किसान इस वैरायटी के गेहूं की करें खेती, कम पानी में मिलती है बंपर उपज, रेट भी मिलता है तगड़ा

Last Updated:December 26, 2025, 05:58 IST
Wheat Farming Tips: अगर आप भी गेहूं की खेती करते हैं तो गेंहू की एक खास किस्म के बारे में जरूर जान लें. इसे स्वर्ण अनाज के रूप में भी पहचाना जाता है. इसकी खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है, क्योंकि इसकी डिमांड ज्यादा होने के साथ दाम भी अच्छे मिल सकते है. शरबती गेहूं की खेती से किसानों को बेहतर दाम और अधिक मुनाफा मिल रहा है. कम सिंचाई, कम लागत और प्रीमियम गुणवत्ता के कारण इसकी मांग घरेलू और निर्यात बाजारों में बनी हुई है.
सिरोही जिले में किसान परंपरागत गेहूं के साथ-साथ अब उन्नत किस्मों की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं. जिले में गेहूं के अलावा कई अनाज उगाए जाते हैं, लेकिन गेहूं किसानों की पहली पसंद बना हुआ है. अब प्रायोगिक तौर पर किसान शरबती गेहूं की खेती कर रहे हैं. शरबती गेहूं को गेहूं में सोना माना जाता है, क्योंकि इसकी गुणवत्ता, स्वाद और बाजार में कीमत अधिक होती है. इस किस्म से किसानों की आमदनी बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.

शरबती गेहूं की यह किस्म मुख्य रूप से मध्य प्रदेश के सीहोर, विदिशा और मालवा क्षेत्र में उगाई जाती है. लेकिन अधिक मांग के चलते अब देश के कई राज्यों में इसकी खेती होने लगी है. इस किस्म की खासियत यह है कि इसमें कम सिंचाई की आवश्यकता होती है. कम लागत में बेहतर उत्पादन मिलने से किसानों को अन्य किस्मों की तुलना में अधिक मुनाफा होता है. अच्छी गुणवत्ता और ऊंचे दामों के कारण शरबती गेहूं किसानों की पसंद बनता जा रहा है.

शरबती गेहूं की खेती से किसानों को अन्य फसलों की तुलना में अधिक दाम मिलते हैं. अपनी प्रीमियम क्वालिटी के कारण यह सामान्य गेहूं से ज्यादा कीमत पर बिकता है. बाजार में शरबती गेहूं का भाव करीब 2800 से 3500 रुपये प्रति क्विंटल तक रहता है. इससे किसानों को अच्छा मुनाफा होता है. इस किस्म की मांग घरेलू बाजार के साथ-साथ निर्यात में भी बनी रहती है, जिससे शरबती गेहूं की खेती किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है.
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शरबती गेहूं की खेती वर्षा आधारित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त मानी जाती है. इस किस्म की खेती में केवल 3 से 4 सिंचाइयों की जरूरत पड़ती है. साथ ही इसमें कीटनाशकों का उपयोग भी कम करना पड़ता है, जिससे लागत घटती है. शरबती गेहूं से प्रति हेक्टेयर करीब 55 से 60 क्विंटल तक उपज प्राप्त होती है. यह उपज अन्य किस्मों की तुलना में थोड़ी कम होती है. लेकिन इसकी गुणवत्ता बेहद अच्छी होती है, जिससे बाजार में अधिक कीमत मिलती है.

शरबती गेहूं की पहचान इसके बड़े दानों और सुनहरे रंग से होती है. इस किस्म में प्रोटीन की मात्रा 2 प्रतिशत से अधिक पाई जाती है, जिससे इसका आटा अधिक नरम और स्वादिष्ट बनता है. शरबती गेहूं में मिट्टी की पोटाश मात्रा अधिक होने से पोषक तत्व बढ़ जाते हैं. इसके सेवन से पाचन बेहतर रहता है और इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद मिलती है. यही कारण है कि शरबती गेहूं स्वास्थ्य के साथ-साथ स्वाद के लिहाज से भी खास माना जाता है.

शरबती गेहूं की खेती के दौरान रासायनिक खाद का कम उपयोग करना अधिक फायदेमंद माना जाता है. इस किस्म में जैविक तरीकों को अपनाने से बेहतर परिणाम मिलते हैं. गोबर खाद और जीवामृत का प्रयोग फसल के लिए लाभकारी साबित होता है. इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और पौधों की मजबूती बनी रहती है. जैविक खाद के उपयोग से फसल गिरने का खतरा कम होता है. साथ ही उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में सुधार देखने को मिलता है.
First Published :
December 26, 2025, 05:58 IST
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किसान इस वैरायटी के गेहूं की करें खेती, कम पानी में भी मिलती है बंपर उपज



