पिता सरकारी नौकर, नहीं चाहते थे फिल्मों में जाए बेटी, पत्नी की जिद पर झुके, हेमा ने 19 की उम्र में किया डेब्यू

Last Updated:October 16, 2025, 06:01 IST
‘सपनों के सौदागर’ से हेमा मालिनी ने हिंदी फिल्मों में डेब्यू किया. तमिल ब्राह्मण परिवार में पली बढ़ी, भरतनाट्यम में पारंगत और सरकारी मुलाजिम की 19 साल की बेटी का रियल से रील तक का सफर आसान नहीं रहा. आज उनका 77वां जन्मदिन है.
शादीशुदा धर्मेंद्र से शादी करने वाली हेमा मालिनी जमाने की परवाह नहीं की. अपनी शर्तों पर काम किया और अपनी अदाकारी और डांसिंग स्किल्स के जरिए इंडस्ट्री पर राज किया. आपको जानकार हैरानी होगी, हेमा के पिता नहीं चाहते थे कि हेमा फिल्मों में काम करें, लेकिन उनकी मां फिल्म इंडस्ट्री की राह दिखाई.
हेमा मालिनी का जन्म तिरुचिरापल्ली जिले के अम्मानकुडी में 16 अक्टूबर 1948 को हुआ. वे घर में बस एक शांत बच्ची थीं, जिसे मां जया लक्ष्मी अय्यर भरतनाट्यम का कठोर अभ्यास करवाती थीं. मां जानती थीं कि यह बच्ची साधारण नहीं, एक समर्पित साधिका बनेगी.
हेमा मालिनी के पिता, वी.एस. रामन, सरकारी मुलाजिम थे. भाई आर. चक्रवर्ती ने अपनी किताब‘गैलोपिंग डीकेड्स: हैंडलिंग द पैसेज ऑफ टाइम में हेमा की उस तलाश के बारे में लिखा. बताया कि ‘वह उम्र में नहीं, बल्कि लय में बढ़ी, हेमा कभी चली नहीं, वह ग्लाइड करती थीं.’
फिर आया वो समय जब हेमा की हिंदी फिल्म में एंट्री हुई. पहली फिल्म ‘सपनों का सौदागर’ थी और सामने एक्टर थे द ग्रेट शोमैन राज कपूर. भावना सोमाया की किताब ‘हेमा मालिनी: द ऑथराइज्ड बायोग्राफी’ में पहले स्क्रीन टेस्ट तक पहुंचने की पूरी कहानी है. इसमें हेमा के घर पिता और मां में हुई अनबन का जिक्र है. ये भी कि पिता ने पूरे हफ्ते नाराज होकर परिवार के साथ खाना नहीं खाया और ये भी कि कैसे फिर आखिरकार मां ने मना लिया.
हेमा मालिनी भी पर्दे पर दिखने की ख्वाहिश नहीं रखती थीं, लेकिन उन्होंने अपनी मां की इच्छा का सम्मान किया और उस अपमान से भी पार पाने का रास्ता चुना जो वर्षों पहले एक तमिल फिल्म में रिजेक्ट होने से उपजा था. खैर, इस फिल्म का स्क्रीन टेस्ट हेमा मालिनी के दिमाग पर अब भी छपा हुआ है.
उन्होंने बताया कि स्क्रीन टेस्ट देवनार के स्टूडियो में होना था. तब तक हेमा स्टेज पर बतौर नृत्यांगना खुद को स्थापित कर चुकी थीं. उनका अपना स्टाफ था जिसमें मेकअप मैन माधव पई, ड्रेसमैन विष्णु और स्पॉट-बॉय हनुमान शामिल थे. सबने हेमा का हौसला बढ़ाया.
विष्णु ने ड्रेस रूम में पद्मिनी और वैजयंतीमाला जैसी दिग्गज अभिनेत्रियों की पोशाकें दिखाते हुए कहा, ‘एक दिन इनके अलावा तुम्हारी पोशाकें भी टंगी होंगी?’ मेकअप मैन ने कहा, ‘निडर रहो, ऐसे प्रदर्शन करो जैसे कमरे में तुम्हारे अलावा कोई नहीं है… अपना दिल खोलो और देखो कि रोशनी तुम्हारे चेहरे पर कैसे चमकती है.’ नर्वस हेमा थोड़ी संभली और टेस्ट दिया.
18-19 साल की इस एक्ट्रेस ने जो स्टेज पर किया उसे देख राज कपूर भी तपाक से बोल पड़े, ‘यह भारतीय पर्दे की सबसे बड़ी स्टार बनने जा रही हैं?’ साउथ में सिरे से खारिज की गई हेमा और उनकी मां जया के घावों पर ये मरहम की तरह था.
फिल्मों में आना हेमा मालिनी का फैसला नहीं था; यह उनकी मां की महत्वाकांक्षा थी. लेकिन ड्रीम गर्ल बनना उनका सपना भी नहीं था; यह तो लोगों ने उन्हें उपाधि की तरह पहना दी. सफलता मिली, मगर वह कभी उसमें बसी नहीं. उन्होंने प्यार किया, विवाह किया, परिवार बनाया—मगर इन सबके बीच भी वे एक नृत्यांगना ही रहीं. वह पॉलिटिशियन भी हैं.
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October 16, 2025, 06:01 IST
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पिता सरकारी नौकर, नहीं चाहते थे फिल्मों में जाए बेटी हेमा, बीवी की जिद पर झुके