Rajasthan

Extortion Game In The Name Of Admission Form – एडमिशन फॉर्म के नाम पर उगाही का खेल

राजधानी के पोद्दार स्कूल में सामने आया मामला
शिक्षा विभाग की ओर से निशुल्क है फॉर्म
पोद्दार स्कूल प्रशासन ले रहा पांच रुपए प्रति फॉर्म
डायरी और आईडी कार्ड के नाम पर लिए जा रहे 25 रुपए, नहीं दी जा रही रसीद

Rakhi Hajela

जयपुर।

राजधानी के बीचों बीच स्थित प्रदेश के जाने माने एक सरकारी स्कूल (Govt school) में एडमिशन फॉर्म (Admission form) दिए जाने के बदले में अभिभावकों से रुपए उगाहे जाने का मामला सामने आया है, जबकि शिक्षा विभाग (Education department) की ओर से विद्यार्थियों को एडमिशन फॉर्म (Admission form)निशुल्क दिए जाने के निर्देश हैं लेकिन इस स्कूल में एडमिशन फॉर्म (Admission form) के लिए अभिभावकों से पांच रूपए शुल्क लिया जा रहा है और तो और इस शुल्क की कोई रसीद भी उन्हें नहीं दी जा रही। यह सारा मामला है गांधी नगर मोड़ स्थित पोद्दार स्कूल (Poddar school) का। अभिभावकों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि स्कूल की पीटीआई को एडमिशन फॉर्म देने की जिम्मेदारी दी गई है। जो भी अभिभावक या छात्र एडमिशन फॉर्म लेने आते हैं उनका नाम रजिस्टर में दर्ज किया जाता है, उनसे पांच रुपए फॉर्म के शुल्क के लिए जाते हैं लेकिन इसकी रसीद नहीं दी जाती। मांगने पर भी रसीद नहीं दी जाती।
25 रुपए की वसूली अलग से

इतना ही नहीं स्कूल प्रशासन उन विद्यार्थियों जिन्होंने हाल ही में एडमिशन लिया है उनसे डायरी और आईडी कार्ड के लिए अलग से 25 रुपए शुल्क भी ले रहा है जो उन्हें अभी तक दिए गए नहीं है। इनमें से किसी भी शुल्क की रसीद अभिभावकों और विद्यार्थियों को नहीं दी जा रही। जानकारी के मुताबिक अब तक स्कूल से तकरीबन 900 विद्यार्थियों ने एडमिशन के लिए एडमिशन फॉर्म लिए हैं जिसमें से 466 विद्यार्थियों ने स्कूल में एडमिशन लिया है।

…………………
पहले माने फिर मुकरे जैसे कुछ पता ही नहीं और संस्था प्रधान प्रभाकर इंदौरिया ने पीटीआई पर डाली जिम्मेदारी
स्कूल में एडमिशन फॉर्म मिल रहे हैं, उसकी कीमत क्या है? शायद पांच रुपए है?
हां, हम फॉर्म के पांच रुपए ले लेते हैं। फॉर्म बाहर से छपवाते हैं तो प्रिंटिंग का खर्चा आता है इसलिए।
: शिक्षा विभाग ने एडमिशन फॉर्म निशुल्क देने के निर्देश दिए हैं ? फिर आप पांच रूपए कैसे ले रहे हैं ?
मैंने किसी को फॉर्म का शुल्क लेने के आदेश नहीं दिए। मुझे लगता है कि शायद यह सब पहले से ही चल रहा होगा। मैं खुद को देता नहीं हंू किसी को फॉर्म, एक पीटीआई को लगा रखा है वो क्या कर रहा हैं मुझे नहीं पता। मेरे पास तो कोई जानकारी ही नहीं है ऐसी। मैं कल पता करता हूं कि ऐसा कैसे हो रहा है। अगर शुल्क ले रहे हैं तो हो सकता है कि प्रिंटिंग के ही ले रहे होंगे।
: डायरी और आईडी कार्ड के 25 रुपए भी लिए जा रहे हैं कोई रसीद नहीं दी जा रही?
अरे छोटा मोटा मामला है,कहा आप इसे खींच रही हो। मैं पता करता हूं। जब बच्चे का एडमिशन हो जाएगा तब हम उसे डायरी और आईडी कार्ड देंगे।

क्या कुछ बोले पीटीआई केएल धाकड़
वहीं इस पूरे प्रकरण को लेकर एडमिशन फॉर्म देने का काम कर रहे पीटीआई केएल धाकड़ ने कहा मुझे फॉर्म वितरित करने का काम संस्था प्रधान ने लिखित में दिया था। उन्होंने ही कहा था कि फॉर्म के बदले पांच रुपए लिया करो, डायरी और आईडी कार्ड के 25 रुपए। मैंने तो शुरू में ही विरोध किया था यह सही नहीं लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं मानी। मैं सारा पैसा उनको ही देता हूं।
क्या उन्होंने आपको लिखित में दिया था कि फॉर्म के बदले पांच रुपए शुल्क लिया करें ?
मुझे याद नहीं आ रहा, एक बार आदेश की कॉपी देखनी पड़ेगी कि उसमें क्या लिखा था। शायद वरबली ही बोला था पांच रुपए लेने के लिए। कल बताऊंगा आपको मैें एक बार आदेश देखकर।

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj