Famous dog temple in Jaipur by doing Parikrama and lighting incense sticks wishes are fulfilled history of dog temple

जयपुर. राजस्थान में अनेकों देवता और लोक देवताओं का मंदिर है. इन मंदिरों को लेकर अनोखी मान्यताएं हैं. लेकिन, आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे, जहां किसी भगवान की पूजा नहीं होती है बल्कि एक कुत्ते की पूजा होती है. इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि रोजाना कुत्ते की प्रतिमा के आगे शीश नवाकर अगरबत्ती लगाने से लोगों की मनोकामना पूरी हो जाती है.
यह अनोखा मंदिर जयपुर के सांभर से फुलेरा जाने वाली सड़क मार्ग पर बना हुआ है. इस रास्ते से जाते हुए मंदिर को आसानी से देखा जा सकता है. सड़क किनारे बना हुआ इस मंदिर में रोजाना लोगों की भीड़ लगी रहती है. इस मंदिर में पूजा-अर्चना 72 वर्षीय संतोष देवी द्वारा की जाती है. संतोष देवी देवी ने बताया कि यह लोक देवता पीथा बाबा के पालतू कुत्ते का मंदिर है, जिसने स्वामी भक्ति के चलते अपनी जान दे दी थी.
जानें मंदिर के पीछे की कहानी
मंदिर में पूजा-अर्चना करने वाली संतोष देवी ने बताया कि क्षेत्र के प्रसिद्ध संत महाराज पीथा बाबा हमेशा ईश्वर की भक्ति करते रहते थे. वे खेत व घर का काम करते समय भी ईश्वर की भक्ति में ही लीन रहते थे. उनके पास उनका एक वफादार कुत्ता भी हमेशा रहता था. जब पीथा बाबा की मौत सांभर के रास्ते पर लुटेरे ने कर दी तो इसकी सूचना सबसे पहले उनके वफादार कुत्ते ने हीं घर पर दी थी. तब से लेकर आज पीथा बाबा महाराज के मंदिर में वफादार कुत्ते की भी पूजा होती रही है.
क्यों प्रसिद्ध है यह अनोखा मंदिर
सांभर से फुलेरा सड़क मार्ग पर बने पीथा बाबा महाराज का मंदिर क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध मंदिर है. यहां पर दूर-दराज से भक्त अपने महाराज के दर्शन के लिए आते हैं. यहां पीथा बाबा महाराज के साथ-साथ एक बड़े चबूतरे पर उनके वफादार कुत्ते का भी मंदिर बना हुआ है, जहां पूजा होती है. मंदिर के निर्माण में कई भामाशाहों ने भी सहयोग किया है, मान्यता है कि इस मंदिर की परिक्रमा करने के बाद अगरबत्ती जलाने से मनोकामना पूर्ण होती है. यही वजह है यह मंदिर आस्था बड़ा केन्द्र बन गया है.
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FIRST PUBLISHED : December 26, 2024, 19:01 IST