Rajasthan

दौसा में पाले से फसलों को नुकसान | Frost Damage to Rabi Crops in Dausa Rajasthan

Last Updated:December 25, 2025, 09:15 IST

Dausa: दौसा जिले के सिकराय क्षेत्र में कड़ाके की ठंड और शीतलहर के कारण किसानों की मुसीबतें बढ़ गई हैं. नाहर खोहरा और बसेड़ी सहित आसपास के गांवों में सुबह के समय खेतों में पाले की सफेद चादर जमी दिखाई दे रही है, जिससे सरसों, गेहूं और चने की फसलों के झुलसने का गंभीर खतरा पैदा हो गया है.

ख़बरें फटाफट

दौसा. राजस्थान के दौसा जिले में पिछले एक सप्ताह से कड़ाके की सर्दी का सितम थमने का नाम नहीं ले रहा है. बर्फीली हवाओं और गिरते तापमान ने अब किसानों की कमर तोड़ना शुरू कर दिया है. गुरुवार सुबह सिकराय क्षेत्र के नाहर खोहरा, घूमना, डैडान और बसेड़ी सहित दर्जनों गांवों में सर्दी के तीखे तेवर देखने को मिले. खेतों में फसलों के ऊपर पाले की एक मोटी सफेद परत जमी हुई पाई गई, जिसने रबी की फसलों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है. पाले के इस शुरुआती प्रहार ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी कर दी हैं.

कृषि विशेषज्ञों और स्थानीय किसानों के अनुसार, गेहूं, सरसों, चना और हरी सब्जियों की फसलों पर पाले का सीधा और जानलेवा असर पड़ता है. जब तापमान शून्य के करीब पहुँचता है, तो पौधों की कोशिकाओं के भीतर मौजूद पानी जम जाता है, जिससे कोशिकाएं फट जाती हैं और पत्तियां झुलसने लगती हैं. सिकराय के किसानों का कहना है कि पाला गिरने से पौधों की बढ़वार पूरी तरह रुक जाती है और फलियों में दाना नहीं बन पाता. यदि आने वाले दो-तीन दिनों तक मौसम का यही रुख रहा, तो उत्पादन में 40 से 50 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है. हालांकि, पिछले दिनों हुए कोहरे से खेतों में कुछ नमी बनी थी, जो फसलों के लिए संजीवनी थी, लेकिन अब गिरते पाले ने उस राहत को भी चिंता में बदल दिया है.

किसानों पर दोहरी मार: पाला और आवारा पशुइस हाड़ कंपाने वाली ठंड में किसान केवल मौसम से ही नहीं, बल्कि आवारा पशुओं से भी जंग लड़ रहे हैं. रात के समय जब तापमान न्यूनतम स्तर पर होता है, तब किसान अलाव जलाकर खेतों की मेड़ों पर पहरा देने को मजबूर हैं. किसानों का कहना है कि एक तरफ पाला फसल को जला रहा है, तो दूसरी तरफ आवारा पशुओं के झुंड पूरी की पूरी फसल को चट कर रहे हैं. शून्य के करीब तापमान में रात भर खेतों में रुकना जान जोखिम में डालने जैसा है, लेकिन अपनी साल भर की मेहनत को बचाने के लिए किसानों के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है.

जनजीवन अस्त-व्यस्त, अलाव बना सहारासर्दी के बढ़ते प्रकोप का असर केवल खेतों तक सीमित नहीं है, बल्कि आम जनजीवन भी इससे बुरी तरह प्रभावित हुआ है. ग्रामीण इलाकों में सुबह की रौनक गायब हो गई है और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता है. बच्चे और बुजुर्ग इस कड़ाके की ठंड से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. लोग भारी गर्म कपड़ों और रजाइयों में कैद होने को मजबूर हैं. सुबह और शाम के समय गाँव के चौपालों पर लोग अलाव जलाकर शरीर तपाते नजर आ रहे हैं. दोपहर में तेज धूप से मामूली राहत तो मिलती है, लेकिन सूरज ढलते ही बर्फीली हवाएं फिर से ठिठुरन बढ़ा देती हैं.

आगामी दिनों में यदि तापमान में और गिरावट आती है, तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है. फिलहाल, सिकराय क्षेत्र का पूरा किसान वर्ग आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठा है कि कब मौसम मेहरबान होगा और उन्हें इस आसमानी आफत से राहत मिलेगी.

About the Authorvicky Rathore

Vicky Rathore is a multimedia journalist and digital content specialist with 8 years of experience in digital media, social media management, video production, editing, content writing, and graphic, A MAJMC gra…और पढ़ें

Location :

Dausa,Dausa,Rajasthan

First Published :

December 25, 2025, 09:15 IST

homeagriculture

दौसा: सिकराय में पाले का कहर, बर्फीली हवाओं ने बढ़ाई किसानों की धड़कन, रबी…

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj