Fertilizer Authenticity Test | Urea & DAP check | Home Based Farming Tips | Crop protection tips

Last Updated:October 11, 2025, 23:45 IST
Home Farming Tips: अब किसान घर बैठे मिनटों में पहचान सकते हैं कि उनकी खाद असली है या नकली. यूरिया, डीएपी और अन्य खाद की जांच आसान और तेज़ तरीके से की जा सकती है. इस आसान ट्रिक से फसल की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों सुरक्षित रहेंगे.
किसानों के लिए असली और नकली खाद की पहचान करना बहुत जरूरी है, क्योंकि नकली खाद फसल की बढ़वार, उत्पादन और गुणवत्ता पर नकारात्मक असर डालती है. इससे किसानों का मुनाफा घट जाता है और मिट्टी की उर्वरता भी कम हो जाती है. ऐसे में सही जानकारी और थोड़े से परीक्षण से किसान घर पर ही असली खाद की पहचान कर सकते हैं.
कृषि अधिकारी रामनिवास चौधरी ने बताया कि यूरिया की पहचान आसान है. इसके सफेद, गोल और समान आकार के दाने होते हैं. जांच के लिए कुछ दानों को पानी में डालें और हिलाएं, अगर यूरिया पूरी तरह घुल जाए और पानी को छूने पर ठंडक महसूस हो, तो यह असली है. नकली यूरिया पूरी तरह नहीं घुलता और ठंडक नहीं देता.
इसके अलावा डीएपी यानी डाय अमोनियम फॉस्फेट के दाने कंकर जैसे अनियमित आकार के होते हैं. असली डीएपी की पहचान के लिए दानों को हथेली में लेकर चूना मिलाकर रगड़ें. अगर तेज गंध आए तो यह असली है. दूसरा तरीका यह है कि तवे पर गर्म करने पर असली डीएपी के दाने फूल जाते हैं, जबकि नकली नहीं फूलते.
उन्होंने बताया कि पोटाश की पहचान भी घर पर आसानी से की जा सकती है. असली पोटाश सफेद नमक और लाल मिर्च जैसा दिखता है. इसमें नमी या पानी डालने पर दाने आपस में नहीं चिपकते. अगर पोटाश में लाल दाने पानी में डालने पर ऊपर तैरने लगें, तो समझें यह असली है, वरना इसमें मिलावट है.
कृषि अधिकारी रामनिवास चौधरी ने बताया कि जिंक सल्फेट हल्के सफेद या पीले भूरे रंग का होता है. जांच के लिए इसे डीएपी के घोल में मिलाएं. अगर मिश्रण में थक्केदार अवशेष बनता है तो जिंक सल्फेट असली है. अगर ऐसा नहीं होता तो यह नकली या मिलावटी हो सकता है. असली जिंक सल्फेट पौधों की वृद्धि के लिए बहुत उपयोगी होता है.
सिंगल सुपर फॉस्फेट यानी एसएसपी की पहचान उसके सख्त, ठोस और भूरे-काले या बादामी रंग के दानों से की जाती है. असली एसएसपी के दाने नाखूनों या कील से आसानी से नहीं टूटते और गर्म करने पर फूलते भी नहीं हैं. इसकी गुणवत्ता का असर मिट्टी की फॉस्फोरस मात्रा पर सीधे पड़ता है.
कृषि अधिकारी रामनिवास चौधरी ने बताया कि किसानों को हमेशा सरकार द्वारा अधिकृत विक्रेताओं से ही उर्वरक खरीदना चाहिए और दुकानदार से पक्का बिल अवश्य लेना चाहिए. अगर खाद की गुणवत्ता पर संदेह हो या कमी दिखाई दे तो किसान कृषि विभाग में तुरंत शिकायत करना चाहिए. इससे उन्हें सही उत्पाद और न्याय मिल सकता है.
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October 11, 2025, 23:45 IST
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फसल की सुरक्षा के लिए जरूरी है सही खाद, दो मिनट में करें पहचान