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इस दिन से मांगलिक काम पर लग जाएगा ब्रेक, नवविवाहिता को क्यों नहीं देखना चाहिए होली दहन? जानें महत्व और शुभ मुहूर्त

Last Updated:March 06, 2025, 08:23 IST

Holi 2025: होलाष्टक के चलते शुभ कार्यों पर भी प्रतिबंध रहेगा. इस दिन से सभी ग्रह उग्र हो जाते हैं और अनुकूल फल प्रदान नहीं करते. अष्टक में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे शादी, मुंडन, नामकरण, गृह प्रवेश वर्जित है.इस दिन से मांगलिक काम पर लग जाएगा ब्रेक, जानें होली दहन का महत्व और मुहूर्त

होलाष्टक की फाइल फोटो

हाइलाइट्स

होलाष्टक के दौरान शुभ कार्य वर्जित रहेंगे.7 मार्च से होलाष्टक शुरू होंगे.13 मार्च को रात 11.28 से होलिका दहन होगा.

भीलवाड़ा. हिंदू धर्म में देश के मुख्य त्योहारों में से एक होली का त्योहार आने वाला है और होली के त्योहार को लेकर एक महीने पहले से ही तैयारी शुरू हो जाती हैं. इस बार होलिका दहन पर्व 13 मार्च को होने वाला है तो धुलंडी 14 मार्च को खेली जाएगी. इससे पहले 7 मार्च से होलाष्टक शुरू होंगे. इसके चलते शुभ मांगलिक कार्य करना वर्जित रहेगा. होलाष्टक के दौरान शादी समारोह सहित मांगलिक कार्यों में पूरी तरह से ब्रेक लग जाएगा.

भीलवाड़ा नगर व्यास पंडित कमलेश व्यास ने बताया हैं कि होलाष्टक के चलते शुभ कार्यों पर भी प्रतिबंध रहेगा. इस दिन से सभी ग्रह उग्र हो जाते हैं और अनुकूल फल प्रदान नहीं करते. अष्टक में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे शादी, मुंडन, नामकरण, गृह प्रवेश वर्जित है. इस दौरान अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा को राहु उग्र स्वभाव में रहते हैं. इनके उग्र होने से कारण मनुष्य की मानसिक स्थिति पर नकारात्मक बदलाव आता है.

नवविवाहिता को नहीं देखना चाहिए ससुराल का होलिका दहनहोलिका अष्टक से पूर्व जिन युवतियों के विवाह के लिए यह पहली होली होगी. उन्हें ससुराल में होली मनाने की बजाए अपने मायके में होली का पर्व मनाना चाहिए. ऐसी लोक मान्यता है कि नव विवाहिता को प्रथम बार ससुराल में जलती होली नहीं देखनी चाहिए.

होलिका दहन का जानें शुभ मुहूर्तभीलवाड़ा नगर व्यास पंडित कमलेश व्यास ने बताया है कि पूर्णिमा पर 13 मार्च को रात 11.28 से रात 12.32 बजे तक होलिका दहन होगा. चूंकि इस दौरान भद्रा समाप्त हो जाएगा. फाल्गुनी पूर्णिमा 13 मार्च सुबह 10.36 से 14 मार्च दोपहर 12.24 तक रहेगी. इसके साथ ही भद्रा भी रात 11.28 तक रहेगी. भद्रा के मुख का समय रात 8.14 से रात 10.22 बजे व भद्रा की पूंछ का समय शाम 6.57 से रात 8.14 बजे तक होगा. इसके चलते दहन-पूजन के लिए 1 घंटा 4 मिनट ही मिलेंगे. 13 मार्च सुबह 10.36 बजे के बाद फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा का आरंभ होगा और वह 14 मार्च को आधे दिन रहेगा. होलिका पर्व उच्च के शुक्र, सिंह के चंद्रमा व मीन संक्रांति 14 मार्च के पूर्व मनाया जाएगा.


Location :

Bhilwara,Bhilwara,Rajasthan

First Published :

March 06, 2025, 08:23 IST

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