एलन मस्क से नहीं देखा गया दोस्त मेलोनी का ‘दर्द’, इटली के जजों की लगाई क्लास… राष्ट्रपति का भी ठनक गया माथा
नई दिल्ली: अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव खत्म हो गया. एलन मस्क डोनाल्ड ट्रंप को जीत दिलवा चुके हैं. अब उनकी नजर दोस्त मेलोनी के देश इटली पर पड़ी है. जी हां, दुनिया के सबसे अमीर शख्स और डोनाल्ड ट्रंप के मुखर समर्थक एलन मस्क ने बुधवार को इटली की राजनीति पर अपनी राय रखी. एलन मस्क ने रोम के जजों के उस फैसले की आलोचना की, जिसमें इटली की पीएम मेलोनी की उस नीति को रोक दिया गया, जिसमें अवैध प्रवासियों को देश से निकालकर दक्षिण पूर्वी यूरोप के अल्बानिया स्थित नए डिटेंशन सेंटर में भेजा जाना था. एलन मस्क के इस कदम के बाद इटली में खलबली मच गई. आनन-फानन में इटली के राष्ट्रपति सर्जियो माटरेल्ला ने एलन मस्क से कहा कि वे इटली की राजनीति में दखल न दें.
दरअसल, एलन मस्क ने इटली के जजों की आलोचना की है. मस्क ने कहा कि जजों को प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के अवैध अप्रवासियों को देश से बाहर निकालने के कदम का विरोध नहीं करना चाहिए. एलन मस्क ने कहा था कि सरकार की ओर से प्रवासियों के खिलाफ उठाए गए कदम को रोकने वाले रोम के जजों को बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए. इटली की पीएम जियोर्जिया मेलोनी की योजना थी कि 30 हजार प्रवासियों को अल्बानिया के शिविरों में रखा जाए.
एलन मस्क के बयान के बाद इटली के राष्ट्रपति माटरेल्ला ने राजनीति में दखल न देने की हिदायत दी. उन्होंने कहा कि इटली एक महान लोकतांत्रिक देश है और… अपना ख्याल रखना जानता है. इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी अवैध प्रवासियों को देश से बाहर निकालना चाहती थीं, जजों ने उनके इस कदम के खिलाफ फैसला सुनाया है. इटली के राष्ट्रपति ने जिस तरह से मस्क को हड़काया है, तनातनी और बढ़ने के आसार हैं. इटली में सत्तारूढ़ गठबंधन और न्यायपालिका के बीच तनाव बढ़ रहा है. इसी बीच एलन मस्क ने अपने दोस्त की खातिर इटली के मामले में एंट्री मारी है. एलन मस्क, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के अच्छे दोस्त हैं. कई बार दोनों के एक-दूसरे संग डेट करने की अफवाह भी उड़ी है.
एलन मस्क ने एक्स पर क्या कहा?एलन मस्क ने मंगलवार को एक्स पर लिखा था, ‘इन जजों को जाना होगा.’ वे रोम के मजिस्ट्रेटों के एक पैनल का जिक्र कर रहे थे, जिन्होंने अल्बानिया में शरण चाहने वालों को हिरासत में लेने की सरकारी पहल की वैधता पर सवाल उठाया था. यह कदम अनियमित आव्रजन को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से उठाया गया था. मजिस्ट्रेट के इस कदम का मतलब था कि हाल ही में अल्बानिया ले जाए गए प्रवासियों के एक छोटे से समूह को इटली वापस लाना पड़ा. इससे अनियमित तरीके से आने वालों पर नकेल कसने की मेलोनी की प्रमुख योजना पर संदेह पैदा हो गया है.
एलन मस्क के बयान से इटली में खलबलीइटली की इमिग्रेशन जजों के सात प्रवासियों को वापस इटली लाने के फैसले के बाद एलन मस्क का यह बयान आया है. ये प्रवासी अल्बानिया में बंद थे. एलन मस्क की टिप्पणी बुधवार को इटेलियन अखबारों के पहले पन्ने पर छपी. एलन मस्क ने अपने प्लेटफॉर्म एक्स पर इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या इटली में लोकतंत्र है भी या फिर बिना चुनाव वाली तानाशाही फैसले ले रही है. साथ ही उन्होंने जजों के फैसले को अस्वीकार्य बताया. दरअसल, कोर्ट के इस फैसले से प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी की उस नीति को चुनौती मिली है, जिसके तहत प्रवासियों से जुड़े मामलों को इटली की सीमा के बाहर ही निपटाया जाना था.
मेलोनी सरकार के लिए बड़ा झटका‘द गार्जियन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, रोम ट्रिब्यूनल का यह फैसला मेलोनी सरकार के लिए अल्बानिया स्थित डिटेंशन सेंटर को लेकर बड़ा झटका है. यह फैसला ऐसे समय में आया है जब राष्ट्रीय नीतियों को यूरोपीय संघ के कानून के साथ जोड़ने पर बहस तेज हो गई है. रोम अदालत की आव्रजन इकाई ने मामले को यूरोपीय न्यायालय (ECJ) भेज दिया है. इसके साथ ही प्रवासियों को हिरासत में लेने पर तब तक के लिए रोक लगा दी गई है, जब तक कि यूरोपीय न्यायालय यह तय नहीं कर लेता कि प्रवासी के मूल देश के संबंध में इतालवी नीति पर यूरोपीय संघ का कानून मान्य है या नहीं. 2023 में अल्बानियाई प्रधानमंत्री एडी रमा के साथ एक समझौता करने वालीं मेलोनी ने अल्बानियाई सेंटर्स में 30,000 प्रवासियों को तब तक हिरासत में रखने की योजना बनाई थी, जब तक कि उनके शरण आवेदनों पर कार्रवाई नहीं हो जाती.
Tags: Elon Musk, World news
FIRST PUBLISHED : November 14, 2024, 07:25 IST