Rajasthan

किसान, पशु-पक्षी और पेड़-पौधों का दुश्मन है यह इजरायली पौधा, हेलिकॉप्टर से बरसाए गए थे इसके बीज 

जयपुर. बबूल के पेड़ को किसानों का दुश्मन माना जाता है. ये पेड़ राजस्थान के मरुस्थलीय और ग्रामीण इलाकों में बहुतायत में पाया जाता है. विलायती बबूल का पेड़ अपने आसपास की सभी लाभकारी और औषधीय वनस्पति को नष्ट कर देता है. ये पेड़ जैसे जैसे बड़ा होता है अन्य पेड़ पौधों के ऊपर संकट आ जाता है.

इतिहासकार विनोद वर्मा ने बताया अरावली पर्वतमाला को हरा भरा करने के लिए हेलिकॉप्टर से विलायती बबूल के बीज चारों ओर बिखेरे गए थे. अब यह बीज जयपुर ग्रामीण के कई क्षेत्रों में फैल गए हैं इसके कारण किसानों के सामने संकट खड़ा हो रहा है.

कैसा होता है विलायती बबूलपथरीली बंजर भूमि पर यह पौधा आसानी से उग जाता है. इसे पनपने के लिए काफी कम पानी की आवश्यकता होती है. इस पेड़ को 50 डिग्री टेंपरेचर पर भी कोई फर्क नहीं पड़ता. ये अन्य छोटे पौधों के लिए बेहद घातक है. विलायती बबूल 10 मीटर तक ऊंचाई वाला होता है. इसकी उम्र 10 से 12 साल की होती है. इसके पेड़ की फली की लंबाई 10 सेंटीमीटर तक होती है .

पशु पक्षियों के लिए घातकबबूल का पेड़ पशु- पक्षियों के लिए भी हानिकारक है. यह आसपास की वनस्पति सालार, गूलर, सफेद आंक, मरोड़ फली, गोखरू, ग्वारपाठा के लिए संकट खड़ा कर देता है. इसके अलावा बबूल के कांटे में फंसने से कई बार पशु- पक्षी घायल हो जाते हैं.

विलायती बबूल का इतिहासइतिहासकार विनोद वर्मा ने बताया फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने अंग्रेजी शासनकाल में अरावली पर्वतमाला परियोजना के तहत इजरायली बबूल का रोपण शामिल किया था. बाद में 1999 में यूरोपियन देशों की मदद से अरावली पर्वतमाला परियोजना को वापस शुरू किया गया और बड़े स्तर पर उनके बीजों का छिड़काव किया गया. जयपुर ग्रामीण के कई हिस्सों में विलायती बबूल बड़ी संख्या में लगाए गए थे.

कैसे हटाएं विलायती बबूल कोवन विभाग अधिकारी सौरभ कुमार ने बताया बबूल को जड़ से हटाने के लिए लगभग 3 साल का समय लग जाता है. आपके घर या खेत में अगर विलायती बबूल नहीं लगे इसके लिए आप पहले से ही दवा डाल सकते हैं. इसके अलावा अगर आपके घर में बबुल का पेड़ पहले से लगा हुआ है तो उसे आप हटा दें और उसकी जगह अन्य दो पेड़ लगाएं.

Tags: Jaipur latest news today, Local18, Save environment

FIRST PUBLISHED : July 11, 2024, 22:58 IST

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