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Field Hospital Scam: कोरोना काल में BMC कर्मचारी मालामाल, ED का दावा- 25 लाख की रिश्‍वत को डांस बार में उड़ाया

मुंबई. देश में शायद ही ऐसा कोई शख्‍स हो जो कोरोना महामारी से किसी ना किसी रूप में प्रभावित ना रहा हो. सदी में एक बार आने वाली इस आपदा के दौरान लाखों की संख्‍या में लोगों ने अपनी जान गंवाई. इसी बीच कुछ लोग अपनी बदनीयत के चलते लोगों की जान से खेलने से भी नहीं चूके. मुंबई के कोविड फील्‍ड अस्‍पताल से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने यह दावा किया है कि बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के अधिकारी ने कोविड के दौरान भ्रष्‍टाचार के माध्‍यम से 25 लाख रुपये की रिश्‍वत ली. इस रकम को उसने मुंबई के डांस बार में उड़ा भी दिया.

टाइम्‍स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार ईडी ने बीते दिनों शिव सेना (UBT) के सांसद संजय राऊत के करीबी सुजीत पाटकर और मुंबई के सबसे उत्तरी उपनगर दहिसर में कोरोना मरीजों के लिए बने कोविड फील्‍ड अस्‍पताल के डीन डॉ किशोर बिसुरे को गिरफ्तार किया था. पेश मामले में एजेंसी ने गिरफ्तार आरोपी और बीएमसी के संदिग्‍ध कर्मचारियों के बयान दर्ज किए थे. इस दौरान ईडी को एक बीएमसी कर्मचारी ने बताया कि उसे 25 लाख रुपये की रकम रिश्वत के तौर पर दी गई थी. इस रकम को उसने मुंबई के डांस बार में नाचने के दौरान उड़ा भी दिया.

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कोरोना काल में बनाई गई थी कंपनी
जांच एजेंसी का कहना है कि पाटकर और उनके तीन पार्टनर ने साथ मिलकर कोरोना काल में लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विस के नाम से एक कंपनी बनाई थी. बीएमसी ने इस नई कंपनी को मुंबई का सबसे उत्तरी उपनगर दहिसर में कोरोना मरीजों के लिए बने फील्‍ड अस्‍पताल के मैनेजमेंट का ठेका दे दिया. ईडी का कहना है कि आरोपियों ने जरूरत के आधे हेल्‍थ केयर वर्कर मुहैया कराए और बीएमसी के समक्ष बढ़ा-चढ़ा का बिल पेश कर दिए. बीएमसी ने 32 करोड़ के बिलों को क्‍लीयर भी कर दिया. फील्ड अस्पताल के लिए केवल 8 करोड़ रुपये का उपयोग वास्तविक कार्य के लिए किया गया और बाकी की रकम को अन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया गया.

बीएमसी कर्मचारियों को बांटे गए सोने के सिक्‍के
इस मामले में सुजीत पाटकर को मुख्‍य आरोपी बनाया गया है, जिन्‍हें इस धोखाधड़ी की सबसे ज्‍यादा रकम दी गई. केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि भ्रष्‍टाचार के इस पूरे खेल में फर्जी अटेंडेंस शीट बनाई गई. बीएमसी को फर्जी बिल देने का निर्देश दिया गया. पाटकर ने कथित तौर पर डॉ. बिसुरे और अन्य के साथ मिलकर फर्जी अटेंडेस शीट बनाई. फर्जी कंपनियों के माध्‍यम से इस रकम को कैश कराया गया. इस रकम का इस्‍तेमाल बीएमसी कर्मचारियों को रिश्‍वत देने के लिए किया गया. बीएमसी के ऐसे कर्मचारियों को भी सोने के सिक्‍के बांटे गए, जो इस मामले में शामिल तक नहीं थे, ताकि वो इसका विरोध ना करें.

Tags: COVID 19, Enforcement directorate, Maharashtra News, Mumbai News

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