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Last Updated:November 02, 2025, 19:05 IST
Lahsun Ki Kheti: लहसुन की खेती अब सिर्फ उपजाऊ जमीन तक सीमित नहीं रही. किसान रेगिस्तानी इलाकों में भी नई तकनीक और सही तरीकों से शानदार फसल उगा रहे हैं. उचित सिंचाई, जैविक खाद और सही बीज चयन से किसान बंपर मुनाफा कमा सकते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार यह फसल कम लागत में अधिक लाभ देती है.
देशभर में लहसुन की मांग सालभर बनी रहती है. रसोई में मसाले के रूप में और औषधीय उपयोग के लिए भी इसकी काफी डिमांड रहती है. यही वजह है कि किसान अब पारंपरिक फसलों के बजाय लहसुन की ओर रुख कर रहे हैं. लहसुन को “सफेद सोना” भी कहा जाता है क्योंकि इसकी बाजार कीमत अक्सर ऊंची रहती है और भंडारण की सुविधा होने से किसान इसे लंबे समय तक रखकर बेच सकते हैं.

धान, तिल और उड़द की फसलें कट चुकी हैं. खेत खाली हैं और अब किसान रबी सीजन की तैयारी में जुट गए हैं. इस बार किसानों की नजर लहसुन की खेती पर है क्योंकि ये फसल कम मेहनत और मुनाफा ज्यादा देती है. अगर वैज्ञानिक विधि अपनाकर किसान लहसुन की खेती करता है तो किसानों की आमदनी दोगुनी हो जाती है.

सरहदी बाड़मेर जिले के मिठड़ी निवासी किसान उम्मेदाराम प्रजापत कश्मीर की लहसुन की खेती कर रहे है. किसान उम्मेदाराम प्रजापत लोकल 18 से बात करते हुए बताते हैं कि लहसुन की खेती के लिए वही खेत उपयुक्त होता है जिसमें जीवांश की मात्रा पर्याप्त हो. लहसुन के लिए दोमट मिट्टी सबसे बेहतर मानी जाती है क्योंकि इसमें नमी संतुलित रहती है और पौधे अच्छी तरह विकसित होते हैं.

खेती करने से पहले खेत की 4 से 5 बार गहरी जुताई करनी चाहिए ताकि मिट्टी भुरभुरी और नरम हो जाए. इससे पौधों की जड़ें गहराई तक फैल पाती हैं. जुताई के दौरान खेत में जल निकासी की व्यवस्था का ध्यान रखना भी जरूरी है क्योंकि पानी जमने से लहसुन की फसल सड़ने का खतरा बढ़ जाता है.

लहसुन की कई प्रजातियां होती हैं लेकिन उच्च पैदावार के लिए कुछ खास किस्में है जिनसे अच्छा उत्पादन ले सकते है. इनमें जमुना सफेद 1, जमुना सफेद 2, जमुना सफेद 3, एग्रीफाउंड सफेद और एग्रीफाउंड पार्वती प्रमुख हैं.

बाड़मेर कृषि अधिकारी ड़ॉ बाबूराम राणावत के मुताबिक लहसुन की उत्पादकता बीज बोने की दूरी पर काफी निर्भर करती है. उन्होंने बताया कि पौधे से पौधे और पंक्ति से पंक्ति की दूरी लगभग 10-10 सेंटीमीटर रखनी चाहिए. सही दूरी पर बुवाई करने से न सिर्फ फसल मजबूत बनती है बल्कि कंद भी बड़े आकार के और बेहतर गुणवत्ता वाले निकलते हैं.
First Published :
November 02, 2025, 19:05 IST
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