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किसान इस तकनीक से करें लतादार सब्जियों की खेती, मिलेगी बंपर उपज, कमाई भी होगी तगड़ी

Last Updated:April 06, 2025, 11:58 IST

Cucurbitaceous Vegetables Cultivation Tips: कद्दूवर्गीय सब्जियों की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट या बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है. जिसमें कार्बनिक पदार्थ पर्याप्त मात्रा में हों. किसान अगर इन सब्जिय…और पढ़ेंलतादार सब्जियों की खेती में इन बातों का रखें ख्याल, बंपर मिलेगी उपज

कद्दूवर्गीय फसल

हाइलाइट्स

कद्दूवर्गीय सब्जियों के लिए दोमट मिट्टी उपयुक्त है.बुवाई से पहले खेत की गहरी जुताई करें.फरवरी-मार्च में बुवाई से अच्छी पैदावार मिलेगी.

सिरोही. अगर आप भी गर्मियों में खीरा करेला या लौकी जैसी सब्जियों की खेती करते हैं, तो इसके लिए एक खास मिट्टी को अपने खेत में डालने पर अच्छी पैदावार मिल सकती है. कृषि विभाग सिरोही के सहायक कृषि अधिकारी ने लोकल 18 को बताया कि कद्दूवर्गीय सब्जियों (जैसे खीरा, करेला, लौकी, कद्दू, तोरई आदि) की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट या बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है.

जिसमें कार्बनिक पदार्थ पर्याप्त मात्रा में हों. किसान अगर इन सब्जियों की खेती कर रहे हैं, तो बुवाई से पहले खेत की गहरी जुताई करें, फिर हल्की जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बना लें. मिट्टी का पीएच मान 6 से 7.5 के बीच होना चाहिए और खेत में अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद या कंपोस्ट खाद मिलाएं. इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है.

इस समय बुवाई करने से मिलेगा फ़ायदा

गर्मियों की फसल के लिए बुवाई का समय फरवरी-मार्च है. विभिन्न सब्जियों के लिए बीज दर अलग-अलग होती है, जैसे खीरा (2-2.5 किग्रा/हेक्टेयर), लौकी (4-5 किग्रा/हेक्टेयर), करेला (5-6 किग्रा/हेक्टेयर), तोरई (4.5-5 किग्रा/हेक्टेयर), कद्दू (3-4 किग्रा/हेक्टेयर). बुवाई से पहले बीजों को फफूंदनाशक दवा से उपचारित करें. अगर किसान चाहें, तो पौध तैयार करके भी रोपण कर सकते हैं. नियमित रूप से सिंचाई करें, खासकर जब फसल छोटी हो, लेकिन ज्यादा पानी देने से भी बचें, क्योंकि पानी की अधिकता से बचें, क्योंकि इससे फसल को नुकसान हो सकता है.

उर्वरक के उपयोग में बरतें सावधानी

किसान उर्वरकों का उपयोग करने से पहले मिट्टी की जांच करवा लें और मिट्टी की जांच के अनुसार रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करें. कद्दूवर्गीय सब्जियों को विभिन्न कीटों से जैसे फल मक्खी, लीफ माइनर, चेपा आदि नुकसान हो सकता है. कद्दूवर्गीय सब्जियों को विभिन्न रोगों जैसे फंगस, वायरस आदि से भी नुकसान हो सकता है. इन कीटों और रोगों के नियंत्रण के लिए उचित उपाय करना जरूरी है. इनमें रासायनिक दवाओं का प्रयोग, जैविक नियंत्रण आदि शामिल है. इसके अलावा खेत में फसल को खरपतवारों से बचाना जरूरी है. अन्य मौसम में कद्दूवर्गीय सब्जियों की अगेती फसल के लिए पॉली हाउस का उपयोग कर सकते हैं. किसान को सम्बंधित फसल की उन्नत किस्मों का चयन करना चाहिए, ताकि अधिक पैदावार मिल सके.

Location :

Sirohi,Rajasthan

First Published :

April 06, 2025, 11:58 IST

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लतादार सब्जियों की खेती में इन बातों का रखें ख्याल, बंपर मिलेगी उपज

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