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Last Updated:October 29, 2025, 09:02 IST
Gardening Tips: सर्दियों की शुरुआत पौधों की री-पॉटिंग के लिए सबसे सही समय होती है. इस दौरान पौधों को नई मिट्टी और पोषक तत्वों की जरूरत होती है. ध्यान रखें कि री-पॉटिंग करते समय जड़ों को नुकसान न पहुंचे और नई मिट्टी में कंपोस्ट मिलाना न भूलें.
सीकर. जैसे-जैसे मौसम बदलता है, वैसे वैसे ही पौधों की ज़रूरतें भी बदलती हैं. सर्दियों के मौसम में जिस प्रकार हम प्रभावित होते हैं वैसी ही शुरुआती समय में पौधे भी प्रभावित होते हैं. ऐसे में सर्दी के मौसम में गार्डन और बालकनी के पौधों में कुछ बदलाव की आवश्यकता होती है. सर्दी का शुरुआती समय पौधों की मिट्टी बदलने का सही समय मानी जाती है. इस दौरान तापमान संतुलित रहता है और पौधे तनाव के बिना नई मिट्टी में आसानी से ढल जाते हैं. मिट्टी बदलने से पौधों को नया पोषण मिलता है और उनकी वृद्धि तेज होती है.

मिट्टी बदलने का महत्व: गार्डेनिंग एक्सपर्ट रमेश कुमार ने बताया कि पौधों की मिट्टी में समय-समय पर बदलाव उनकी सेहत और विकास के लिए बेहद जरूरी होता है. पुरानी मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व धीरे-धीरे खत्म हो जाते हैं, जिससे पौधों की वृद्धि रुक जाती है. नई मिट्टी उन्हें ताजगी और ताकत देती है. जब पौधा अपने पुराने गमले में पूरी तरह फैल जाए या जड़ें बाहर निकलने लगें, तो समझ लें कि री-पॉटिंग का समय आ गया है. ऐसा करने से पौधा स्वस्थ रहेगा और लंबे समय तक जीवित रहेगा.

सही मौसम और समय का चयन: मिट्टी बदलने के लिए ठंड का मौसम सबसे सही माना जाता है. सितंबर से दिसंबर या फरवरी से मार्च के बीच पौधे नई मिट्टी में आसानी से रच-बस जाते हैं. इस दौरान तापमान पौधों की वृद्धि के लिए अनुकूल रहता है. अगर जड़ों की हल्की छंटाई करनी हो, तो यह समय सबसे सुरक्षित होता है क्योंकि इससे पौधों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता. हालांकि पौधों को इस दौरान अधिक ठंड से बचाना चाहिए.

नया गमला और मिट्टी का मिश्रण तैयार करना: गार्डेनिंग एक्सपर्ट रमेश कुमार ने बताया कि री-पॉटिंग के लिए हमेशा पुराने गमले से 2 इंच बड़ा गमला चुनें ताकि जड़ों को फैलने की जगह मिले. मिट्टी का मिश्रण तैयार करते समय गार्डन मिट्टी, वर्मी कम्पोस्ट और रेत को समान अनुपात में मिलाएं. यह मिश्रण पौधों के लिए पोषक और हल्का रहता है, जिससे जल निकासी बेहतर होती है और जड़ें सड़ती नहीं हैं.

जड़ों की कटाई और नमी बनाए रखना: गार्डेनिंग एक्सपर्ट के अनुसार, पौधों की री-पॉटिंग से पहलेउनकी सूखी या सड़ी हुई जड़ों को साफ कटर से काट देना चाहिए. इससे पौधे की नई जड़ें मजबूत बनती हैं. इसके अलावा मिट्टी डालने के बाद हल्की नमी बनाए रखें, लेकिन ध्यान रखें कि मिट्टी बहुत ज्यादा गीली न हो. हल्का पानी या स्प्रे पर्याप्त है ताकि पौधा नई मिट्टी में आसानी से जुड़ जाए. री-पॉटिंग के दौरान थोड़ी सावधानी भी बरते.

गमला बदलने की प्रक्रिया: री-पॉटिंग से कुछ घंटे पहले पौधे को थोड़ा पानी दें ताकि जड़ें मुलायम हो जाएं. पौधे को सावधानीपूर्वक पुराने गमले से निकालें और जड़ों को हल्के हाथों से खोलें. नए गमले में नीचे कंकड़ या पत्थर की परत डालें, जिससे जल निकासी बनी रहे. फिर पौधे को सीधा रखकर चारों ओर मिट्टी भर दें और हल्के हाथ से दबा दें.

री-पॉटिंग के बाद पौधों की देखभाल: मिट्टी बदलने के तुरंत बाद पौधे को सीधे धूप में न रखें. कुछ दिन तक उसे छायादार और हवादार जगह पर रखें ताकि वह नई मिट्टी में सहज हो सके. जब पौधा नई मिट्टी में जम जाए, तब धीरे-धीरे उसे धूप में रखना शुरू करें. ऐसे में नियमित रूप से हल्का पानी और पोषण देने से पौधा फिर से हरा-भरा और तंदुरुस्त हो जाएगा.
First Published :
October 29, 2025, 09:02 IST
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Gardening Tips: छोटी चूक…बड़ा नुकसान, री-पॉटिंग का सीजन शुरू



