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भीलवाड़ा में लहसुन की खेती का धमाका! वैज्ञानिक तकनीक से किसान उठा रहे बेमिसाल मुनाफा

Last Updated:November 14, 2025, 17:47 IST

Agriculture News : भीलवाड़ा में लहसुन की खेती किसानों के लिए सोने की खान बन सकती है, अगर वे वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल करें. सही मिट्टी, उन्नत किस्में, संतुलित खाद और सिंचाई प्रबंधन अपनाकर किसान कम मेहनत में बंपर पैदावार ले सकते हैं. कृषि विभाग भीलवाड़ा ने किसानों को अधिक लाभ दिलाने के लिए जरूरी टिप्स और बेहतरीन किस्मों की जानकारी दी है.

भीलवाड़ा : फायदे की खेती की बात की जाए तो लहसुन की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है. भीलवाड़ा में भी ज्यादातर किसान लहसुन की खेती करते हैं ऐसे में अगर किसान लहसुन की खेती में कम मेहनत अच्छी उपज और फायदा चाहते हैं तो एक तकनीक से खेती कर सकतें हैं जिसमें सही जलवायु, मिट्टी, उन्नत किस्मों और उचित मैनेजमेंट से किसान लहसुन की बंपर पैदावार ले सकते हैं. लहसुन की खेती में सही प्रबंधन उन्नत किस्में और उचित सिंचाई से किसानों को बेहतर पैदावार और मुनाफा मिल सकता है. किसान रासायानिक उर्वरकों की बजाए जैविक खाद का उपयोग करके फसल को बेहतर कर सकतें हैं. बुआई से लेकर कटाई तक किसानों को किन ख़ास बातों का ध्यान रखना चाहिए.

भीलवाड़ा कृषि विभाग के कृषि अधिकारी कजोड़मल गुर्जर ने बताया कि फायदे की फसलों में से एक लहसुन की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है, बशर्ते वैज्ञानिक तरीकों और कुछ महत्त्वपूर्ण बातों का ध्यान रखें. सही जलवायु, मिट्टी, उन्नत किस्मों और उचित प्रबंधन से किसान लहसुन की बंपर पैदावार ले सकते हैं लहसुन की बुवाई के लिए रेतीली दोमट से लेकर मध्यम काली, अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी सर्वोत्तम मानी जाती है, इसका पीएच मान 6.0 से 7.0 के बीच हो. खेत की गहरी जुताई कर उसे भुरभुरा बनाना और अंतिम जुताई में पर्याप्त मात्रा में गोबर की खाद मिलाना जरूरी है. गोबर की खाद के साथ संतुलित मात्रा में रासायनिक उर्वरक का प्रयोग करें. मिट्टी परीक्षण के आधार पर सूक्ष्म पोषक तत्त्व भी दें. बुवाई के तुरंत बाद पहली हल्की सिंचाई करें. फसल कटाई से 10-15 दिन पहले सिंचाई बंद कर दें, ताकि बल्ब अच्छी तरह पक सकें. समय-समय पर निराई-गुड़ाई और विशेषज्ञ की सलाह पर खरपतवारना का प्रयोग करें. थ्रिप्स 3 माइट्स जैसे कीट और बैंगनी धब्बा और डाउनी मिल्ड्यू जैसे रोगों से बर के लिए नियमित निगरा और उपचार जरूरी है. प्रतिरोधी किस्मों का चर इस समस्या को कम क में सहायक होता है.

लहसुन की खेती की उन्नत किस्मेंकृषि अधिकारी कजोड़मल गुर्जर ने बताया कि लहसुन की खेती करने वाले किसान इन तरह की किस्मों की खेती कर सकते हैं जिसमें एग्रीफाउंड सफेद जी-41, यह किस्म 160 से 165 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. प्रति हेक्टेयर औसत उपज 125 से 130 क्विंटल तक होती है. यमुना सफेद 2 जी-50, इसकी खेती से 130 से 140 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार होती है. जी 2820 किस्म की गांठे बड़ी होती हैं. इसकी खेती से प्रति हेक्टेयर 175 से 200 क्विंटल तक पैदावार ले सकते हैं. यमुना सफेद-3 जी-282 किस्म प्रति हेक्टेयर 150-175 क्विंटल तक उपज प्राप्त कर सकते हैं.

फसल तैयार होने के बाद ऐसे करें भंडारलहसुन की पत्तियां पीली पड़कर सूखने लगें, तो मतलब फसल कटाई के तैयार है. सावधानी से खोदकर निकालें और 7 दिनों तक छायादार स्थ पर सुखाएं. इससे लहरु की भंडारण क्षमता बढ़ते भंडारण ठंडी, सूखी और अच्छी हवादार जगह फ करें, ताकि अंकुरण और सड़न से बचा जा सके.

Rupesh Kumar Jaiswal

रुपेश कुमार जायसवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस और इंग्लिश में बीए किया है. टीवी और रेडियो जर्नलिज़्म में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं. फिलहाल नेटवर्क18 से जुड़े हैं. खाली समय में उन…और पढ़ें

रुपेश कुमार जायसवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस और इंग्लिश में बीए किया है. टीवी और रेडियो जर्नलिज़्म में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं. फिलहाल नेटवर्क18 से जुड़े हैं. खाली समय में उन… और पढ़ें

Location :

Bhilwara,Rajasthan

First Published :

November 14, 2025, 17:47 IST

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भीलवाड़ा में लहसुन खेती का धमाका! वैज्ञानिक तरीकों से किसानों को भारी मुनाफा

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