भरतपुर में बारहमासी नींबू की खेती से किसानों को सालभर मुनाफा.

Last Updated:November 28, 2025, 14:08 IST
भरतपुर क्षेत्र के किसान बारहमासी नींबू की खेती तेजी से अपना रहे हैं, क्योंकि यह कम लागत में अधिक मुनाफा देती है और पूरे साल उत्पादन देती है. इस नींबू का आकार बड़ा और रस अधिक होता है, जिससे अचार उद्योग और घरेलू बाजार में इसकी खास मांग है. पौध तैयार करना आसान है, यह कम पानी में भी अच्छी तरह बढ़ता है और जलवायु परिवर्तन सहन कर सकता है. बारहमासी नींबू की खेती किसानों के लिए कम जोखिम वाली है और उन्हें वर्षभर स्थिर आय का स्रोत देती है, इसलिए छोटे और मध्यम किसान भी इसे अपनाने लगे हैं.
भरतपुर. क्षेत्र के किसान इन दिनों बारहमासी नींबू की खेती को तेजी से अपना रहे हैं, क्योंकि यह फसल कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली साबित हो रही है. अचार बनाने के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध यह नींबू अपनी गुणवत्तापूर्ण विशेषताओं के कारण स्थानीय किसानों से लेकर दूर-दराज के बाजारों तक अच्छी मांग बनाए हुए है. भरतपुर के कई गांवों में किसान पारंपरिक नींबू के बजाय अब बारहमासी नींबू की खेती कर रहे हैं, क्योंकि यह पूरे साल उत्पादन देने की क्षमता रखता है.
बारहमासी नींबू के पौधों में लगभग हर मौसम में फल लगते रहते हैं, जिससे उत्पादन का चक्र कभी रुकता नहीं. इससे किसानों को किसी एक मौसम पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं पड़ती और उन्हें वर्ष भर आय का स्थिर स्रोत मिलता है. अन्य नींबू किस्मों की तुलना में बारहमासी नींबू का आकार थोड़ा बड़ा होता है और इनमें रस की मात्रा भी अधिक पाई जाती है. यही कारण है कि अचार बनाने वाली स्थानीय इकाइयों और घरेलू उपभोक्ताओं के बीच इन नींबुओं की विशेष मांग बनी रहती है.
आसान है बारहमासी नींबू के पौध तैयार करना
बारहमासी नींबू के पौध तैयार करना आसान है और यह जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को भी अच्छी तरह सहन कर लेता है. पौध लगाने के लगभग डेढ़ से दो साल बाद से नियमित फलन शुरू हो जाता है. इसके पौधे कम पानी में भी अच्छे से विकसित हो जाते हैं, जिससे सिंचाई पर होने वाला खर्च भी काफी कम हो जाता है. बेहतर देखभाल और समय पर खाद और सिंचाई से इन पौधों पर फल की भरमार देखी जा सकती है.
बाजार में इन नींबुओं की अच्छी कीमत मिलने से किसानों का रुझान लगातार बढ़ रहा है, जिससे उन्हें बेहतर लाभ मिलता है. किसानों का कहना है कि बारहमासी नींबू की खेती कम जोखिम और कम लागत वाली है, इसलिए छोटे और मध्यम वर्ग के किसान भी इसे आसानी से अपना सकते हैं. खेतों में लगे पौधों पर लगातार फल लगते देख किसानों में उत्साह है और वे आने वाले वर्षों में इसके रकबे को और बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं.
About the AuthorMonali Paul
Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW…और पढ़ें
Location :
Bharatpur,Rajasthan
First Published :
November 28, 2025, 14:08 IST
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भरतपुर में बारहमासी नींबू की खेती से किसानों को हो रहा सालभर मुनाफा, जाने कैसे



