Food : खैरथल के गौरी भाई के फिश पकोड़ों का क्रेज, 100 किमी दूर से लोग आते हैं बस एक स्वाद के लिए

Last Updated:November 04, 2025, 16:06 IST
Alwar News Hindi : अलवर जिले के खैरथल में सरदार जी गौरी भाई के फिश पकोड़ों का जलवा पूरे इलाके में छाया हुआ है. एक ठेले से शुरू हुई उनकी मेहनत आज तीन होटलों तक पहुंच गई है. सर्दियों में तो यहां ग्राहकों की लाइन लग जाती है. खास बात यह है कि इनके फिश पकोड़ों का स्वाद लेने लोग 100 किलोमीटर दूर से भी आते हैं.
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अलवर : अगर आप भी खाने-पीने के शौकीन हैं, तो अलवर जिले के खैरथल शहर में सरदार जी गौरी भाई के फिश पकोड़े जरूर ट्राई करें. यहां के फिश पकोड़े इतने मशहूर हैं कि लोग इसका स्वाद लेने दूर-दूर से पहुंचते हैं. गौरी भाई सरदार जी ने अपनी शुरुआत एक छोटे से ठेले से की थी, लेकिन मेहनत और लगन के दम पर आज उन्होंने खैरथल शहर में अपने तीन होटल ब्रांच खोल लिए हैं. सर्दी हो या गर्मी, हर मौसम में उनके होटल पर ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है. खासकर सर्दियों के मौसम में गौरी भाई के स्वादिष्ट फिश पकोड़े लोगों की पहली पसंद बन जाते हैं.
गौरी भाई सरदार जी बताते हैं कि उन्हें होटल व्यवसाय में 15 साल हो चुके हैं. खैरथल शहर के लोगों का उन्हें हमेशा अच्छा समर्थन मिला है. उन्होंने बताया कि 15 साल पहले उन्होंने अपने घर के पास ठेला लगाकर शुरुआत की थी. वे लोगों को हाइजीनिक और स्वादिष्ट खाना बनाकर देते थे. उनकी मेहनत और लोगों के सहयोग से आज उनके तीन होटल शहर में चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि खैरथल शहर के लोग उनके बनाए नॉनवेज व्यंजनों को सबसे ज्यादा पसंद करते हैं.
खैरथल में गौरी भाई के फिश पकोड़े का जलवाखैरथल में गौरी भाई के फिश पकोड़े सबसे स्वादिष्ट माने जाते हैं. यहां के पकोड़ों का स्वाद ऐसा है कि जो एक बार खा ले, वह भूल नहीं पाता. सर्दियों में तो इनकी मांग सबसे ज्यादा रहती है, लेकिन गर्मी में भी लोग इनके स्वाद के दीवाने हैं. गौरी भाई खुद मसाले पिसवाकर लाते हैं और उसी से अपने विशेष फिश पकोड़े तैयार करते हैं. वह मोटे बेसन और इमाम दस्ते से कुटे मसालों का प्रयोग करते हैं, जिससे स्वाद और भी लाजवाब बन जाता है. साथ ही वे बिना कांटों वाली मछली का उपयोग करते हैं ताकि खाने में कोई दिक्कत न हो.
100 किमी दूर से लोग आते हैं स्वाद लेनेगौरी भाई के होटल में फिश पकोड़े के साथ-साथ देसी तरीके से बनी चिकन करी भी काफी मशहूर है. लोग इसे भी बड़ी पसंद से खाते हैं. सर्दियों के मौसम में रोजाना करीब 40 से 50 किलो मछली की खपत होती है. स्वाद, सफाई और गुणवत्ता के कारण गौरी भाई का नाम आज खैरथल के हर गली-कूचे में जाना जाता है. मेहनत, ईमानदारी और स्वाद का यह सफर ही उनकी सफलता की असली पहचान बन गया है. उन्होंने बताया कि उनकी मछली के पकोड़े खाने के लिए लोग 100 किलोमीटर दूर से आते हैं, जिसकी वजह स्वादिष्ट और स्पेशल फिश पकोड़े हैं.
रुपेश कुमार जायसवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस और इंग्लिश में बीए किया है. टीवी और रेडियो जर्नलिज़्म में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं. फिलहाल नेटवर्क18 से जुड़े हैं. खाली समय में उन…और पढ़ें
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Location :
Alwar,Rajasthan
First Published :
November 04, 2025, 16:06 IST
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खैरथल में गौरी भाई के फिश पकोड़ों का जलवा! 100 किमी दूर से आते हैं लोग



