Rajasthan

बीकानेर के सैनिक की मौत को बताया आत्महत्या, शहीद के नाराज परिजन और गांव के लोगों ने किया आंदोलन

रिपोर्ट- निखिल स्वामी

बीकानेर: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में तैनात सेना के जवान रामस्वरूप कस्वां सिर में गोली लगने से शहीद हो गए. उनका पार्थिव देह गुरुवार को बीकानेर लाया गया. सुबह सेना की ओर से उन्हें उनके पैतृक गांव पांचू ले जाने का कार्यक्रम था, लेकिन उसी दौरान उनके परिजन और समाज के लोग ज़िला सैनिक कल्याण अधिकारी कार्यालय के आगे जमा हो गए. इकट्ठा हुए सभी लोग ज़िला सैनिक कल्याण अधिकारी द्वारा सैनिक की मौत को आत्महत्या बताए जाने का विरोध करने लगे. उनका आरोप है कि ज़िला सैनिक कल्याण अधिकारी ने शहीद रामस्वरूप कस्वां की मौत को बिना किसी कोर्ट ऑफ़ इन्क्वायरी के आत्महत्या बताया है. इस संबंध में सैनिक परिवार के लोगों और ग्रामीणों ने जयपुर हाईवे जाम कर प्रदर्शन किया. मामला बढ़ते देख प्रशासन ने परिजनों को बातचीत के लिए बुलाया. करीब डेढ़ घंटे की बातचीत का कोई हल नहीं निकला. इसके बाद परिजन और सभी समाज के लोग आए और जयपुर हाईवे पर धरने पर बैठ गए.

शहीद रामस्वरूप कस्वा के भाई श्री राम कस्वा ने बताया कि उनके परिवार की बिना सहमति से शहीद भाई के अंतिम संस्कार के लिए रवाना हो गए थे. सभी ने मिलकर उन्हें रुकवाया. इसमें जिला सैनिक कल्याण के एक अधिकारी ने गलत हरकत की है और उसको अभी तक सस्पेंड नही किया गया है. उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि उनके भाई को पूर्ण शहीद का दर्जा दिया जाए और सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाए. वे बताते हैं कि प्रशासन के पास तो किसी भी बात का जवाब ही नहीं है. जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के बिना बता दिया आत्महत्याशहीद रामस्वरूप के परिजनों में से एक सीताराम सियाग ने बताया कि ज़िला सैनिक कल्याण अधिकारी ने बिना किसी आधार के शहीद की मौत को आत्महत्या बताया है. इसकी जांच होनी चाहिए. जबकि सेना की ओर से कोर्ट ऑफ़ इन्क्वायरी के बाद ही इस बारे में कुछ कह जा सकता है. उन्होंने बताया कि सेना के अधिकारियों का भी यही कहना है कि कोर्ट ऑफ़ इन्क्वायरी के बग़ैर कुछ नहीं कहा जा सकता.

सिर में गोली लगने से हुए शहीदजम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में तैनात सेना के जवान रामस्वरूप कस्वां सिर में गोली लगने से शहीद हो गए. रामस्वरूप कस्वां बीकानेर की नोखा तहसील के पांचू गांव के निवासी थे. वे श्रीनगर के अनंतनाग में सेना की 65 रेजीमेन्ट में तैनात थे. मंगलवार की सुबह उनके सिर में गोली लग गई और उन्हें तुरन्त सेना के अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके और उनकी मौत हो गई.

ताबूत लेकर वापस लौटी सेनाइस दौरान सेना की ओर से शहीद का पार्थिव शरीर पूरे सम्मान के साथ ट्रक में रवाना किया गया तो शहीद के समाज के लोग ट्रक के आगे जमा हो गए. उनका कहना था कि पार्थिव शरीर पांचू ले जाने का समय उन्हें पौने नौ बजे का दिया गया था, लेकिन सुबह ही रवाना कर दिया गया. उन्होंने जब ज़्यादा विरोध किया तो सेना के अधिकारी पार्थिव शरीर को वापिस सेना परिसर ले गए.

पिछले साल ही हुई थी रामस्वरूप कस्वां की शादीशहीद रामस्वरूप कस्वां बीकानेर की नोखा तहसील के पांचू गांव के रहने वाले थे और पाँच भाइयों में चौथे नम्बर पर थे. उनके एक बड़े भाई श्रीराम कस्वां सेना में लिपिक पद पर कार्यरत हैं. उनकी माता रामप्यारी और पिता मोटाराम पांचू में ही रहते हैं. उनका परिवार मूल रूप से नोखा के केडली गांव का रहने वाला है और अभी पांचू में रहता है. शहीद रामस्वरूप की शादी 15 मई, 2023 को अणखीसर की रहने वाली कौशल्या से हुई थी. उनकी कोई संतान नहीं है. गोली लगने से थोड़ी देर पहले रामस्वरूप की अपने घरवालों से बात हुई थी.

Tags: Local18

FIRST PUBLISHED : September 26, 2024, 21:50 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj