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FGM-148 anti-tank missile | US India defence Deal | India Javelin missile deal- दुश्मन टैंकों के लिए आया ‘यमराज’! भारत खरीद रहा FGM-148 जेवलिन मिसाइलें, एक झटके में सब होगा खाक

Agency:एजेंसियां

Last Updated:October 25, 2025, 03:31 IST

FGM-148 Anti Tank Missile: भारतीय सेना ने अमेरिकी FGM-148 जेवलिन एंटी-टैंक मिसाइलें खरीदने की प्रक्रिया शुरू की है. ये मिसाइलें दुश्मन के टैंकों को एक झटके में तबाह कर सकती हैं. जल्द भारत में सह-निर्माण भी संभव. इस खबर में पढ़िए इस हथियार के बार में डिटेल्स में.दुश्मन टैंकों का 'यमराज': भारत खरीदेगा FGM-148 जेवलिन, एक झटके में खाकभारतीय सेना ने अमेरिकी FGM-148 जेवलिन मिसाइलें खरीदने की प्रक्रिया शुरू की. (फोटो Reuters)

India Javelin Missile Deal: भारतीय थल सेना ने अपनी युद्ध क्षमता को और मजबूत करने के लिए अमेरिकी FGM-148 जेवलिन (Javelin) एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों की खरीद शुरू कर दी है. यह सौदा “आपातकालीन वित्तीय अधिकारों” के तहत किया जा रहा है ताकि सीमावर्ती इलाकों में तैनात सैनिकों को अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया जा सके. प्रारंभिक चरण में 12 लॉन्चर और 104 मिसाइलें खरीदी जा रही हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक इस आपात खरीद की पुष्टि खुद लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार, महानिदेशक (इंफेंट्री) ने की है. उन्होंने बताया कि मौजूदा सुरक्षा परिस्थितियों और सीमाओं पर बढ़ते खतरे को देखते हुए सेना को तुरंत फायरपावर बढ़ाने की जरूरत थी. जेवलिन मिसाइल को इसकी उन्नत तकनीक और ‘फायर-एंड-फॉरगेट’ क्षमता के कारण चुना गया है, जो दुश्मन के टैंकों को ऊपर से सटीकता से निशाना बनाती है.

क्या खास है जेवलिन मिसाइल मेंजेवलिन एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) को अमेरिकी कंपनियों रेथियॉन और लॉकहीड मार्टिन ने संयुक्त रूप से विकसित किया है. यह एक तीसरी पीढ़ी की शोल्डर-फायर मिसाइल है. इसे एक सैनिक अपने कंधे से दाग सकता है. इसकी ‘टॉप-अटैक’ उड़ान प्रोफाइल टैंकों के ऊपरी हिस्से को निशाना बनाती है, जो सबसे कमजोर होता है.

यह मिसाइल दुश्मन टैंकों को ऊपर से सटीक निशाना बनाती है. (फोटो Reuters)

इसका ‘सॉफ्ट लॉन्च’ सिस्टम इसे कठिन इलाकों या पहाड़ी मोर्चों से भी सुरक्षित रूप से दागने में सक्षम बनाता है. इसका कमांड लॉन्च यूनिट (CLU) दिन-रात दोनों समय लक्ष्य साधने की सुविधा देता है. इससे यह विशेष रूप से भारत की पहाड़ी सीमाओं पर तैनात इकाइयों के लिए बेहद उपयोगी बनती है.

भारत-अमेरिका साझेदारी की नई दिशा
यह खरीद केवल तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए नहीं है. इसके साथ ही भारत ने अमेरिका को जेवलिन मिसाइल के सह-उत्पादन (Co-Production) की मंजूरी के लिए औपचारिक प्रस्ताव भी भेजा है. यह पहल सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ (Make in India) अभियान के अनुरूप है. इसका उद्देश्य देश में ही रक्षा उपकरणों का निर्माण बढ़ाना और विदेशी निर्भरता कम करना है.

सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी पक्ष ने इस प्रस्ताव पर सकारात्मक रुख दिखाया है और तकनीकी बातचीत जुलाई से जारी है. अगर यह साझेदारी मंजूर होती है, तो भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल होगा जो जेवलिन मिसाइल का उत्पादन कर सकते हैं. यह दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को एक नई ऊंचाई देगा.

सेना की आधुनिक रणनीति का हिस्साजेवलिन की तैनाती सेना के इंफेंट्री आधुनिकीकरण अभियान का अहम हिस्सा है. इसमें नई कार्बाइनों, लोइटरिंग म्यूनिशन्स और रीकॉनिसेंस सिस्टम की खरीद भी शामिल है. सेना इसे ब्रिगेड और कंपनी स्तर पर उपयोग करने की योजना बना रही है, खासकर उन इकाइयों के लिए जो तेज़ और ऊबड़-खाबड़ इलाकों में काम करती हैं.

इस मिसाइल की ‘मैन-पोर्टेबल’ (कंधे पर उठाई जाने योग्य) क्षमता इसे अत्यधिक लचीला बनाती है. इससे छोटे सैनिक दल बिना भारी टैंक या तोपखाने की सहायता के भी दुश्मन के बख्तरबंद वाहनों को तबाह कर सकते हैं. इसकी घातक क्षमता और विश्वसनीयता ने इसे दुनिया की सबसे भरोसेमंद एंटी-टैंक मिसाइलों में शामिल कर दिया है.

स्वदेशीकरण की ओर बड़ा कदमलेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार ने कहा कि फिलहाल आपात खरीद से मौजूदा कमजोरियों को दूर किया जा रहा है. लेकिन असली लक्ष्य स्वदेशी निर्माण है. सह-उत्पादन का यह प्रस्ताव केवल सामरिक नहीं, बल्कि रणनीतिक दृष्टि से भी अहम है. क्योंकि यह भारत की रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा.

Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in Hindi, …और पढ़ें

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in Hindi, … और पढ़ें

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October 25, 2025, 03:31 IST

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