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फर्जी मैसेज ने हिला दिया राजस्थान देवस्थान विभाग! सचिव पर लगाए गए आरोपों ने बढ़ाया सस्पेंस

Last Updated:November 26, 2025, 17:21 IST

Jaipur Fake Message News : राजस्थान देवस्थान विभाग की समीक्षा बैठक को लेकर सोशल मीडिया पर फैले एक फर्जी मैसेज ने सरकार और विभाग दोनों को भारी मुश्किल में डाल दिया था. मैसेज में विभागीय सचिव डॉ समित शर्मा पर हिंदू आस्था का कथित मखौल उड़ाने का आरोप लगाया गया था. उच्चस्तरीय जांच कमेटी ने इस मैसेज को पूरी तरह झूठा पाया और इसकी वायरलिंग में गोपालन विभाग के निदेशक पंकज ओझा की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं.

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फर्जी मैसेज ने हिला दिया राजस्थान देवस्थान विभाग! सच आया सामने तो हर कोई हैरानराजस्थान देवस्थान विभाग

जयपुर. राजस्थान देवस्थान विभाग को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ एक फर्जी संदेश न केवल सरकार के लिए चिंता का विषय बना, बल्कि धार्मिक भावना भड़काने के आरोप ने पूरे विभाग में हड़कंप मचा दिया था. यह संदेश इतना तेजी से फैला कि बैठक की सत्यता जानने के लिए न सिर्फ विभागीय स्तर पर कमेटी बनानी पड़ी, बल्कि पुलिस में एफआईआर भी दर्ज करानी पड़ी. मामला इसलिए और संवेदनशील हो गया क्योंकि जिस बैठक को लेकर विवाद खड़ा हुआ, उसकी अध्यक्षता स्वयं देवस्थान विभाग के सचिव डॉ समित शर्मा कर रहे थे. सोशल मीडिया पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने बैठक के दौरान हिंदू देवी–देवताओं और भगवान का मज़ाक उड़ाया.

इस वायरल मैसेज ने विभाग को 27 अक्टूबर को जयपुर में हुई समीक्षा बैठक के हर मिनट के विवरण की जांच करने पर मजबूर कर दिया. 31 अक्टूबर को देवस्थान कमिश्नर कन्हैयालाल स्वामी की अगुवाई में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई, जिसने बैठक में मौजूद सभी अधिकारियों के बयान दर्ज किए. कमेटी की जांच में यह साफ हो गया कि बैठक में ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की गई थी और सोशल मीडिया पर फैलाया गया संदेश पूरी तरह झूठा और मनगढ़ंत था. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में सबसे गंभीर सवाल गोपालन विभाग के निदेशक पंकज ओझा की भूमिका को लेकर उठाया, क्योंकि जिन सोशल मीडिया ग्रुपों में यह मैसेज वायरल हुआ, उनके अधिकतर एडमिन वही थे.

जांच में क्या सामने आयाकमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक जब कुछ सदस्यों ने मैसेज की सत्यता पर सवाल उठाया, तब ओझा ने पोस्ट डिलीट कर दी, जिसे तथ्य छिपाने की कोशिश माना गया. रिपोर्ट में लिखा गया कि वायरल मैसेज का प्रसार और निगरानी ओझा की देखरेख में हुआ. नोटिस जारी होने पर ओझा ने पहले बीमारी का बहाना बनाया, बाद में वीसी के जरिए भी अपना पक्ष नहीं रखा. इससे पहले विभाग ने अशोक नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी, हालांकि उस समय किसी का नाम नहीं था.

पुराने विवाद भी आए सामनेरिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि यह पहली बार नहीं है जब पंकज ओझा विवादों में आए हों. अगस्त 2025 में भी आईपीएस पंकज चौधरी ने तत्कालीन मुख्य सचिव को पत्र लिखकर खाद्य पदार्थों में मिलावट से जुड़े मामलों में ओझा की भूमिका पर सवाल उठाए थे और एसीबी जांच की मांग की थी. उस समय ओझा खाद्य सुरक्षा विभाग में एडिशनल डायरेक्टर थे.

Anand Pandey

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल… और पढ़ें

Location :

Jaipur,Rajasthan

First Published :

November 26, 2025, 17:21 IST

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फर्जी मैसेज ने हिला दिया राजस्थान देवस्थान विभाग! सच आया सामने तो हर कोई हैरान

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