फसलों के लिए संजीवनी से कम नहीं है ‘जीवामृत’, उपज बढ़ाने के साथ मिट्टी को बनाती है उर्वर

Last Updated:March 01, 2025, 15:25 IST
Farming Benefits of Jeevamrit: जैविक खेती में जीवामृत का विशेष महत्व है. खास बात यह है कि इसे कम खर्च में घर पर ही तैयार किया जा सकता है. यह ना केवल फसलों की वृद्धि को बढ़ाता है, बल्कि मिट्टी की सेहत को भी सुधा…और पढ़ें
जीव अमृत
हाइलाइट्स
जीवामृत फसलों की वृद्धि और मिट्टी की सेहत सुधारता है.जीवामृत को घर पर कम खर्च में तैयार किया जा सकता है.गर्मी में 7 दिन और सर्दियों में 8-15 दिन तक उपयोग करें.
उदयपुर. बदलते समय के साथ रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से ना केवल फसल की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी घट रही है. ऐसे में पारंपरिक और जैविक खेती की ओर रुख करना जरूरी हो गया है. जैविक खेती में जीवामृत का विशेष महत्व है, जिसे कम खर्च में घर पर ही तैयार किया जा सकता है. यह ना केवल फसलों की वृद्धि को बढ़ाता है, बल्कि मिट्टी की सेहत को भी सुधारता है.
जीवामृत से मिलते हैं अद्भुत परिणाम
आचार्य देवव्रत के अनुसार जीवामृत फसलों से लेकर मिट्टी के लिए बेहद कारगर है. एक एकड़ भूमि के लिए 10 किग्रा गोबर, 8-10 लीटर गोमूत्र, 1-2 किग्रा गुड़, 1-2 किग्रा बेसन, 180 लीटर पानी और 1 किग्रा पेड़ के नीचे की मिट्टी का मिश्रण तैयार किया जाता है. इस विधि को अपनाकर देशभर में लाखों किसान लाभान्वित हो रहे हैं. जीवामृत को आसानी से बना सकते हैं. इसके लिए सभी सामग्री को एक प्लास्टिक ड्रम में डालें. लकड़ी के डंडे से घोलें और छाया में 2-3 दिन तक छोड़ दें. सुबह-शाम घड़ी की सुई की दिशा में दो मिनट तक हिलाना जरूरी है. इसे बोरे से ढककर सड़ने दें, जिससे अमोनिया, कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन जैसी गैसें निकल सके.
गर्मी-सर्दी के अनुसार करें उपयोग
गर्मी के मौसम में 7 दिन और सर्दियों में 8-15 दिन तक जीवामृत का उपयोग किया जा सकता है. इसके बाद बचे हुए जीवामृत को मिट्टी में डालना उचित होता है. यह जैविक विधि खेती को स्वस्थ और उर्वर बनाए रखने के साथ-साथ उत्पादन बढ़ाने में भी सहायक सिद्ध हो रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि रासायनिक खादों के विकल्प के रूप में जीवामृत एक क्रांतिकारी समाधान साबित हो सकता है. उदयपुर के कृषि विशेषज्ञ डॉक्टर सी के अग्रवाल ने बताया कि अब कृषि में फिर से उन्हें पारंपरिक तरीकों को अपनाना जरूरी हो गया है, क्योंकि रासायनिक उर्वरकों की वजह से भूमि की क्षमता कम होती जा रही है, जिससे किसानों को तो हनी हो ही रही है. इसके अलावा स्वास्थ्य में भी लगातार गिरावट देखने को मिल रही है
Location :
Udaipur,Rajasthan
First Published :
March 01, 2025, 15:23 IST
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उपज और उर्वरता बढाने में मददगार है जीवामृत, घर पर ऐसे कर सकते हैं तैयार