सर्जरी भूल जाइए! घुटनों के दर्द का रामबाण इलाज है ‘जानू बस्ती’, जानें कैसे करती है काम

Last Updated:October 16, 2025, 17:36 IST
Pain Relief Tips: जानु बस्ती आयुर्वेद की एक स्थानीय चिकित्सा है, जिसमें घुटने के जोड़ पर गरम औषधीय तेल या घी का एक घेरा बनाकर उसे कुछ समय के लिए रखा जाता है.
सहारनपुर: आयुर्वेद में कई तरह की थेरेपी उपलब्ध हैं. इन्हीं थेरेपी में से एक है ‘जानू बस्ती’. यह थेरेपी जोड़ों में दर्द खासतौर से घुटने में होने वाले दर्द की परेशानी को ठीक करने में प्रभावी होती है. घुटनों में दर्द के उपचार के लिए विभिन्न तरह की दवाइयां, थेरेपीज, सर्जरी का विकल्प मौजूद हैं, लेकिन इस समस्या को दूर करने के लिए जानू बस्ती को सबसे प्रभावी और प्राकृतिक उपाय माना जाता है.
जानु बस्ती आयुर्वेद की एक स्थानीय चिकित्सा है, जिसमें घुटने के जोड़ पर गरम औषधीय तेल या घी का एक घेरा बनाकर उसे कुछ समय के लिए रखा जाता है. जानु बस्ती थेरेपी में विषगर्भ, बला व नारायण जैसी औषधियों से युक्त गर्म तेलों का इस्तेमाल किया जाता है, जो घुटनों के जाेड़ाें में होने वाले दर्द से राहत दिलाने में असरदार हो सकता है. इससे दर्द, सूजन और अकड़न से राहत मिलती है और जोड़ों के ऊतकों को गहराई से पोषण मिलता है. इस प्रक्रिया में आटे की एक दीवार बनाकर घुटने के जोड़ पर घेरा बनाया जाता है. उसमें गर्म तेल डाला जाता है, जिसे ठंडा होने पर बदलते रहते हैं.
घुटनों के दर्द के लिए है रामबाणआयास आयुर्वेदिक चिकित्सालय से बीएएमएस, एमडी डॉक्टर हर्ष ने लोकल 18 से बात की. उन्होंने बताया कि जानू बस्ती का इस्तेमाल अक्सर हम घुटनों के दर्द में करते हैं. हालांकि, यह समझने की आवश्यकता है जानू बस्ती ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी में बहुत अच्छा लाभ देती है. मगर, रुमेटीइड आर्थराइटिस है तो उसका उतना फायदा देखने को नहीं मिलता.
जानू बस्ती होती क्या हैसंस्कृत में घुटने को जानू बोलते हैं. घुटने के चारों ओर हम आटे की एक दीवार तैयार करते हैं और जड़ी-बूटियां के तेल को गर्म करके वहां पर घुटने के अंदर रखा जाता है. उसको गर्म ही रखा जाता है. जैसे ही तेल ठंडा होने लगता है हम स्पंज की सहायता से गर्म तेल से रिप्लेस कर देते हैं. 45 मिनट का प्रोसीजर रहता है. ताकि घुटने के अंदर की जो ग्रीस कम हो गई है और जिसके कारण फ्रिक्शन पैदा हो रहा है वह ठीक हो जाए. घुटने के चारों की लिगामेंट है जो कार्टिलेज है उनको मजबूती मिले, वह फॉर्म हो जाए और घुटने के अंदर जो मूवेबल मुड़ने की घुटने की चलने की क्षमता है वह ठीक हो जाए. जैसे एलोपैथिक भाषा में बोलते हैं फ्रैक्शन और एक्सटेंशन (घुटने का मोड़ना और सीधा होना). आयुर्वेदिक हॉस्पिटल में यह थेरेपी 600 रुपये में की जाती है.
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Saharanpur,Uttar Pradesh
First Published :
October 16, 2025, 17:36 IST
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Heath Tips: सर्जरी भूल जाइए! घुटनों के दर्द का रामबाण इलाज है ‘जानू बस्ती’