दो खास लेटर से फिल्म बनाते थे ससुर-दामाद, बनाईं 12 सुपरहिट फिल्में, हर मूवी ने तोड़े रिकॉर्ड – Rakesh roshan J om prakash Sasur damad in real life made films like aasha apnapan karan arjun krish starting with letter ak 12 movies turn superhit

Last Updated:December 16, 2025, 22:52 IST
Bollywood Superhit Movies : बॉलीवुड में कई डायरेक्टर-प्रोड्यूसर ऐसे भी हैं जो किसी खास लेटर से फिल्म बनाने में यकीन रखते हैं. वो अपनी हर फिल्म का नाम एक खास लेटर से ही शुरू करते हैं. जैसे फेमस डायरेक्टर-प्रोड्यूसर सुभाष घई अपनी हर फिल्म में ‘एम’ अक्षर वाली हीरोइन को काम करने का मौका देते रहे हैं. उन्होंने माधुरी दीक्षित, मनीषा कोइराला, महिमा चौधरी, मीनाक्षी शेषाद्रि जैसी एक्ट्रेस को अपनी फिल्मों में काम दिया. फिल्म इंडस्ट्री ससुर-दामाद की एक ऐसी जोड़ी भी आई जो खास लेटर से ही फिल्में बनाते थे. दिलचस्प बात यह है कि उनकी दो फिल्में सुपर ब्लॉकबस्टर, एक ब्लॉकबस्टर, और 9 फिल्में सुपरहिट रहीं. ससुर-दामाद की वो जोड़ी कौन सी थी और वो फिल्में कौन सी थीं, आइये जानते हैं….
बॉलीवुड फिल्मों में बाप-बेटी की जोड़ी हमेशा चर्चा में रहती है. धर्मेंद्र-सनी देओल की एक्शन फिल्में आज भी हम सभी बार-बार देखते हैं. बॉलीवुड में ऐसी ही जोड़ी ससुर-दामाद की रही जो एक खास अक्षर से ही अपनी फिल्मों का टाइटल रखते थे. दोनों ने 15 से ज्यादा फिल्में बनाईं लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इनमें से दो फिल्में सुपर ब्लॉकबस्टर, एक ब्लॉकबस्टर, 9 सुपरहिट मूवी साबित हुईं. ससुर-दामाद की यह जोड़ी जे. ओम प्रकाश और राकेश रोशन की थी. जे. ओम प्रकाश फिल्म प्रोड्यूसर-डायरेक्टर राकेश रोशन के ससुर थे. जे. ओम प्रकाश ने अपनी बेटी पिंकी की शादी राकेश रोशन से की थी. जे. ओम प्रकाश ‘अ’ अक्षर से ही फिल्में बनाते थे, वहीं राकेश रोशन ‘क’ अक्षर से फिल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं.

मशहूर निर्माता-निर्देशक जे.ओम प्रकाश ने जितनी भी फिल्में बनाई, उनका पहला लेटर ‘अ’ से शुरू होता था. दिलचस्प बात यह है कि ज्यादातर फिल्में सुपरहिट रहीं. उन्होंने अपने करियर में ‘आई मिलन की बेला’ (1964), आया सावन झूम के (1969), आपकी कसम (1974), आक्रमण, ‘आशिक हूं बहारों का’ (1977) के अलावा अपनापन (1977), आशा (1980), अर्पण (1983), आदमी खिलौना है (1993), जैसी सुपरहिट फिल्में बनाई हैं. उन्होंने राजेश खन्ना के साथ ‘आखिर क्यों’ (1985) बनाई थी जिसमें राकेश रोशन भी नजर आए थे. अभिनेता जीतेंद्र के साथ उन्होंने आशा, अर्पण और अपनापन जैसी कई यादगार फिल्में बनाईं.

इस पूरे किस्से में एक और नाम ‘मोहन कुमार’ का है जो कि जे. ओम प्रकाश के साढ़ू थे. मोहन कुमार भी मशहूर निर्देशक रहे हैं. उन्होंने भी अपने करियर में कई फिल्मों का निर्देशन किया है. मोहन कुमार की ज्यादातर फिल्में भी ‘अ’ अक्षर से शुरू होती है. ठीक जे. ओम प्रकाश की तरह. मोहन कुमार स्यालकोट से मुंबई आए थे. उन्होंने आस का पंछी (1961), अनपढ़ (1962), आई मिलन की बेला (1964), आपकी परछाइयां (1964), अमन (1967), आप आए बहार आई (1971), अमीर गरीब (1974), आपबीती (1976), आप तो ऐसे ना थे (1980), अवतार (1980), ऑल राउंडर (1984), अम्बा (1990) जैसी फिल्में बनाई हैं. 2017 में मोहन कुमार का निधन हो गया था.
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जे. ओम प्रकाश के दामाद राकेश रोशन ने अपने करियर में जो भी फिल्में बनाईं उनका पहला अक्षर ‘के’ शुरू होता है. 6 सितंबर 1949 को जन्मे राकेश रोशन 970-80 के दशक में 80 फिल्मों में काम किया. 1987 में उन्होंने ‘खुदगर्ज’ से फिल्में बनाना शुरू किया. फिर तो ‘के’ लेटर उनकी फिल्मों के नाम के साथ हमेशा के लिए जुड़ गया. राकेश रोशन ने खून भरी मांग (1988), किशन कन्हैया (1990), करण-अर्जुन (1995), म्यूजिकल रोमांटिक फिल्म कहो ना प्यार है (2000), कोई मिल गया (2003), कृष, कृष 3 जैसी सुपर ब्लॉकबस्टर फिल्में बनाई हैं.

