किसान के बेटे का कमाल! बकरियां चराई… खेती की… अब दूसरे प्रयास में हासिल की RAS में 31वीं रैंक

Last Updated:October 17, 2025, 07:16 IST
RAS Toppers Success Story: बाड़मेर के किसान पुत्र दिनेश चौधरी ने संघर्ष की राह पर चलते हुए राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) परीक्षा में 31वीं रैंक हासिल की है. खेतों में पिता का साथ देने और बकरियां चराने वाले दिनेश ने अपनी मेहनत से यह सफलता हासिल की. उनके माता-पिता निरक्षर हैं, लेकिन बेटे की पढ़ाई के लिए उन्होंने हर संभव त्याग किया। पहले शिक्षक बने, फिर जिला रोजगार अधिकारी और अब 31वीं रैंक के साथ दिनेश ने साबित किया कि मजबूत इरादों से कुछ भी संभव है.
बाड़मेर. रेगिस्तान की रेत में पले-बढ़े किसान पुत्र ने अपनी मेहनत, लगन और संघर्ष से वो कर दिखाया है जो बड़े-बड़े शहरों में रहकर भी हर कोई नहीं कर पाता है. खेतों में पिता का साथ देना, बकरियां चराना और तपती दोपहर में खेत की मेढ़ पर बैठकर किताबें पढ़ना यही थी दिनेश चौधरी की दिनचर्या. इसी संघर्ष ने उसके हौसले को इतना मजबूत किया कि आज उसने राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा में 31वीं रैंक हासिल की है.
पश्चिम राजस्थान के जोधपुर जिले के बावड़ी ब्लॉक के अणवाणा गांव निवासी दिनेश कुमार चौधरी ने यह मुकाम अपने दूसरे प्रयास में पाया है. खास बात यह है कि उनके माता-पिता निरक्षर हैं, फिर भी उन्होंने बेटे की शिक्षा को ही सबसे बड़ा सपना बनाया. मजदूरी कर उन्होंने दिनेश को पढ़ाया और आज उसी बेटे ने पूरे परिवार का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है.
पहले शिक्षक फिर जिला रोजगार अधिकारी बने
दिनेश चौधरी के परिवार की आमदनी खेती-बाड़ी पर ही निर्भर है. आर्थिक तंगी के बावजूद पिता ने बेटे की पढ़ाई कभी रुकने नहीं दी. पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली, लेकिन उसने हार मानने के बजाय अपनी कमियों पर काम किया और साल 2018 में रीट परीक्षा पास कर शिक्षक बन गए. इसके बाद दिनेश चौधरी ने 2021 आरएएस परीक्षा में 264वी रैंक हासिल कर बाड़मेर जिला रोजगार अधिकारी के पद पर चयनित हुए.
खेतों में बकरियां भी चराई
दिनेश का बचपन काफी संघर्षों से भरा रहा. गांव में सीमित संसाधनों के बावजूद दिनेश ने इंटरनेट और ऑनलाइन क्लासेस का सहारा लेकर अपनी तैयारी जारी रखी. वे बताते हैं कि पहली असफलता ने उन्हें तोड़ा नहीं बल्कि और मजबूत किया. दिनेश चौधरी ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और गुरुजनों को दिया है.
रोजाना 10 से 12 घंटे की पढ़ाई
दिनेश चौधरी ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए बताया कि उनके पिता उदाराम चौधरी किसान हैं जबकि माता रेवंती देवी गृहिणी हैं. महज 26 साल की उम्र में ही आरएएस परीक्षा को पास कर लिया है. वे बताते हैं कि उन्होंने रोजाना 10-12 घंटे सेल्फ स्टडी की और उन्हीं की बदौलत ही उन्होंने आरएएस परीक्षा को पास किया है.
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दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट…और पढ़ें
दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट… और पढ़ें
Location :
Barmer,Rajasthan
First Published :
October 17, 2025, 07:15 IST
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निरक्षर माता-पिता के बेटे का कमाल! दूसरे प्रयास में बने RAS अफसर