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Foamy Urine Causes Risks and When to See a Doctor | पेशाब में झाग क्यों आता है और कब डॉक्टर से मिलें

Last Updated:October 13, 2025, 12:20 IST

Foamy Pee and Kidney Problems: पेशाब में कभी-कभार झाग आना कोई गंभीर समस्या नहीं होती है. हालांकि यह परेशानी लंबे समय तक बनी रहे, तो यह प्रोटीन्यूरिया या किडनी की बीमारी का संकेत हो सकता है. इसे लेकर लापरवाही न बरतें.

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आपको भी आ रहा झागदार पेशाब? इसे हल्के में मत लीजिए, इन 5 बीमारियों का है संकेतपेशाब में झाग आने की वजह किडनी की समस्याएं हो सकती हैं.

Peshab Me Jhag Kyu Aata Hai: हमारे शरीर के वेस्ट प्रोडक्ट पेशाब (Urine) के जरिए बाहर निकलते हैं. पेशाब की जांच से सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का आसानी से पता लगाया जा सकता है. अगर यूरिन में ज्यादा बदबू आए, झाग आए या खून आए, तो यह किसी समस्या का संकेत हो सकता है. कई बार लोगों को झागदार पेशाब (Foamy Urine) आने लगता है. पेशाब करने के बाद उसमें झाग बन जाता है. ऐसा कभी कभार सभी के साथ होता है, लेकिन अगर लंबे समय तक यह समस्या बनी रहे, तो सेहत से जुड़ी किसी परेशानी का संकेत हो सकता है. लोगों को इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और वक्त रहते जांच करानी चाहिए.

अमेरिका के क्लीवलैंड क्लीनिक की रिपोर्ट के मुताबिक जब आप पेशाब करते हैं और यूरिनल में बहुत सारे बुलबुले या झाग दिखें, तो इसे झागदार पेशाब कहा जाता है. कभी-कभी तेज बहाव या पेशाब की गति से भी झाग बन जाता है. कभी कभार ऐसा होना नॉर्मल माना जाता है, लेकिन अगर झाग दिखने का पैटर्न बदले या बढ़ जाए, तो इसे लेकर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. इसके कई कारण हो सकते हैं. प्रोटीन्यूरिया (Proteinuria) झागदार पेशाब का यह सबसे कॉमन कारण है. जब किडनी सही से काम नहीं कर पाती हैं, तब खून में मौजूद प्रोटीन पेशाब में लीक हो जाते हैं, जिससे पेशाब झागदार दिखने लगता है.

किडनी डिजीज या डैमेज होने की कंडीशन में भी झागदार पेशाब आने लगता है. किडनी की फंक्शनिंग कम होने पर फिल्ट्रेशन प्रभावित होता है और प्रोटीन लीक हो सकता है. इसके कारण यूरिन में झाग आने लगता है. इसके अलावा डायबिटीज के कारण भी यह परेशानी हो सकती है. लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर से किडनी पर बुरा असर पड़ता है, जिससे प्रोटीन लीक होने की समस्या पैदा हो सकती है. जब शरीर में पानी की कमी हो, तब यूरिन कंसंट्रेट हो जाता है और झाग बनना आसान हो जाता है. इसके अलावा यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, कुछ दवाइयों का असर या रिट्रोग्रेड इजैक्युलेशन भी इसकी वजह बन सकता है.

डॉक्टर झागदार पेशाब आने की कंडीशन में आमतौर पर यूरिन टेस्ट करवाते हैं, ताकि पेशाब में प्रोटीन या अन्य असामान्य तत्वों की पहचान हो सके. अगर टेस्ट रिपोर्ट में कुछ गड़बड़ नजर आती है, तब यूरिन परीक्षण, ब्लड टेस्ट, क्रिएटिनिन, ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट जैसी जांच कराई जाती हैं. ट्रीटमेंट की बात करें, तो इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि झाग आने की वजह क्या है. डिहाइड्रेशन के कारण झागदार पेशाब आए, तो खूब पानी पीने से परेशानी दूर हो सकती है. अगर कारण डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर हो, तो उन्हें कंट्रोल करना जरूरी है. अगर किडनी की बीमारी हो, तो बीमारी को रोकने का ट्रीटमेंट किया जाता है.

अमित उपाध्याय

अमित उपाध्याय Hindi की लाइफस्टाइल टीम के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास प्रिंट और डिजिटल मीडिया में 9 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्…और पढ़ें

अमित उपाध्याय Hindi की लाइफस्टाइल टीम के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास प्रिंट और डिजिटल मीडिया में 9 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्… और पढ़ें

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October 13, 2025, 12:20 IST

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