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इस चीज की खेती से किसान कमा सकते हैं लाखों! अपनाएं ये उन्नत तकनीक, हो जाएंगे मालामाल

Last Updated:November 27, 2025, 17:17 IST

Gulaab Ki Kheti : गुलाब की खेती में दिनेश जाखड़ के अनुसार सही मिट्टी, तापमान, खाद और छंटाई से किसान कम लागत में उच्च गुणवत्ता के फूल उगा सकते हैं और लाखों की कमाई कर सकते हैं.गुलाब की खेती

किसानों के लिए गुलाब की खेती किसी एटीएम बैंक से कम नहीं है. गुलाब के फूलों की बढ़ती डिमांड के कारण इस इससे किसान सामान्य खेती के मुकाबले लाखों की कमाई कर सकते हैं. इसकी मांग पूरे वर्ष बनी रहती है, क्योंकि गुलाब का उपयोग सजावट, पूजा, इत्र, गुलाब जल और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट बनाने में किया जाता है. सही तकनीक और उन्नत खेती अपनाकर किसान इसकी खेती करते हैं तो कम लागत में अधिक गुणवत्ता वाले फूल तैयार कर सकते हैं, जिससे उन्हें बाजार में अच्छी कीमत मिलती है और वे लाखों की कमाई कर पाते हैं.

गुलाब की खेती

एग्रीकल्चर एक्सपर्ट दिनेश जाखड़ ने बताया कि गुलाब की खेती के लिए मिट्टी का चयन बहुत जरूरी है. यह वैसे तो सभी प्रकार की मिट्टी में उग सकता है, लेकिन बलुई दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे उपयुक्त होती है. इसमें जैविक पदार्थ की अधिक आवश्यकता होती है. इसकी खेती के लिए मिट्टी का pH मान 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए ताकि पौधों को पोषक तत्व सही ढंग से मिल सकें. इसके अलावा हल्की अम्लीय मिट्टी यानी 5.5 से 6.5 pH भी अनुकूल होती है.

गुलाब की खेती

खेत की तैयारी गुलाब की सफल खेती का आधार है. ऐसे में किसानों को रोपाई से 4 से 6 सप्ताह पहले खेत की गहरी जुताई की जानी चाहिए ताकि मिट्टी मुलायम और भुरभुरी हो सके. इसके बाद प्रति एकड़ लगभग 2 टन गोबर की सड़ी खाद, सुपर फॉस्फेट आदि मिलाकर बेड तैयार किए जाते हैं. गुलाब की अच्छी वृद्धि और पुष्प उत्पादन के लिए 15 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान सबसे सही माना जाता है. साथ ही पौधों को प्रतिदिन 6 से 8 घंटे धूप रहनी चाहिए.

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गुलाब की खेती

गुलाब के पौधे लगाने का सही समय अक्टूबर से मार्च के बीच माना जाता है. रोपाई के दौरान जड़ों में फंसे घास-फूस को हटाकर पौधे को निर्धारित गहराई पर लगाना चाहिए ताकि वह मजबूती से जमीन पकड़ सके. इसके अलावा रोपाई के तुरंत बाद सिंचाई करना बहुत जरूरी है. बुवाई के बाद गर्मियों में लगभग 5 से 7 दिन में और सर्दियों में 10 से 12 दिन में सिंचाई करनी चाहिए. इसमें ड्रिप सिंचाई प्रणाली सबसे अधिक फायदेमंद रहती है, क्योंकि यह पौधों को जरूरत के हिसाब से पानी उपलब्ध कराती है.

गुलाब की खेती

गुलाब की कटाई-छंटाई इसका सबसे खास रखरखाव का चरण होता है. एग्रीकल्चर एक्सपर्ट दिनेश जाखड़ ने बताया कि अक्टूबर-नवंबर छंटाई के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है. इस प्रक्रिया में पौधे की तीन से पांच मुख्य टहनियों को रखते हुए उन्हें 30 से 40 सेंटीमीटर तक काटा जाता है. कटाई के बाद कटे हुए हिस्से पर फफूंदनाशी दवा लगानी चाहिए ताकि कीट एवं रोगों का प्रकोप न हो. इसके अलावा छंटाई पौधे में नई टहनियों और अधिक फूलों को उगानी के लिए जगह देती है, जिससे पैदावार बढ़ती है.

गुलाब की खेती

गुलाब के पौधों की खाद और पोषण व्यवस्था बहुत आवश्यक है. इसके अलावा कटाई-छंटाई के बाद प्रति पौधा लगभग 10 किलो अच्छी तरह सड़ी गोबर की खाद मिट्टी में मिलानी चाहिए. जब पौधे में नई कोपलें निकलने लगें, उस समय यूरिया, सुपर फॉस्फेट और पोटाश का संतुलित मिश्रण देना चाहिए. इससे पौधा मजबूत होता है और फूलों का आकार व रंग बेहतर आता है. उन्नत गुलाब उत्पादन के लिए पौधों पर पोषक तत्वों का छिड़काव बहुत फायदेमंद रहता है.

गुलाब की खेती

एग्रीकल्चर एक्सपर्ट दिनेश जाखड़ के अनुसार, गुलाब के फूलों की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए मैग्नीशियम सल्फेट और फेरस सल्फेट का छिड़काव करना चाहिए. इससे पत्तियां हरी और चमकीली रहती हैं तथा पौधा अधिक सुंदर फूल देता है. साथ ही कीट नियंत्रण हेतु समय-समय पर डाईमिथोएट या मोनोक्रोटोफास का छिड़काव करना चाहिए. इन सभी तकनीकों को अपनाने से किसान अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं और बाजार में अच्छे भाव प्राप्त कर लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं.

First Published :

November 27, 2025, 17:17 IST

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