, जहां श्रमिक वर्ग या छोटा-मोटा काम करने वाले लोग रहते हैं. क्योंकि ये देशी शराब के मुकाबले सस्ती पड़ती है, इसलिए कम आय वर्ग के लोग इसका सेवन करते हैं और जान गंवा देते हैं.

ये भी पढ़ें- जानें किस चीज की डॉक्टर हैं, टाटा ग्रुप के सबसे पॉवरफुल शख्स नोएल की बीवी 

कैसे बनती है अवैध शराबजाहिर है कि ये गैरकानूनी तरीके से बनाई जाती है. नकली शराब के जहरीली होने की वजह है इसको बनाने की प्रक्रिया. क्योंकि इसे बनाने में सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाता है, इसलिए यह जानलेवा हो जाती है. क्योंकि उन्हें इसके आसवन या बनाने की सही प्रक्रिया का ना तो ज्ञान होता है और ना ही वो इसकी परवाह करते हैं. इसके आसवन यानी डिस्टिल करने की प्रक्रिया मुश्किल होती है, इसे एक एक्सपर्ट ही ठीक तरीके से  कर सकता है. इसको बनाने की प्रक्रिया में पहले मिथाइल निकलता है और उसके बाद इथाइल निकलता है. ये पता होना जरूरी है कि कैसे इथाइल को अलग किया जाएगा. अगर मिथाइल को ठीक तरीके से अलग नहीं किया गया तो पूरी शराब ही जहरीली हो जाती है.

किन चीजों से बनती है अवैध शराबआमतौर पर गुड़, पानी, यूरिया आदि के जरिए कच्ची या नकली शराब बनाई जाती है. इसमें कई ऐसे केमिकल इस्तेमाल किए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक होते हैं. लंबे समय तक इसे रखने से इसमें कई बार कीड़े भी चले जाते हैं, जो शराब जहरीली होने का कारण बनते हैं. इन्हें सड़ाने के लिए ऑक्सीटॉक्सिन का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें नौसादर, बेसरमबेल की पत्ती और यूरिया भी मिलाया जाता है. ये शरीर के लिए काफी खतरनाक होते हैं. जब इसमें जब यूरिया, ऑक्सीटॉक्सिन, बेसरमबेल की पत्ती वगैरह मिलाकर फर्मेंटेशन यानी किण्वन कराया जाता है, तो इन रसायनों के मिलने से मिथाइल एल्कोहॉल बन जाता है, जो बहुत खतरनाक साबित होता है.

ये भी पढ़ें- कौन था खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर, जिसकी हत्या के बाद भारत और कनाडा के संबंध बिगड़ते चले गए 

अवैध शराब क्यों होती है जानलेवाये शरीर में जाकर फार्मेल्डिहाइड या फार्मिक एसिड नामक जहर बनती है. ये जहर दिमाग पर सीधा असर करता है. मिथाइल अल्कोहल शरीर में जाते ही तेज केमिकल रिएक्शन करता है. शरीर के अंगों पर असर करता है और वो काम करना बंद कर देते हैं. मिथाइल अल्कोहल से निकलने वाला फार्मिक एसिड शरीर के नर्वस सिस्टम को ब्रेक डाउन करता है. कई बार शराब को अधिक नशीला बनाने के चक्कर में इसमें यूरिया और ऑक्सिटोसिन मिला देते हैं, जो मौत की वजह बढ़ा देती है.

क्या असर करता है फार्मिक एसिडजहरीली शराब में फार्मिक एसिड काफी अधिक होता है. तमाम दिक्कतें भी उसी वजह से आती हैं. चींटी जब काटती है तो शरीर में बेहद कम मात्रा में फार्मिक एसिड छोड़ती है लेकिन हम उसे सहन नहीं कर पाते हैं. शराब में मौजूद फार्मिक एसिड उससे लाखों या करोड़ों गुना ज्यादा असर दिखाता है.

ये भी पढ़ें- रतन टाटा ने मुंबई के उस इलाके में खोला डॉग्स हॉस्पिटल, जहां अमीर आदमी भी नहीं खरीद सकता छोटा सा घर, जानिए कितना है महंगा

शरीर पर और क्या असर होता हैडॉक्टरों के अनुसार जहरीले पदार्थ के सेवन से मरीज कार्डियोमायोपैथी और आप्टिक न्यूरोपैथी का शिकार हो जाते है़ं. कार्डियोमापैथी में मरीज के हार्ट का साइज बड़ा हो जाता है़. जिससे हार्ट खून की सप्लाई बेहतर तरीके से नहीं करता है. इससे मरीज को हार्ट अटैक हो जाता है़.आप्टिक न्यूरोपैथी में आंख की नस सूख जाती है. जिससे मरीज को दिखना बंद हो जाता है. वह अंधा हो सकता है.

Tags: Alcohol Death, Bihar News, Illegal alcohol, Illegal liquor, Illicit liquor business, Poisonous Liquor, Poisonous liquor case

FIRST PUBLISHED : October 16, 2024, 12:42 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close
Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj