Rajasthan

Gajendra Singh Shekhawat and Ashok Gehlot are in a rage | पुत्र की हार के बाद मुझे शत्रु मान बैठे हैं गहलोत- शेखावत

ईआरसीपी से शुरू हुई लडाई अब निजी मामलों तक पहुंची

जयपुर

Published: April 11, 2022 06:55:30 pm

जयपुर । ईआरसीपी से शुरू हुई केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और मुख्यमंत्री अशोक गहलोेत के बीच तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सन्यास लेने की फिर से सलाह दे डाली। उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत के बयानों में मुझे जोधपुर में उनके पुत्र की हार की खीझ दिखाई देती है। वे आज तक जोधपुर लोकसभा सीट का परिणाम नहीं भूल पाए हैं, जिसमें जनता जनार्दन ने मुझे आशीर्वाद दिया था।

पुत्र की हार के बाद मुझे शत्रु मान बैठे हैं गहलोत- शेखावत

पुत्र की हार के बाद मुझे शत्रु मान बैठे हैं गहलोत- शेखावत

शेखावत ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पुत्र की हार के बाद से गहलोत मुझे अपना सबसे बड़ा शत्रु मान बैठे हैं, लेकिन मुझे उनसे सहानुभूति है। वे मुझे उकसाने के लिए न केवल सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हैं, बल्कि वक्तव्य जारी कर रहे हैं। मैंने तो उन्हें चुनौती दी है, वे पीएम मोदी पर लगाए अपने निहायत मनगढ़ंत आरोप साबित करके बताएं, परंतु वे प्रमाण देने के बजाय मुख्य मुद्दे को बहस में उलझाना चाहते हैं। शेखावत ने कहा कि गहलोत की राजनीति का तरीका अप्रासंगिक हो चुका है। उनको सन्यास ले लेना चाहिए, उनकी पार्टी के लोग भी यही चाहते हैं।

मुख्यमंत्री गहलोत ने िफर बोला शेखावत पर हमला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने टृवीट कर कहा कि हमारी मंशा है कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) का काम शीघ्र पूरा हो, जिससे पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों को पेयजल व सिंचाई का पानी मिल सके। प्रदेश सरकार ने ERCP पर अभी तक करीब 1 हजार करोड़ व्यय किए हैं एवं इस बजट में 9 हजार 600 करोड़ प्रस्तावित किए हैं।
राज्य सरकार के सीमित संसाधनों से इस परियोजना को पूरा होने में 15 साल लग जाएंगे एवं परियोजना की लागत भी बढ़ती जाएगी। केन्द्र सरकार इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देती है तो वहां से ग्रांट मिलने पर काम भी तेजी से पूरा होगा एवं कम लागत में काम हो सकेगा।
यह समझ के परे है कि राजस्थान जैसे रेगिस्तानी एवं जल अभावग्रस्त राज्य को पानी की परियोजना को नेशनल प्रोजेक्ट का दर्जा नहीं मिलेगा तो किस राज्य को मिलेगा? यह स्थिति तो तब है जब यहां के सांसद ही जलशक्ति मंत्री हैं पर वो प्रदेश के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं।

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