Fighter Jet Morphing Wing Technology Trail | Fighter Jet New Technology Reveal- अब फाइटर जेट बदलेंगे रूप! DRDO ने 0.17 सेकंड में पंख मोड़ने वाली तकनीक का किया ट्रायल, दुश्मन को संभलने का मौका नहीं

Last Updated:December 08, 2025, 03:51 IST
Fighter Jet Morphing Wing Technology Trail: DRDO ने एक बड़ा तकनीकी चमत्कार करते हुए ऐसे मॉर्फिंग विंग्स का सफल परीक्षण किया है, जो उड़ान के दौरान महज 0.17 सेकंड में रूप बदल सकते हैं. Shape Memory Alloy आधारित यह तकनीक जेट को स्टील्थ, फुर्ती और ईंधन दक्षता में कई गुना बढ़त देती है. भारत इसे AMCA ड्रोन और नेवल जेट्स में अपनाने की तैयारी में है.
DRDO ने ऐसे मॉर्फिंग विंग्स का ट्रायल किया है जो उड़ान के दौरान सेकंड के हिस्से में आकार बदलते हैं. यह तकनीक भारतीय AMCA, ड्रोन और नेवल जेट्स की फुर्ती और स्टील्थ क्षमता. (फोटो Reuters)
Fighter Jet Morphing Wing Technology Trail: भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (DRDO) ने वह तकनीक दिखा दी है. इसकी कल्पना अब तक सिर्फ साइंस-फिक्शन फिल्मों में की जाती थी. भारत ने ऐसे फाइटर जेट विंग्स का सफल परीक्षण किया है, जो उड़ान के दौरान अपना रूप बदल सकते हैं. वह भी महज 0.17 सेकंड में. ये मॉर्फिंग विंग्स आसमान में जेट को वह चपलता दे देते हैं. इससे दुश्मन को समझने का भी मौका नहीं मिलेगा.
इस टेक्नोलॉजी के सामने आने के बाद विशेषज्ञ कह रहे हैं कि भारत अब उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जो ऐसे स्मार्ट-विंग सिस्टम को प्रयोगशाला से बाहर निकाल कर वास्तविक उड़ान परीक्षणों तक ले आए हैं. DRDO के मुताबिक यह तकनीक आने वाले समय में AMCA, भविष्य के ड्रोन और कैरियर-बेस्ड फाइटर जेट्स की क्षमताओं को कई गुना बढ़ा देगी.
क्यों खास है यह मॉर्फिंग विंग तकनीक?
मॉर्फिंग विंग्स का सबसे बड़ा फायदा यह है कि जेट के पंख उड़ान की स्थिति के हिसाब से सेकंड के हजारवें हिस्से में अपना आकार बदल लेते हैं. टेकऑफ के समय सबसे ज्यादा लिफ्ट, क्रूजिंग के दौरान कम ड्रैग और कॉम्बैट स्थिति में अधिक मैन्युवर हर जरूरत के अनुसार विंग खुद को ढाल लेता है. इससे फाइटर जेट ज्यादा ईंधन बचाता है, तेज होता है और रडार से बचने में सक्षम होता है.
DRDO ने ऐसे मॉर्फिंग विंग्स का ट्रायल किया है जो उड़ान के दौरान सेकंड के हिस्से में आकार बदलते हैं.
कैसे काम करती है यह भविष्य की तकनीक?
DRDO की पूरी तकनीक शेप मेमोरी अलॉय (SMA) नामक स्मार्ट मेटल पर आधारित है. इसकी खासियत है कि वह तापमान बदलते ही सिकुड़ता और फैलता है. इस सिस्टम की मुख्य खूबियां इस तरह हैं:
SMA स्ट्रिप्स को विंग के अंदर लगाया गया है.
करंट देने पर SMA गरम होकर सिकुड़ता है और विंग मुड़ जाता है.
करंट बंद होते ही विंग अपनी मूल स्थिति में वापस आ जाता है.
विंग में न कोई गैप, न कोई धातु की जोड़ इस वजह से रडार सिग्नेचर बेहद कम.
हर सेक्शन केवल जरूरत के समय बिजली खपत करता है, इसलिए पावर यूसेज बेहद कम.
कितनी तेज़ है यह विंग-चेंजिंग तकनीक?
DRDO के परीक्षण में सिर्फ 300 मिमी के विंग मॉडल ने अविश्वसनीय परफॉर्मेंस दिखाया. तेज गति को समझें:
विंग 35 डिग्री/सेकंड की स्पीड से मुड़ सकता है.
सिर्फ 0.17 सेकंड में फ्लैट से पूरी तरह बेंट स्थिति.
हवा के दबाव में भी सामान्य विंग की तुलना में सिर्फ 5.6% ज्यादा पावर चाहिए.
हर विंग सेक्शन का कंट्रोल सिस्टम वजन में सिर्फ 6 ग्राम.
मॉर्फिंग विंग्स और पारंपरिक जेट्स में क्या फर्क है?
फीचर पारंपरिक जेट विंगमॉर्फिंग विंग टेक्नोलॉजीआकार बदलनानहींरियल टाइम में संभवरडार सिग्नेचरज्यादा (गैप्स/हिंज)बेहद कम (गैपलेस)ऊर्जा की जरूरतज्यादाकम और नियंत्रितयुद्ध क्षमतासीमितबहुत अधिकईंधन दक्षतासामान्यबेहतर और स्मार्ट
यह तकनीक भारत को क्या नया फायदा देगी?
मॉर्फिंग विंग्स का सबसे बड़ी रणनीतिक ताकत है स्टील्थ + स्पीड + फुर्ती का संयोजन. युद्ध की स्थिति में यह जेट को बेहद अप्रत्याशित बनाता है. इससे दुश्मन के रडार और मिसाइलों के लिए उसे पकड़ना लगभग असंभव हो जाता है. ड्रोन और कैरियर-बेस्ड जेट्स के लिए यह तकनीक गेमचेंजर साबित हो सकती है.
विशेषज्ञों के अनुसार यह तकनीक भारत को एयरोस्पेस सुपरक्लब में पहुंचा सकती है.
आगे क्या: AMCA, ड्रोन, नेवल जेट्स में बड़ा इस्तेमाल
DRDO अब इस टेक्नोलॉजी को बड़े विंग्स में स्केल-अप करने पर काम कर रहा है. टारगेट है कि:
अगली पीढ़ी के AMCA में.
हाई-एंड कॉम्बैट ड्रोन में.
कैरियर-बेस्ड फाइटर जेट्स में इसे पूरी तरह इंटीग्रेट किया जाए.
भारत के एयरोस्पेस का भविष्य अब कितना बदल सकता है?
विशेषज्ञों के अनुसार यह तकनीक भारत को एयरोस्पेस सुपरक्लब में पहुंचा सकती है. जहां जेट्स पक्षियों की तरह अपने पंख बदलकर आकाश में अपनी गति और फुर्ती तय करेंगे. ये लाइव-विंग तकनीक भारत की रक्षा क्षमताओं को अगले दशक में ही पूरी तरह बदल सकती है.
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December 08, 2025, 03:51 IST
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DRDO का कमाल: 0.17 सेकंड में फाइटर जेट के पंख मुड़ने की तकनीक सफल



