Global Hunger Index: ग्लोबल हंगर इंडेक्स को भारत सरकार ने बताया गलत, कहा- यह देश की छवि धूमिल करने का प्रयास
हाइलाइट्स
ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 में भारत की रैंकिंग 121 देशों में से 107 वें स्थान पर खिसक गई है.
एशिया में केवल अफगानिस्तान ही केवल भारत से पीछे है और वह 109वें स्थान पर है.
भारत सरकार ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह रिपोर्ट जमीनी हकीकत से कटी हुई है.
नई दिल्ली. ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 पर भारत सरकार ने सवाल उठाते हुए कहा कि यह सूचकांक गंभीर गणना प्रणाली मुद्दों से ग्रस्त है और इसकी गणना त्रुटिपूर्ण है. केंद्र सरकार ने इसके साथ ही शनिवार को कहा कि वैश्विक भूख सूचकांक 2022 (Global Hunger Index 2022) में भारत को 107वें स्थान पर रखना देश की छवि को ‘एक राष्ट्र जो अपनी आबादी की खाद्य सुरक्षा और पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है’ के रूप में खराब किए जाने के निरंतर प्रयास का हिस्सा है.
महिला और बाल विकास मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जुलाई 2022 में यह मामला खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के समक्ष उठाया गया था कि एफआईईएस (खाद्य असुरक्षा अनुभव पैमाना) सर्वेक्षण मॉड्यूल डेटा के आधार पर इस तरह के अनुमानों का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि ऐसे सांख्यिकीय निष्कर्ष गुण-दोष पर आधारित नहीं होंगे.
मंत्रालय ने कहा, ‘हालांकि, इस बात का आश्वासन दिया जा रहा था कि इस मुद्दे पर और भी काम किया जाएगा. लेकिन, इस तरह के तथ्यात्मक मुद्दों के बावजूद वैश्विक भूख सूचकांक रिपोर्ट का प्रकाशन खेदजनक है.’
‘भारत की छवि को धूमिल करने का प्रयास जारी’
मंत्रालय ने कहा, ‘भारत की छवि को एक ऐसे राष्ट्र के रूप में धूमिल करने के लिए जारी प्रयास एक बार फिर दिखाई दे रहा है, जो अपनी आबादी की खाद्य सुरक्षा और पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है. गलत सूचना साझा करना वैश्विक भूख सूचकांक की पहचान बनता दिख रहा है.’
केंद्र ने कहा कि सूचकांक की गणना के लिए इस्तेमाल किए गए चार संकेतकों में से तीन बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित हैं और ये पूरी आबादी का प्रस्तुतीकरण नहीं कर सकते.
सरकार ने कहा, ‘चौथा और सबसे महत्वपूर्ण संकेतक ‘कुपोषित आबादी का अनुपात’ (पीओयू) का अनुमान 3000 के बहुत छोटे नमूने के आकार पर किए गए एक सर्वेक्षण पर आधारित है.’ सरकार ने कहा कि यह रिपोर्ट जमीनी हकीकत से काफी अलग तस्वीर पेश करने वाली है.
एशिया में अफगानिस्तान के बाद सबसे बुरा हाल
वैश्विक भूख सूचकांक (जीएचआई) के जरिए वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तरों पर भूख पर नजर रखी जाती है और उसकी गणना की जाती है. 29.1 अंकों के साथ भारत में भूख का स्तर ‘गंभीर’ है. शनिवार को जारी वैश्विक भूख सूचकांक 2022 के मुताबिक,,भारत की स्थिति और खराब हुई है और वह 121 देशों में 107वें नंबर पर पहुंच गया है. भारत इससे पहले वर्ष 2021 में 116 देशों में 101वें नंबर पर था जबकि 2020 में वह 94वें पायदान पर था.
इस रिपोर्ट को देखने पर यह भी पता चलता है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान (99), बांग्लादेश (84), नेपाल (81) और श्रीलंका (64) भारत के मुकाबले कहीं अच्छी स्थिति में हैं. एशिया में केवल अफगानिस्तान ही भारत से पीछे है और वह 109वें स्थान पर है.
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भारत में बच्चों में नाटेपन की दर सबसे अधिक
इस रिपोर्ट में यह कहा गया है कि दुनिया में सबसे अधिक भूख के स्तर वाले क्षेत्र, दक्षिण एशिया में बच्चों में नाटेपन की दर (चाइल्ड स्टंटिंग रेट) सबसे अधिक है. इसमें कहा गया है, ‘भारत में ‘चाइल्ड वेस्टिंग रेट’ 19.3 प्रतिशत है जो दुनिया के किसी भी देश में सबसे अधिक है और भारत की बड़ी आबादी के कारण यह इस क्षेत्र के औसत को बढ़ाता है.’
भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में बच्चों में नाटेपन की दर (चाइल्ड स्टंटिंग रेट) 35 से 38 फीसदी के बीच है और क्षेत्र में अफगानिस्तान में यह दर सबसे अधिक है.
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इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अल्पपोषण की व्यापकता 2018-2020 में 14.6 प्रतिशत से बढ़कर 2019-2021 में 16.3 हो गई है. इसका मतलब है कि दुनियाभर के कुल 82.8 करोड़ में से भारत में 22.43 करोड़ की आबादी अल्पपोषित है.
पांच साल की आयु तक के बच्चों में मृत्यु दर के सबसे बड़े संकेतक ‘चाइल्ड वेस्टिंग’ की स्थिति भी बदतर हुई है. 2012-16 में 15.1 प्रतिशत से बढ़कर 2017-21 में यह 19.3 प्रतिशत हो गया है. (भाषा इनपुट के साथ)
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Tags: Hunger, Malnourished state
FIRST PUBLISHED : October 15, 2022, 19:41 IST