Farming Tips: गर्मियों में पशुओं की लाद को ठंडा रखता है ये चरी, 45 डिग्री पारा में भी कूल-कूल रहेंगी आपकी गाय-भैस

Last Updated:April 25, 2025, 12:57 IST
Farming Tips: भरतपुर जिले में किसान ज्वार चरी की बुवाई की तैयारी में हैं, जो गर्मी में पशुओं को पोषण और राहत देती है. सही खेत तैयारी, समय पर बुवाई और सिंचाई से यह फसल 30-35 दिनों में तैयार हो जाती है.X
हरा चारा ज्वार चरी
मनीष पुरी/भरतपुर- गर्मियों का मौसम आते ही भरतपुर जिले के किसान अपने खेतों में ज्वार चरी की बुवाई की तैयारी में लग गए हैं. यह हरा चारा न केवल पशुओं के लिए पोषण से भरपूर है, बल्कि गर्मी से भी राहत प्रदान करता है.
ज्वार की बुवाई के लिए खेत की तैयारी है बेहद महत्वपूर्णकृषि विभाग के अधिकारी सतपाल गुर्जर के अनुसार, ज्वार की अच्छी पैदावार के लिए खेत की सही तैयारी जरूरी है. खेत की मिट्टी को गहराई से जोतने से नमी बनी रहती है और बीजों को जमने में मदद मिलती है. इसके अलावा, जैविक खाद का उपयोग करने से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति भी बनी रहती है.
ज्वार की बुवाई का सही समय और विधिगर्मी के इस मौसम में, गेहूं की कटाई के तुरंत बाद ज्वार की बुवाई शुरू की जा सकती है. अप्रैल के अंतिम सप्ताह से बुवाई का आदर्श समय होता है, जब तापमान और मिट्टी की स्थिति चारे की खेती के लिए उपयुक्त रहती है.
सिंचाई और देखभाल से होगी फसल की बेहतरीबुवाई के बाद हर 8 से 10 दिन में सिंचाई की आवश्यकता होती है ताकि फसल में नमी बनी रहे और वह स्वस्थ रूप से विकसित हो सके. ज्वार की यह फसल आमतौर पर 30 से 35 दिनों में काटने लायक हो जाती है और इस दौरान भरपूर हरा चारा तैयार हो जाता है.
कम समय में अधिक हरा चारा देने वाली किस्मेंभरतपुर क्षेत्र के किसान SSG मल्टीकट, रेड ज्वार, राजस्थान चरी-1 और राजस्थान चरी-2 जैसी किस्मों को बो सकते हैं. ये किस्में कम समय में अधिक हरा चारा देती हैं और गर्मी को भी सहन करने में सक्षम होती हैं.
पशुपालन और किसानों के लिए लाभकारीइस प्रकार, ज्वार की खेती न केवल पशुपालन के लिए उपयोगी है, बल्कि किसानों के लिए हरे चारे का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी बन जाती है. यह खेती पशुओं के लिए आवश्यक पोषण सुनिश्चित करती है और किसानों की आय में भी वृद्धि करती है.
Location :
Bharatpur,Rajasthan
First Published :
April 25, 2025, 12:57 IST
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