Rajasthan

फिरोजाबाद की चूड़ी और जयपुर के कंगन महिलाओं को खींच रहे अपनी ओर, तीज त्यौहार पर बाजार में भीड़

धर्मवीर बघेल/धौलपुर. सावन का महीना महिलाओं के लिए संवरने और निखरने को होता है. हरियाली तीज से लेकर रक्षाबंधन तक महिलाओं-युवतियां सजने-संवरने को खास महत्व देती हैं. बाजार में इस बार भी चूड़ियों की खनक खूब सुनी जाने लगी है तो कंगन महिलाओं को लुभा रहे हैं. सुहाग शृंगार प्रेम की प्रतीक चूड़ियां आज भी महिलाओं की पहली पसंद बनी हुई हैं. महिलाओं से जुड़े पर्व पर दुकानदार फिरोजाबाद से चूड़ियां तो जयपुर से भी के कंगन लाएं हैं.

शहर की दुकानों पर हरियाली तीज को लेकर हरी चूड़ी खरीदने को प्राथमिकता दी जा रही है. बदलता फैशन चूड़ी दुकानदारों को परेशान कर रहा है. बदले चलन में बहुत सारी सुहागिनें भी एक हाथ में कुछ चूड़ियां एक कंगन या ब्रेसलेट पहन रही हैं. वैसे पूरी बांह में चूड़ी पहनना सम्मान से देखा जाता है, लेकिन फैशन के दौर में विकल्प खड़े हो गए हैं. चूड़ियों का रिश्ता तो दिल से शुरू होता है. दुकानदार भी कहते हैं कि शादी-ब्याह में ही दुकानों पर भीड़ होती है. दुल्हन चूड़ी के बिना तो अधूरी ही रहती है.

शहर के कास्मेटिक दुकानदार मनीष गर्ग बताते हैं कि पहले की अपेक्षा नव युवतियों में चूड़ियों का चलन कम हुआ है. अब इसका स्वरूप बदल रहा है. पहले पक्की कामदार चूड़ी ज्यादा पसंद की जाती थीं अब फैशनेबल कटिंग वाली चूड़ियों का चलन है. व्यवसाय लगन में तेज तो खरमास, मलमास पितृपक्ष आदि समयों में पूरी तरह बंद ही रहता है. हरियाली तीज के लिए हरी चूड़ियों को अधिक पसंद की जा रही हैं, जो रेशम का लाल, अंजू का हरा नाम से मौजूद हैं. हरदेव नगर, चूड़ी मार्केट, संतर रोड में चूड़ियों की खन-खन सुनी जा रही है. यहां सबसे ज्यादा दुकान हैं, जहां चूड़ी, चूड़ा और ब्रासलेट कंगन की जमकर खरीदारी हो रही है.

FIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 12:11 IST

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