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Ghana Bird Ringing | Keoladeo National Park Birds | Bharatpur Ghana Sanctuary | Migratory Birds Study | Bird Migration Science

Last Updated:December 20, 2025, 23:19 IST

Keoladeo National Park Birds: भरतपुर के विश्व प्रसिद्ध घना नेशनल पार्क में वर्षों बाद बर्ड रिंगिंग की वैज्ञानिक प्रक्रिया फिर से शुरू की जा रही है. इस तकनीक के जरिए प्रवासी और स्थानीय पक्षियों के उड़ान मार्ग, प्रवास अवधि और जीवन चक्र का गहराई से अध्ययन किया जाएगा. पक्षियों के पैरों में विशेष रिंग लगाकर उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी. यह शोध न सिर्फ वन्यजीव संरक्षण को मजबूत करेगा, बल्कि घना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पक्षी अनुसंधान का प्रमुख केंद्र भी बनाएगा.

भरतपुर: केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर के पक्षी शोध का अहम केंद्र बन गया है. लगभग 35 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद यहां बर्ड रिंगिंग की वैज्ञानिक प्रक्रिया दोबारा शुरू की गई है. इस पहल से प्रवासी और स्थानीय पक्षियों की उड़ान क्षमता, ऊर्जा संचय, वजन में होने वाले बदलाव और माइग्रेशन रूट से जुड़ी कई नई और महत्वपूर्ण जानकारियां मिलने की उम्मीद है. यह शोध बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी बीएनएचएस और राजस्थान वन विभाग की संयुक्त पहल से किया जा रहा है.

बर्ड रिंगिंग के तहत पक्षियों को सुरक्षित तरीके से पकड़कर उनके वजन पंखों की लंबाई शारीरिक स्थिति और उम्र से जुड़े आंकड़े दर्ज किए जाते हैं. इसके बाद उनके पैरों में हल्की धातु की रिंग लगाकर उन्हें दोबारा खुले आसमान में छोड़ दिया जाता है. जब वही पक्षी किसी अन्य स्थान पर दोबारा पकड़े जाते हैं या देखे जाते हैं.तो उनकी यात्रा और व्यवहार से जुड़े अहम तथ्य सामने आते हैं.इस अध्ययन के माध्यम से यह जानने का प्रयास कर रहे हैं.

कि बेहद हल्के वजन की वॉब्लर प्रजाति की चिड़िया हजारों किलोमीटर की लंबी यात्रा से पहले और दौरान अपना वजन कैसे बढ़ा लेती है. इसके अलावा राजस्थान की गौरैया मध्य एशिया तक किन मार्गों से पहुंचती है और रास्ते में किन-किन स्थानों को पड़ाव के रूप में चुनती है. इस पर भी शोध किया जा रहा है. एक अन्य महत्वपूर्ण विषय बार-हेडेड गीज यानी धारीदार सिर वाली हंस प्रजाति से जुड़ा है.अब तक यह माना जाता रहा है कि ये पक्षी हिमालय को पार कर पारंपरिक मार्गों से प्रवास करते हैं.

लेकिन हाल के वर्षों में जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय बदलावों के कारण इनके मार्गों में बदलाव की संभावना जताई जा रही है. बर्ड रिंगिंग से यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि क्या ये पक्षी अब हिमालय पार करने के लिए वैकल्पिक रास्ते चुन रहे हैं. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान एशिया के सबसे महत्वपूर्ण पक्षी आवासों में से एक है.जहां हर साल सैकड़ों प्रजातियों के प्रवासी पक्षी आते हैं. ऐसे में लंबे समय बाद शुरू हुई यह प्रक्रिया न केवल भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर पक्षी विज्ञान के लिए बेहद अहम साबित होगी.

About the AuthorJagriti Dubey

With more than 6 years above of experience in Digital Media Journalism. Currently I am working as a Content Editor at News 18 in Rajasthan Team. Here, I am covering lifestyle, health, beauty, fashion, religion…और पढ़ें

Location :

Bharatpur,Rajasthan

First Published :

December 20, 2025, 23:19 IST

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कहां से आते हैं? घना में बर्ड रिंगिंग से खुलेगा पक्षियों के जीवन चक्र का रहस्य

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