Fake Pass Port Caught Rajasthan Police – सुरक्षा में बड़ा सुराख. बीस महीने के बाद पुलिस को पता चला तो हुई रिपोर्ट दर्ज, सुरक्षा एजेंसियों के खड़े हुए कान

अब उसके खिलाफ आईपीसी सेक्शन 420, 467, 468, 471, और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

जयपुर
देश के बाहर से आए शरणार्थियों को नागरिकता देने के मसले के बीच राजस्थान से एक बड़ा मामला सामने आया है कि किस तरह से शरणार्थी ने पूरे सिस्टम पर ही सवाल खड़ा कर दिया। मामला राजधानी जयपुर में दर्ज किया गया है और इसे लेकर लंबी जांच कार्रवाई शुरु कर दी गई है। दरअसल एक रोहिंग्या के खिलाफ ठगी समेत सरकारी दस्तावेजों को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस को करीब बीस महीने के बाद पता चला कि उसने फर्जी दस्तावेज तैयार कर पासपोर्ट बनवा लिया और इस पासपोर्ट की मदद से वह सउदी अरब की यात्रा कर लौट भी आया। उसके आने के बीस महीने के बाद अब उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस एक मुकदमें ने पूरे सरकारी सिस्टम पर ही सवाल खड़ा कर दिया हैं। गंभीर मामला होने के चलते पुलिस मुख्यालय के जरिए गृह विभाग को भी इसकी जानकारी दी गई है।
2014 में बनवा लिया था पासपोर्ट, आठ महीने सउदी अरब जाकर वापस लौटा
दरअसल रोहिंग्या शरणाथी मोहम्मद सुल्तान के खिलाफ सदर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है उसके पासपोर्ट पर मिले पते के आधार पर। पासपोर्ट में उसका पता हसनुपरा क्षेत्र बताया गया है इस आधार पर सदर थानाधिकारी इस मुकदमें की जांच कर रहे हैं और मुकदमा भी पुलिस ने ही दर्ज कराया है। बताया गया है कि सुल्तान ने फर्जी दस्तावेजों जैसे पहचान पत्र, आधार कार्ड, वोटिंग कार्ड समेत अन्य सरकारी दस्तावेजों की मदद से फर्जी पासपोर्ट तक बनवा लिया।
इसकी वैधता साल 2014 से लेकर 2024 तक थी। इस पासपोर्ट के जरिए वह साल 2019 में जनवरी महीने में सउदी अरब गया और उसी साल सितंबर महीने में वापस भारत लौटा। दोनो समय उसका पासपोर्ट चैक किया गया लेकिन इस बारे में किसी को भी पता नहीं चल सका कि वह पासपोर्ट जाली हैं। बाद में करीब बीस महीने की पुलिस जांच में सामने आया है कि वह पासपोर्ट जाली था और फर्जी दस्तावेजों के जरिए उसे बनवाया गया था।
अब उसके खिलाफ आईपीसी सेक्शन 420, 467, 468, 471, और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। वर्तमान में सुल्तान करणी विहार क्षेत्र में रह रहा है। गौरतलब है कि पिछले महीने ही देश के गृह मंत्री अमित शाह ने देश में आए शरणार्थियों को वैध दस्तावेज देने की बात कही थी। इस मामले के बाद देश के सभी राज्यों मंे शरणार्थियों के बारे में गुप्त जानकारी जुटाना शुरु कर दिया गया है।