राकेश रोशन ‘के’ अक्षर से फिल्म क्यों बनाते हैं, इसके पीछे का किस्सा भी बेहद दिलचस्प है. हर कोई इसका राज जानना चाहता है. राकेश रोशन ने 1984 में ‘जाग उठा इंसान’ फिल्म बनाई थी. इस फिल्म के निर्माण के दौरान एक फैन ने उन्हें अपनी फिल्मों का नाम ‘के’ से शुरू करने की सलाह दी थी. राकेश ने तब इस सलाह को सीरियस नहीं लिया. ‘जाग उठा इंसान’ तो बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही ही, उनकी अगली फिल्म ‘भगवान दादा’ भी डिजास्टर साबित हुई. तभी उन्हें लेटर में लिखी बात याद आई. फिर ‘खट्टा-मीठा’ और ‘खंडन’ जैसी फिल्मों ने थोड़ा सहारा दिया. इन फिल्मों के नाम ‘के’ से शुरू होते थे. फिर 1987 में ‘खुदगर्ज’, कालाबाजार, किशन कन्हैया सुपरहिट रही. फिर तो उन्होंने ‘के’ लेटर को अपने साथ हमेशा के लिए जोड़ लिया.

सबसे ज्याद रोचक बात यह है कि सुपरस्टार ऋतिक रोशन 1980 में आई ‘आशा’ फिल्म में सबसे पहले डांस करते हुए नजर आए थे. उनके नाना जे. ओम प्रकाश इस फिल्म के डायरेक्टर-प्रोड्यूसर थे. उस समय ऋतिक रोशन सिर्फ 6 साल के थे. आशा फिल्म में जीतेंद्र-रीना रॉय-रामेश्वरी लीड रोल में नजर आई थीं. फिल्म सुपरहिट साबित हुई थी.

डायरेक्टर-प्रोड्यूसर राकेश रोशन ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक फिल्में आईं. 1988 में ‘खून भरी मांग’ से उनके काम को सराहा गया. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर जबर्दस्त कमाई की. रेखा-कबीर बेदी और शत्रुघ्न सिन्हा जैसे सितारे नजर आए थे. फिर 1990 में किशन-कन्हैया कॉमेडी फिल्म ने अनिल कपूर के स्टारडम को नई ऊंचाई दी. आगे चलकर उन्होंने तीनों ऐसी फिल्में बनाईं जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया. ये फिल्में थीं : कोई मिल गया, कृष, कृष 3.

कहो ना प्यार की अपार सफलता के बाद राकेश रोशन ने एक ऐसी फिल्म बनाई जिसकी कहानी तीन सीरीज में चली. इस सीरीज की पहली फिल्म 8 अगस्त 2003 को रिलीज हुई थी. नाम था : कोई मिल गया. ऋतिक रोशन, प्रीति जिंटा, रेखा, प्रेम चोपड़ा, मुकेश ऋषि, अंजना मुमताज, जॉनी लीवर और रजत बेदी स्टारर इस फिल्म का म्यूजिक राजेश रोशन ने दिया था. 30 करोड़ के बजट में तैयार इस फिल्म ने 82 करोड़ का वर्ल्डवाइड कलेक्शन किया था. यह 2003 की सबसे ज्यादा पैसा कमाने वाली फिल्म थी. फिल्म में जादू का किरदार इंद्रवदन पुरोहित ने निभया था. इंद्रवदन की 2014 में उनकी मौत हो गई थी. ‘कोई मिल गया’ का सीक्वल 23 जून 2006 में ‘कृष’ के नाम से आया था. इस सीक्वल में ऋतिक रोशन, प्रियंका चोपड़ा, रेखा, नसीरुद्दीन शाह, पुनीत इस्सर, शरत सक्सेना जैसे एक्टर नजर आए थे. नसीरुद्दीन शाह निगेटिव रोल में नजर आए थे. 40 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने 126 करोड़ का वर्ल्डवाइड कलेक्शन किया था. यह एक ब्लॉकबस्टर फिल्म साबित हुई थी. 2013 में कोई मिल गया सीरीज का तीसरा पार्ट ‘कृष 3’ के नाम से पर्दे पर आया था. इस मूवी ने वर्ल्डवाइड कलेक्शन 393 करोड़ रुपये का किया था.
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December 16, 2025, 22:52 IST
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खास दो लेटर से फिल्म बनाते थे ससुर-दामाद, बनाईं 12 सुपरहिट फिल्में



