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अमेरिका के दोस्त साथ ये क्या हो रहा, 10 दिन पहले ही बदली थी सत्ता, अब नए राष्ट्रपति पर आया महाभियोग


हाइलाइट्स

दक्षिण कोरिया के एक्टिंग प्रेसिडेंट पर लगा महाभियोगविपक्ष ने एक्टिंग प्रेसिडेंट हान के खिलाफ गुरुवार को महाभियोग लाया था. दक्षिण कोरिया में 10 दिनों के अंदर दूसरी बार महाभियोग लाया गया है.

नई दिल्ली. दक्षिण कोरिया की मुख्य विपक्षी पार्टी ने गुरुवार 26 दिसंबर, 2026 को कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू पर महाभियोग चलाने के लिए एक विधेयक पेश कर रही है. शुक्रवार (27 दिसंबर, 2024) को मतदान कराएगी, यह कदम अल्पकालिक मार्शल लॉ से शुरू हुए देश के संवैधानिक संकट को और गहरा कर सकता है. अगर उन्होंने संवैधानिक न्यायालय में रिक्तियों को भरने के लिए तुरंत तीन न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं करते हैं तो विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने हान पर महाभियोग चलाने की धमकी दी थी. संसद ने गुरुवार तीन नामांकितों के पक्ष में मतदान किया, लेकिन उन्हें अभी तक हान द्वारा औपचारिक रूप से नियुक्त नहीं किया गया है.

दक्षिण कोरिया के कोर्ट में राष्ट्रपति यूं सुक योल के खिलाफ 3 दिसंबर को मार्शल लॉ घोषित करने के मामले में महाभियोग चला रहा है. डेमोक्रेटिक पार्टी के फ्लोर लीडर पार्क चान-डे ने एक बयान में कहा, ‘यह स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री और कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू के पास संविधान की रक्षा करने की योग्यता या इच्छाशक्ति नहीं है.’

अगर अब कार्यवाहक प्रेसिडेंट हान पर भी महाभियोग लगता है तो, वित्त मंत्री कार्यवाहक राष्ट्रपति पद संभालेंगे. डेमोक्रेटिक पार्टी के पास संसद का बहुमत है, लेकिन अन्य पार्टियों और कुछ संवैधानिक विद्वानों के बीच इस बात पर असहमति है कि कार्यवाहक राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने के लिए साधारण बहुमत या दो-तिहाई वोट की आवश्यकता है या नहीं? हान ने गुरुवार 26 दिसंबर, 2024 को पहले कहा था कि वे तब तक न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं करेंगे, जब तक कि राजनीतिक दल नियुक्तियों पर सहमति नहीं बना लेते, क्योंकि उनके लिए राजनीतिक सहमति के बिना ऐसा करना संवैधानिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाएगा.

डेमोक्रेटिक पार्टी और हान की सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी ने गुरुवार 26 दिसंबर, 2024 को मतदान के लिए संवैधानिक न्यायालय दो नियुक्तियां प्रस्तावित किया गया था. सत्तारूढ़ पार्टी ने इस पर आपत्ति जताया है. उन्होंने कहा कि वह इससे सहमत नहीं है. हान पर नियुक्तियों को लेकर लगातार दबाव बन रहा है. राजनीतिक दलों ने इस बात पर असहमति जताई है कि कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में उनके पास ऐसा करने का अधिकार नहीं है.

FIRST PUBLISHED : December 26, 2024, 15:06 IST

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