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Gardening Tips: सर्दियों में आसानी से घर में ही लगाए लौकी की बेल, 60 दिन में ही आ जाएगी फ्रूटिंग

Last Updated:October 25, 2025, 20:16 IST

Gardening Tips: सर्दियों में लौकी की बेल आसानी से घर की बालकनी या छोटे गार्डन में उगाई जा सकती है. इसमें विटामिन-सी, फाइबर, आयरन और मिनरल्स भरपूर होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं. एग्रीकल्चर एक्सपर्ट दिनेश जाखड़ के अनुसार, अच्छे क्वालिटी के बीज लेकर गोबर की सड़ी खाद या जैविक कम्पोस्ट मिली मिट्टी में बोएं. मिट्टी में हल्की नमी बनाए रखें और पौधे को रोज़ 4-5 घंटे धूप दें। गमले में लगाने पर कम से कम 12–15 इंच गहराई का गमला चुनें, जिसमें ड्रेनेज होल ज़रूर हो.लौकी की खेती

राहुल मनोहर/सीकर. लौकी की बेल सर्दियों में लगाई जाती है. किसान इसी मौसम में इसकी बेल अपने खेत में उगाते हैं. लेकिन, क्या आपको पता है कि आप भी अपने घर की बालकनी या छोटे गार्डन में लौकी की बेल को लगाकर घर पर ही लौकी प्राप्त कर सकते हैं. यह सब्जी ठंडे मौसम में जल्दी पनपती है और इसकी देखभाल करना भी बहुत आसान होता है. लौकी में विटामिन-सी, फाइबर, आयरन और मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखते हैं और पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं. घर पर उगाई गई लौकी का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि यह पूरी तरह ऑर्गेनिक और ताजी होती है, जिस पर किसी तरह का केमिकल नहीं होता. इससे न सिर्फ सेहत बेहतर रहती है बल्कि बाजार की महंगी और बासी सब्जियों पर निर्भरता भी कम हो जाती है.

लौकी की बेल

एग्रीकल्चर एक्सपर्ट दिनेश जाखड़ ने बताया कि लौकी की बेल लगाने के लिए सबसे पहले उसके बीज तैयार करने की प्रक्रिया से शुरुआत होती है. इसके लिए आप अच्छे क्वालिटी के बीज किसी नर्सरी या कृषि केंद्र से खरीद सकते हैं ताकि पौधा मजबूत और जल्दी बढ़ने वाला बने. बीज बोने से पहले मिट्टी को अच्छी तरह से खोदकर नरम कर लें और उसमें गोबर की सड़ी हुई खाद या जैविक कम्पोस्ट मिला दें. इससे मिट्टी की उर्वरकता बढ़ती है. मिट्टी में हल्की नमी बनाए रखना भी बहुत जरूरी होता है क्योंकि सूखी मिट्टी में बीज अंकुरित नहीं होते. ठंड के मौसम में लौकी के बीज आमतौर पर 7 से 10 दिन में अंकुरित होकर छोटे पौधों में बदल जाते हैं.

लौकी की बेल

लौकी की बेल को तेजी से बढ़ने के लिए भरपूर धूप की आवश्यकता होती है. इसलिए इसे लगाने के लिए ऐसी जगह चुनें जहाँ रोजाना कम से कम चार से पांच घंटे तक धूप आती हो. अगर आप इसे घर की बालकनी या छत पर लगा रहे हैं तो कोशिश करें कि पौधे को सुबह की हल्की धूप मिले, क्योंकि दोपहर की कड़ी धूप सर्दियों में भी कभी-कभी पत्तों को नुकसान पहुंचा सकती है. लौकी का पौधा जितनी ज्यादा धूप लेता है, उसके पत्ते उतने हरे रहते हैं और फूलों व फलों की संख्या भी बढ़ जाती है. इसके साथ ही हवा का आना-जाना भी जरूरी है ताकि पौधे में फफूंदी या नमी से जुड़ी समस्याएं न हों.

बेल की खेती

अगर आप गमले में लौकी लगाना चाहते हैं तो कम से कम 12 से 15 इंच गहराई वाला चौड़ा गमला चुनें ताकि जड़ों को फैलने की पूरी जगह मिल सके. मिट्टी तैयार करते समय उसमें 60 प्रतिशत बगीचे की मिट्टी, 30 प्रतिशत गोबर की खाद और 10 प्रतिशत रेत मिलाएं. यह मिश्रण मिट्टी को हल्का, उपजाऊ और पानी निकालने योग्य बनाता है. ध्यान रखें कि गमले में नीचे की ओर ड्रेनेज होल होना चाहिए ताकि अतिरिक्त पानी बाहर निकल सके और जड़ों में सड़न न हो. गमले को ऐसे स्थान पर रखें जहा दिन के समय सही रोशनी मिलती हो और रात में ज्यादा ठंड या पाला न पड़े.

लौकी की खेती

एग्रीकल्चर एक्सपर्ट दिनेश जाखड़ ने बताया कि लौकी के पौधे को पानी की बहुत जरूरत होती है, लेकिन ठंड के मौसम में सावधानी बरतना आवश्यक है क्योंकि अधिक पानी डालने से जड़ें सड़ सकती हैं. सर्दियों में सप्ताह में दो बार पानी देना पर्याप्त होता है. पानी हमेशा मिट्टी की ऊपरी सतह सूखने पर ही देना चाहिए. पौधे को अच्छी वृद्धि के लिए महीने में एक बार तरल जैविक खाद या कम्पोस्ट डालें. इससे पौधा मजबूत बनता है और बेल पर फूल जल्दी आते हैं. इसके साथ ही अगर बेल लंबी होने लगे तो उसे सहारा देने के लिए कोई तार या जाली लगाएं ताकि बेल ऊपर की ओर फैल सके और फल जमीन से दूर लटककर सही आकार ले सकें.

लौकी की खेती

सर्दियों में लौकी की बेल पर कीट या फफूंदी का हमला भी हो सकता है, इसलिए समय-समय पर पत्तों और तनों की जांच करते रहें. अगर पत्तों पर सफेद धब्बे, छोटे छेद या सिकुड़न दिखे तो तुरंत नीम के तेल का छिड़काव करें. यह एक प्राकृतिक कीटनाशक है जो पौधे को किसी भी रासायनिक नुकसान से बचाता है. आप नीम का तेल पानी में मिलाकर हफ्ते में एक बार स्प्रे कर सकते हैं. इसके अलावा पीले या सूखे पत्तों को समय-समय पर काटते रहें ताकि पौधा स्वस्थ बना रहे. अगर बेल बहुत लंबी हो जाए तो उसकी छंटाई करना भी जरूरी है.

लौकी की खेती

एग्रीकल्चर एक्सपर्ट दिनेश जाखड़ ने बताया कि लौकी की बेल ठंड के मौसम में 60 से 70 दिनों के भीतर फल देने लगती है. जब लौकी पूरी लंबाई में बढ़ जाए और उसकी त्वचा हरी, मुलायम और चमकदार दिखाई देने लगे तो समझें कि वह तोड़ने लायक हो गई है. फल तोड़ते समय बहुत सावधानी रखें ताकि बेल को नुकसान न पहुंचे. लौकी को नियमित रूप से तोड़ने से नए फूल और फल आने की संभावना बढ़ जाती है. घर पर उगाई गई लौकी ताजी, स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है.इसे खाने से पाचन प्रणाली भी दुरुस्त रहती है.

First Published :

October 25, 2025, 20:16 IST

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लौकी की बेल घर पर कैसे लगाएं, जानें इसका आसान तरीका और फायदा

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