हरे मूंग का फीका रंग! बारिश और रोगों ने बिगाड़ी फसल की क्वालिटी, किसान नहीं निकाल पा रहे लागत

Last Updated:October 30, 2025, 11:47 IST
Nagaur Agriculture News: नागौर जिले में इस बार मूंग की फसल बारिश और कीटों की मार से बुरी तरह प्रभावित हुई है. कृषि मंडियों में मूंग की गुणवत्ता 70–80% तक खराब होने से किसानों को 4000–7000 रुपये प्रति क्विंटल तक ही भाव मिल रहे हैं, जो MSP से काफी कम हैं. किसानों को लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है, वहीं कृषि विभाग ने फसल को धूप में सुखाने की सलाह दी है.
नागौर. राजस्थान के नागौर क्षेत्र में बड़ी मात्रा में किस मूंग की खेती करते हैं. कृषि मंडियों में इन दिनों मूंग की आवक लगातार बढ़ रही है, लेकिन कीमतों में किसानों को भारी निराशा झेलनी पड़ रही है. बारिश और कीट रोगों की मार से मूंग की क्वालिटी 70 से 80 प्रतिशत तक खराब हो गई है, जिसके कारण किसानों को औसतन 4 से 7 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक ही भाव मिल पा रहा है. इस सीजन मूंग के भावों में भारी गिरावट आई है. कई जगहों पर तो मूंग सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 8768 रुपये की तुलना में 4000 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रही है.
कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, नागौर में इस बार करीब 4.27 लाख हेक्टेयर में मूंग की बुवाई की गई थी, लेकिन सितंबर के अंतिम सप्ताह में हुई लगातार बारिश और बादल छाए रहने से फसल की गुणवत्ता पर गहरा असर पड़ा. खेतों में दाने काले पड़ गए और नमी बढ़ने से चमक फीकी हो गई. इसके चलते मंडियों में खरीदार क्वालिटी के आधार पर अलग-अलग भाव दे रहे हैं. नागौर, मकराना, कुचेरा और डेगाना मंडियों में प्रतिदिन 10 से 13 हजार क्विंटल मूंग की आवक हो रही है, लेकिन किसानों को उचित दाम नहीं मिल पा रहे हैं.
लागत भी नहीं निकाल पा रहे किसान
किसानों का कहना है कि मूंग की फसल में लागत काफी बढ़ गई है. बीज, खाद, मजदूरी और कीटनाशकों पर खर्च अधिक हो गया, लेकिन मंडियों में मिल रहे दाम इतने कम हैं कि 80 प्रतिशत किसान अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं. एक किसान ने बताया कि 12 क्विंटल मूंग बेचने के बाद भी उसे नुकसान हो रहा है. किसानों ने बताया कि 4 साल बाद मूंग की गुणवत्ता को लेकर मंडियों में इतना बड़ा संकट देखने को मिल रहा है. लगभग 40 प्रतिशत मूंग 4000 से 5000 रुपये, 30 प्रतिशत मूंग 5000 से 6000 रुपये, और केवल 20 प्रतिशत मूंग ही 7000 रुपये से ऊपर बिक रही है.
फसल की नमी बढ़ी तो दाने सिकुड़ गए
कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस बार बारिश के समय ने फसल की परिपक्वता को प्रभावित किया. जहां मूंग की कटाई होनी थी, वहां बारिश ने बीजों को खराब कर दिया. इससे फसल की नमी बढ़ी और दाने सिकुड़ गए. नागौर कृषि मंडी समिति के अधिकारियों ने बताया कि किसानों को फिलहाल अपनी उपज को साफ-सफाई और धूप में सुखाकर बेचने की सलाह दी जा रही है, ताकि कुछ हद तक क्वालिटी में सुधार किया जा सके. ऐसे में इस साल का यह मूंग सीजन किसानों के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है. खेतों से लेकर मंडियों तक हरे मूंग की चमक फीकी पड़ गई है और किसान अब उम्मीद लगाए बैठे हैं कि बाजार में जल्द सुधार आए, ताकि उनकी मेहनत का कुछ मोल मिल सके.
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दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट…और पढ़ें
दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट… और पढ़ें
Location :
Nagaur,Rajasthan
First Published :
October 30, 2025, 11:47 IST
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