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Gold and silver prices rise in the domestic market due to the strong g | ग्लोबल मार्केट तेज रहने के असर से घरेलू बाजार में सोना-चांदी की कीमतों में तेजी

locationइंदौरPublished: Oct 11, 2023 07:19:29 pm

इंदौर बाजार ….. 11-10-2023-आरटीजीएस में सोना कैडबरी 59250 रुपए प्रति दस ग्राम। चांदी (एसए) चौरसा 70900 रुपए किलो

ग्लोबल मार्केट तेज रहने के असर से घरेलू बाजार में सोना-चांदी की कीमतों में तेजी

ग्लोबल मार्केट तेज रहने के असर से घरेलू बाजार में सोना-चांदी की कीमतों में तेजी

22 कैरेट सोना 54275 रुपए दस ग्राम
इंदौर. ग्लोबल मार्केट तेज रहने के असर से घरेलू बाजार में सोना-चांदी की कीमतों में तेजी बनी रही। कॉमेक्स पर सोना ऊपर में 1875.50 डॉलर प्रति औंस जाने के बाद यह 1870.00 डॉलर प्रति औंस रहा। चांदी ऊपर में 22.19 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार किया बाद में यह 21.98 डॉलर प्रति औंस पर रही। इंदौर सराफा बाजार सोना कैडबरी नकदी में (99.50) 59550 रुपए प्रति दस ग्राम। 22 कैरेट 54275 रुपए प्रति दस ग्राम। चांदी (एसए) चौरसा नकदी में 71300 व टंच 71475 रुपए प्रति किलो रही। आरटीजीएस में सोना कैडबरी 59250 रुपए प्रति दस ग्राम। चांदी (एसए) चौरसा 70900 रुपए किलो रही। चांदी सिक्का 825 रुपए प्रति नग रहा।

आलू-प्याज व लहसुन की आवक सीमित
इंदौर. देवी अहिल्याबाई होलकर फल एवं सब्जी थोक मंडी में आलू-प्याज और लहसुन की आवक सीमित रही। मंडी में प्याज की 60 हजार, लहसुन की 8 हजार व आलू की 7 हजार बोरी आवक हुई। प्याज सुपर बेस्ट 2000 से 2350, बेस्ट 2000 से 2100 व गोल्टी 1800 से 2000, लहसुन ऊंटी क्वालिटी 12500 से 13000, देशी लहसुन 12000 से 12500, एवरेज 10500 से 11000, बारिक 7000 से 9000, चिप्स क्वालिटी का आलू 1100 से 1300 व ज्योति 800 से 1100 रुपए क्विंटल बिका।
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देश में 8 लाख बोरी सोयाबीन की आवक
विदेशी मंदी से सोया तेल में गिरावट
इंदौर. विदेशी बाजारों से दिशा स्पष्ट नहीं होने के कारण भारतीय बाजारों में पाम और सोया तेल बाजार में गिरावट आई है। मलेशिया पाम ऑयल बोर्ड (एम्पोब) ने वर्ष 2024 के दौरान पाम तेल (सीपीओ) का घरेलू उत्पादन 185-188 लाख टन के बीच होने का अनुमान लगाया है जबकि अक्टूबर-दिसम्बर 2023 की तिमाही के दौरान इसका भाव 3500 से 4000 रिंगिट प्रति टन के मध्य रहने की संभावना व्यक्त की है। आवक बढऩे से सोयाबीन की कीमतों में गिरावट दर्ज की जा रही है। देश की मंडियों में सोयाबीन की 8 लाख बोरी आवक हुई। मध्यप्रदेश में 3.50 लाख, महाराष्ट्र में 1.65 लाख, राजस्थान में 1.50 लाख व अन्य राज्यों में 1.35 लाख बोरी सोयाबीन आई। देश में सरसों की 4 लाख बोरी आवक बताई गई। राजस्थान में 2.25 लाख, मध्यप्रदेश में 50 हजार, यूपी में 40 हजार, पंजाब में 15 हजार, गुजरात में 10 हजार व अन्य राज्यों में 60 हजार बोरी सरसों की आवक हुई।
लूज तेल (प्रति दस किलो) : इंदौर मंूगफली तेल 1600 से 1620, मुंबई मूंगफली तेल 1590, इंदौर सोयाबीन रिफाइंड 855 से 860, इंदौर सोयाबीन साल्वेंट 815 से 820, मुंबई सोया रिफाइंड 850 से 855, मुंबई पाम तेल 805 से 808, इंदौर पाम 870, राजकोट तेलिया 2500, गुजरात लूज 1600, कपास्या तेल इंदौर 790 रुपए।
तिलहन : सरसों 6300 से 6500, रायड़ा 4900 से 5100, सोयाबीन 4000 से 4470 रुपए क्विंटल। सोयाबीन डीओसी स्पॉट 40000 रुपए टन।
प्लांटों के सोयाबीन भाव : बैतूल 4525, विप्पी 4460, लक्ष्मी 4475, सांवरिया इटारसी 4450, खंडवा 4520, रूचि 4470, धानुका 4640, एमएस नीमच 4550, एमएस पचोर 4500 व एवी 4525 रुपए।
कपास्या खली ( 60 किलो भरती) बिना टेक्स भाव – इंदौर 1775, देवास 1775, उज्जैन 1775, खंडवा 1750, बुरहानपुर 1750, अकोला 2650 रुपए।
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तमाम सरकारी प्रयासों के बावजूद तुवर दाल में तेजी बरकरार
इंदौर. केन्द्र सरकार घरेलू प्रभाग में तुवर एवं इसकी दाल की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों को नियंत्रित करने का हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन यह सफल होता नहीं दिख रहा है। हाल ही में सरकार ने स्टॉकिस्टों, दाल मिलर्स तथा बिग चेन रिटेलर्स के लिए स्टॉक धारिता सीमा में 75 प्रतिशत की भारी कटौती कर दी है मगर इसका भी बाजार पर कोई सकारात्मक असर नहीं पड़ रहा है। कुछ क्षेत्रों में तुवर दाल का खुदरा बाजार भाव बढक़र अब 200 रुपए प्रति किलो या इससे भी ऊपर पहुंच गया है। ध्यान देने की बात है कि पिछले कुछ दिनों के दौरान तुवर के दाम में थोड़ी नरमी आई है जिससे इसकी दाल का भाव मंदा पड़ सकता है। तुवर दाल के साथ-साथ अन्य प्रमुख किस्मों की दालों का भाव भी ऊंचा एवं तेज चल रहा है। खुदरा बाजार में तेजी ज्यादा देखी जा रही है जिससे आम उपभक्ताओं के साथ-साथ सरकार की चिंता भी बढ़ गई है। व्यापार विश्लेषकों का कहना है कि थोक मंडियों में तुवर की सीमित आवक हो रही है और इसका स्टॉक भी कम बचा हुआ है। विदेशों से पर्याप्त मात्रा में इसका आयात नहीं हो रहा है जबकि आयात खर्च ऊंचा बैठ रहा है। तुवर की नई घरेलू फसल दिसम्बर से पहले नहीं आएगी और उसकी हालत भी उत्साहवर्धक नहीं है। दूसरी ओर तुवर दाल में अच्छी मांग रही है जिससे कीमतों में तेजी का माहौल बना हुआ है।

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