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Fish Farming Winter Tips | Winter Fish Farming Guide | Cold Season Fish Growth | Macher Palan Sardi Tips | Fish Farming Golden Chance

Last Updated:November 23, 2025, 21:51 IST

Fish Farming Winter Tips: सर्दियों में मछलियों की गतिविधि भले ही धीमी हो जाती है, लेकिन यह समय मछली पालकों के लिए गोल्डन चांस माना जाता है. इस मौसम में तालाब की सफाई, पानी की गुणवत्ता जांच, फीड मैनेजमेंट और नई स्टॉकिंग की तैयारी जैसे काम आसानी से किए जा सकते हैं. यह तैयारी गर्मियों में मछलियों की बेहतर ग्रोथ और अधिक मुनाफे का आधार बनती है.bhilwara

भीलवाड़ा: वैसे तो  मछली पालन एक सबसे आसान और सुगम व्यापार है. मछली पालन में किसानों को कम मेहनत में अच्छा मुनाफा होता है लेकिन मछली पालन में सर्दी के दौरान बहुत सारी बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी है. नवंबर से जनवरी के बीच का समय मछलियों की ग्रोथ के लिहाज से धीमा होता है, लेकिन तालाब की सफाई और तैयारी के लिए यह सबसे उपयुक्त माना जाता है. सर्दियों में पानी का तापमान कम रहने से मछलियां अपनी गतिविधि कम कर देती हैं, जिससे तालाब में गाद, अवशेष और अनचाहे जीवों की समस्या बढ़ सकती है. ऐसे में तालाब को सुखाकर इसकी मिट्टी को धूप लगने देना बेहद फायदेमंद होता है. इस अवधि में तालाब की भीतरी सतह प्राकृतिक रूप से साफ होती है और हानिकारक बैक्टीरिया तथा कीड़े-मकोड़े नष्ट हो जाते हैं, जिससे अगली फसल बेहतर मिलती है.

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सफाई के बाद तालाब में चुना (लाइम) डालना सर्दियों में स्पेशल रूप से लाभकारी माना जाता है. ठंड के इस मौसम में पानी का पीएच बैलेंस जल्दी बिगड़ता है, जिसे चुना संतुलित करने में मदद करता है. इसके साथ ही तालाब की मिट्टी में मौजूद हानिकारक गैसें, अम्लीयता और रोग पैदा करने वाले सूक्ष्म जीव कम हो जाते हैं. चुना डालने से तालाब की गुणवत्ता सुधरती है और आने वाले महीनों में मछलियों की सेहत पर सकारात्मक असर पड़ता है. यही कारण है कि किसान सर्दियों में तालाब की लाइमिंग को तैयारी की पहली प्राथमिकता मानते हैं.

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खाद डालने का सही समय भी यही माना जाता है, क्योंकि सर्दियों में तालाब सूखा होता है और मिट्टी खाद को अच्छे से अवशोषित कर लेती है. गोबर की खाद, नीम की खली या अन्य कार्बनिक पदार्थ इस मौसम में मिट्टी में मिलाकर डालने से अगली खेती में प्राकृतिक प्लवक तेजी से बढ़ते हैं. प्लवक मछलियों के प्राकृतिक भोजन का आधार होते हैं, इसलिए अच्छी खाद डालने से पानी में पौष्टिकता बढ़ती है. सर्दी में डाली गई खाद वसंत आने पर सक्रिय होती है, जिससे तालाब में हरी खाद का विकास तेजी से होता है और उत्पादन क्षमता बढ़ जाती है.

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सर्दियों में पानी का तापमान 15°C से नीचे जाते ही मछलियों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है, इसलिए इस दौरान उनकी सेहत पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. किसान को पानी की गहराई बनाए रखना चाहिए, क्योंकि गहरा पानी तापमान स्थिर बनाए रखता है. उथले तालाबों में पानी तेजी से ठंडा हो जाता है, जिससे मछलियों में तनाव, संक्रमण और फंगस जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं. साथ ही सुबह के समय तालाब में अचानक हलचल नहीं करनी चाहिए, क्योंकि ठंडे पानी में मछलियां सुस्त रहती हैं और जल्दी घायल या कमजोर हो सकती हैं.

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सर्दियों में मछलियों को भोजन देते समय भी सावधानी जरूरी है, क्योंकि उनका भोजन लेने की क्षमता कम हो जाती है. इस मौसम में अधिक भोजन डालने से तालाब में बचा हुआ अवशेष सड़ने लगता है, जिससे अमोनिया बढ़ता है और पानी की गुणवत्ता बिगड़ती है. किसान को फीड की मात्रा दिन के तापमान के अनुसार घटानी चाहिए और दोपहर के समय ही भोजन देना चाहिए जब पानी अपेक्षाकृत गर्म होता है. यह तरीका न केवल मछलियों को पचने योग्य भोजन देता है बल्कि तालाब के पानी को दूषित होने से भी बचाता है.

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सर्दियों में हवा का दबाव और ऑक्सीजन स्तर भी कम हो जाता है, इसलिए पानी में घुली ऑक्सीजन बनाए रखना मछली पालन की सबसे महत्वपूर्ण जरूरत बन जाती है. किसान को नियमित रूप से एरेटेर चलाना चाहिए और यदि साधन उपलब्ध न हों तो सुबह व शाम तालाब में पानी की हलचल बनानी चाहिए. इसके साथ ही तालाब में अधिक भीड़ न रहने दें, क्योंकि सर्दियों में भीड़भाड़ से ऑक्सीजन की कमी और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. सही प्रबंधन अपनाकर किसान सर्दियों के मौसम को अगली फसल के लिए तैयारी का गोल्डन चांस बना सकते हैं.

First Published :

November 23, 2025, 21:51 IST

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ठंड में मछलियां भले सुस्त हो, लेकिन किसान कर सकते हैं ये काम- कमाई होगी दोगुनी

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