Gene editing: necessary for better crops | जीन एडिटिंग : बेहतर फसलों की लिए जरूरी
जयपुरPublished: Jan 05, 2023 11:56:12 pm
यह नई टेक्नॉलॉजी कम समय में अपनी प्रभावशीलता साबित कर चुकी है

नई दिल्ली. जीन एडिटिंग टेक्नॉलॉजी पूरी दुनिया में एक नवीन बायोटेक्नॉलॉजिकल एप्लीकेशन के रूप में सुर्खियों में है, जिसने वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, और कृषि विशेषज्ञों को पौध प्रजनन के क्षेत्र में क्रांति लाकर कृषि एवं खाद्य प्रणाली में नवपरिवर्तन लाने की उम्मीद और आत्मविश्वास प्रदान किया है। इसने फसलों में अलग प्रजातियों का बाहरी डीएनए डाले बिना अपेक्षित गुणों का विकास करने या अनपेक्षित गुणों को समाप्त करने का साधन दिया है। जीन एडिटिंग में डीएनए में सटीक छंटनी करके जीनोम में संशोधन किया जाता है, जिसके बाद प्राकृतिक रिपेयर की प्रक्रिया शुरू होती है और कुछ डीएनए आधार जुड़ जाते हैं या समाप्त हो जाते हैं। यह संशोधन प्राकृतिक म्यूटेशन के समान होता है, इसलिए एडिटेड पौधों को उतने गहन सुरक्षा मूल्यांकनों की जरूरत नहीं होती है, जो ट्रांसजेनिक फसलों के लिए जरूरी हैं।
डॉ. रत्ना कुमरिया, डायरेक्टर – एग्री बायोटेक ने कहा है कि जीन एडिटिंग बहुत सुरक्षित है और प्राकृतिक घटनाओं से प्राप्त म्यूटेटेड पौधों के समान होती है। हालांकि एडिटिंग का सबसे बड़ा फायदा इसकी सरलता, प्रभावशीलता, और तेजी से इसका जोखिम मुक्त होना है। यह नई टेक्नॉलॉजी बहुत छोटे समय में अपनी प्रभावशीलता साबित कर चुकी है। विभिन्न बीमारियों और प्रतिकूल मौसम ने वैश्विक स्वास्थ्य, खाद्य और पोषण की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। जलवायु परिवर्तन के कारण गंभीर होते जैविक और अजैविक तनावों की बढ़ती तीव्रता और फ्रीक्वेंसी के कारण कृषि क्षेत्र पर संकट छाया हुआ है। फसल और उत्पाद को नुकसान हो रहा है, और उनमें पोषण का विकास नहीं हो पा रहा। इस परिदृश्य में जीन एडिटिंग बेहतर और सुरक्षित भविष्य के लिए एक विश्वसनीय और सतत मार्ग प्रतीत होता है।
गाबा टोमैटो जापान के कमर्शियल बाजार में प्रवेश करने वाली पहली जीन-एडिटेड खाद्य फसल थी। इसमें मानसिक तनाव और रक्तचाप को कम करने की क्षमता है। टमाटर की एक दूसरी किस्म में एडिटिंग टेक्नॉलॉजी का उपयोग कर उसमें विटामिन डी का मात्रा बढ़ाई गई। यह फसल उन लाखों लोगों के लिए वरदान स्वरूप आई, जिन्हें विटामिन-डी की कमी के कारण कमजोर हड्डियों, कैंसर और कमजोर इम्युनिटी का जोखिम है। इसी प्रकार, एडिटिंग का इस्तेमाल कर विटामिन ए से भरपूर चावल का विकास किया गया, जिसमें बीटा कैरोटीन उच्च मात्रा में मौजूद हो।