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Godess Durga will be pleased with different Prasad during Navratri – News18 हिंदी

कृष्णा कुमार गौड़/जोधपुर:- चैत्र नवरात्रि की शुरुआत आज से हो गई है. नौ दिन के इस पर्व में भक्त व्रत रखते हुए माता के नौ रूपों की पूजा उपासना करते हैं. उपवास रखने के साथ ही भक्त सात्विक जीवन जीते हैं. नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की उपासना होती है. इनमें मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघटा, कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और मां सिद्धिदात्री की उपासना होती है. नवरात्रि के 9 दिन नौ देवियों को अलग-अलग भोग लगाया जाता है.

हर दिन माता को अलग-अलग चीजों का लगाएं भोग
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने लोकल 18 को बताया कि इस बार चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल यानि आज से प्रारंभ हो रहा है, जिसका समापन 17 अप्रैल को होगा. ऐसे में माता के भक्त पूरे 9 दिनों तक माता की पूजा-अर्चना करके मां को प्रसन्न करना चाहते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन नौ दिनों में हर दिन माता को अलग-अलग चीजों का भोग लगाने का विधान बताया गया है. नवरात्रि की 9 देवियां अलग-अलग 9 शक्तियों का प्रतीक मानी जाती हैं. अगर आप भी इन नौ दिनों में माता को प्रसन्न करके अपनी हर मुराद झट से पूरी कर लेना चाहते हैं, तो नवरात्रि में हर दिन के हिसाब से माता को उनकी पसंद का भोग लगाएं.

पहला दिन- मां शैलपुत्री
नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है. मां शैलपुत्री को आरोग्य की देवी माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि कोई व्यक्ति नवरात्रि के पहले दिन गाय के शुद्ध देसी घी का भोग माता को लगाता है, तो मां शैलपुत्री की कृपा से व्यक्ति को निरोग और खुश रहने का वरदान मिलता है.

दूसरा दिन- मां ब्रह्मचारिणी
जो लोग मां ब्रह्मचारिणी से अपने लिए दीर्घायु का वरदान चाहते हैं, उन्हें नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग लगाना चाहिए. मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग लगाने से माना जाता है कि व्यक्ति को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है.

तीसरा दिन- मां चंद्रघंटा
नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को दूध और दूध से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है. ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन के हर दु:ख समाप्त जाते हैं.

चौथा दिन- मां कूष्मांडा
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है. मां कूष्मांडा को मालपुए का भोग लगाने की परंपरा है. ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन ब्राह्मणों को मालपुए खिलाने चाहिए. ऐसा करने से बुद्धि का विकास होता है और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है.

पांचवां दिन- मां स्कंदमाता
नवरात्र के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा होती है. नवरात्र के पांचवें दिन मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाया जाता है. स्कंदमाता की पूजा करने से आजीवन आरोग्य रहने का वरदान मिलता है.

छठां दिन- मां कात्यायनी
नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है. मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाने से आकर्षण का आशीर्वाद मिलता है.

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सातवां दिन- मां कालरात्रि
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजी की जाती है. इस दिन माता को गुड़ का भोग लगाया जाता है. माना जाता है कि गुड़ का भोग लगाने से आकस्मिक संकट से रक्षा होती है.

आठवां दिन- मां महागौरी
नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी की पूजा की जाती है. इस दिन लोग कन्या पूजन भी करते हैं. इस दिन महागौरी की पूजा करते समय माता को नारीयल का भोग लगाया जाता है. माना जाता है कि ऐसा करने से संतान से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं.

नौवां दिन- मां सिद्धिदात्री
नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है. इस दिन माता को तिल का भोग लगाते हैं. जिन लोगों को आकस्मिक मृत्यु का भय होता है, वो मां सिद्धिदात्री की पूजा करते हैं.

Tags: Jodhpur News, Local18, Navratri, Rajasthan news

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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