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Gangaur festival celebrated in Rajasthan Married woman

Last Updated:March 29, 2025, 16:09 IST

गणगौर पर्व को लेकर नवविवाहित युवतियों और महिलाओं में खासा उत्साह देखने को मिला और नवविवाहिताओं युवतियों और महिलाओं ने हल्दी की थीम पर येलो कलर के कपड़े पहने और येलो कलर से घर को सजाया.X
गणगौर
गणगौर पूजन के लिए कलकत्ता से पहुंची राजस्थान 

हाइलाइट्स

गणगौर पर्व पर राजस्थान में धूमधाम.कलकत्ता से चूरू पहुंची नवविवाहिताएं.नवविवाहिताएं सुहाग की लंबी उम्र की कामना करती हैं.

चूरू:- राजस्थान में यूं तो अनेकों त्योहार मनाए जाते हैं, लेकिन महिलाओं के लिए गणगौर पर्व का एक अलग ही महत्व है. होली पर्व के दूसरे दिन 14 मार्च से शुरू हुआ गणगौर पूजन 1 अप्रैल को गणगौर विसर्जन के साथ समाप्त हो जाएगा और जैसे-जैसे 1 अप्रैल नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे गणगौर महोत्सव की धूम देखी जा रही है. आधुनिक युग के साथ-साथ गणगौर पूजन की परंपराओं में भी बदलाव देखने को मिला है.

जिस तरह से शादी में सगाई, हल्दी, मेहंदी की रस्में निभाई जाती है. उसी तरह अब गणगौर महोत्सव के दौरान भी इन रस्मों को निभाया जाने लगा है. इसी कड़ी में दूर-दराज देश दिशावर रहने वाली नव विवाहिताएं भी गणगौर पूजन के लिए अपने स्वदेश पहुंच रही हैं. गणगौर पर्व पर पूजन के लिए कलकत्ता से चूरू पहुंची. अनीता शर्मा ने कहा कि राजस्थान के रीति-रिवाज अपने आप में खास है और जो पर्व की धूम यहां है, वो कलकत्ता में नहीं है.

येलो कलर से घर को सजायागणगौर पर्व को लेकर नवविवाहित युवतियों और महिलाओं में खासा उत्साह देखने को मिला और नवविवाहिताओं युवतियों और महिलाओं ने हल्दी की थीम पर येलो कलर के कपड़े पहने और येलो कलर से घर को सजाया. इस दौरान उपस्थित महिलाओं, युवतियों और नवविवाहिताओ ने गणगौर व ईशर के सांस्कृतिक गीतों के साथ हल्दी लगाई. उसके बाद उपस्थित सभी नवयुवाहिताओं, युवतियों और महिलाओं ने राजस्थानी गीतों पर जमकर नृत्य किया.

विवाहिताएं सुहाग की दीर्घायु की करती कामनागणगौर पूजन कर रही नवविवाहिता विनीता शर्मा और प्रीति जांगिड़ ने Local 18 को बताया कि 14 मार्च को होलिका दहन की मिट्टी लाकर और उनके पिंड बनाकर हमने गणगौर पूजन शुरू किया था. शीतला अष्टमी तक हमने सुबह पूजा की और शीतला अष्टमी के बाद कुम्हार के घर से मिट्टी लाकर गणगौर बनाई और तब से हम सुबह और शाम दोनों समय गणगौर का पूजन कर रहे हैं. शाम को घर-घर जाकर गणगौर माता की बिंदोरी निकाली जाती है और रात्रि के समय सभी मिलकर राजस्थानी गीतों पर नृत्य करते हैं.

मेहंदी की रस्म का आयोजनअब हमने गणगौर पर्व पर शादी की रस्म की तरह हल्दी की रस्म का आयोजन किया है. शनिवार को मेहंदी की रस्म का आयोजन किया गया. 31 मार्च ओर 1 अप्रैल को डीजे के साथ गणगौर की सवारी निकाली जाएगी और गणगौर का विसर्जन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि नवविवाहिताओं के लिए गणगौर पूजन का एक विशेष महत्व है.

इस अवसर पर ‘चुंदड़ी रो सर्व सुहाग, आज सवेरे उठास्या म्हे तो, बाड़ी वाला बाड़ी खोल बाड़ी की किवाड़ी खोल छोरियां आई दूब लेण, हां जी म्हारी गौरा बाईने चुंदड़ी रो चाव, ऊंचो चंवरो चौकूंटो जल जमुना रो नीर मंगायो जी, म्हारी गौर तीसाई ओ राज, धूपियो देर धुपाइयों, उदियापुर स्यूं आई गणगौर’ आदि गीत गाए जाते हैं. नवविवाहिताए अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना को लेकर गणगौर का पूजन करती है और कुंवारी कन्याएं अच्छा वर पाने के लिए गणगौर का पूजन करती हैं.

Location :

Churu,Rajasthan

First Published :

March 29, 2025, 16:09 IST

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राजस्थान मे गणगौर पर्व की धूम; पूजन के लिए कलकत्ता से चूरू पहुंची विवाहिता

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